"प्रयोग:खुशी": अवतरणों में अंतर
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+अपेक्षाकृत कम ताप की वस्तु में उस वस्तु से प्रवाहित होगी | +अपेक्षाकृत कम ताप की वस्तु में उस वस्तु से प्रवाहित होगी | ||
-उस वस्तु से [[पृथ्वी]] में प्रवाहित होगी | -उस वस्तु से [[पृथ्वी]] में प्रवाहित होगी | ||
-पृथ्वी से उस वस्तु में प्रवाहित होगी | -[[पृथ्वी]] से उस वस्तु में प्रवाहित होगी | ||
{यदि सामान्य [[पानी]] में कोई [[अण्डा]] डाला जाए तो वह डूब जाता है, पर यदि पानी में काफी मात्रा में नमक मिला हुआ हो और उसमें अण्डा डाला जाए तो-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-71 | {यदि सामान्य [[पानी]] में कोई [[अण्डा]] डाला जाए तो वह डूब जाता है, पर यदि पानी में काफी मात्रा में नमक मिला हुआ हो और उसमें [[अण्डा]] डाला जाए तो-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-71 | ||
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-[[अण्डा]] पूरी तरह से डूब जाएगा | -[[अण्डा]] पूरी तरह से डूब जाएगा | ||
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{किसी वस्तु के ताप में वृद्धि का अर्थ है कि वस्तु की -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न-4 | {किसी वस्तु के ताप में वृद्धि का अर्थ है कि वस्तु की -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न-4 | ||
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-गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है | -[[गतिज ऊर्जा]] बढ़ जाती है | ||
-स्थितिज ऊर्जा बढ़ गई है | -[[स्थितिज ऊर्जा]] बढ़ गई है | ||
-यांत्रिक ऊर्जा बढ़ गई है | -यांत्रिक ऊर्जा बढ़ गई है | ||
+ऊष्मीय ऊर्जा बढ़ गई है | +ऊष्मीय ऊर्जा बढ़ गई है | ||
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{बर्फ [[पानी]] में तैरती है, परंतु [[ऐल्कोहल]] में डूब जाती है,क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-72 | {बर्फ [[पानी]] में तैरती है, परंतु [[ऐल्कोहल]] में डूब जाती है,क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-72 | ||
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-पानी ऐल्कोहल की अपेक्षा पारदर्शी होता है | -पानी [[ऐल्कोहल]] की अपेक्षा पारदर्शी होता है | ||
-बर्फ पानी के जमने से बनती है | -बर्फ पानी के जमने से बनती है | ||
-बर्फ [[ठोस]] है जबकि ऐल्कोहल द्रव है | -बर्फ [[ठोस]] है जबकि [[ऐल्कोहल]] [[द्रव]] है | ||
+बर्फ पानी से हल्की होती है तथा ऐल्कोहल से भारी होती है | +बर्फ पानी से हल्की होती है तथा ऐल्कोहल से भारी होती है | ||
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{पराध्वनि विमान उड़ते हैं -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-26 | {पराध्वनि विमान उड़ते हैं -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-26 | ||
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-[[ध्वनि]] की चाल से | -[[ध्वनि]] की [[चाल]] से | ||
-ध्वनि की [[चाल]] से कम चाल से | -[[ध्वनि]] की [[चाल]] से कम चाल से | ||
+ध्वनि की चाल से अधिक चाल से | +ध्वनि की चाल से अधिक [[चाल]] से | ||
-[[प्रकाश]] की चाल से | -[[प्रकाश]] की [[चाल]] से | ||
{[[जल]] में [[वायु]] का बुलबुला जिसकी भाँति व्यवहार करेगा, वह है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-152 | {[[जल]] में [[वायु]] का बुलबुला जिसकी भाँति व्यवहार करेगा, वह है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-152 | ||
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-की [[ऊर्जा]] बढ़ जाती है | -की [[ऊर्जा]] बढ़ जाती है | ||
+की चाल घट जाती है | +की [[चाल]] घट जाती है | ||
-का द्रव्यमान बढ़ जाता है | -का [[द्रव्यमान]] बढ़ जाता है | ||
-का भार बढ़ जाता है | -का भार बढ़ जाता है | ||
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-पारे में कोई वस्तु डूब नहीं सकती | -पारे में कोई वस्तु डूब नहीं सकती | ||
+पारे का घनत्व स्टील की अपेक्षा अधिक होता है | +पारे का [[घनत्व]] स्टील की अपेक्षा अधिक होता है | ||
-स्टील का घनत्व पारे की अपेक्षा अधिक होता है | -स्टील का [[घनत्व]] पारे की अपेक्षा अधिक होता है | ||
-गोली तैर नहीं सकती | -गोली तैर नहीं सकती | ||
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+आर्किमिडीज | +आर्किमिडीज | ||
-न्यूटन | -[[न्यूटन]] | ||
-लुई पाश्चर | -लुई पाश्चर | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है और उसे जमने दिया जाता है तो बोतल टूट जाती है, क्योंकि- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-53 | {जब किसी बोतल में [[पानी]] भरा जाता है और उसे जमने दिया जाता है तो बोतल टूट जाती है, क्योंकि- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-53 | ||
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+[[पानी]] जमने पर फैलता है | +[[पानी]] जमने पर फैलता है | ||
-बोतल हिमांक पर सिकुड़ती है | -बोतल हिमांक पर सिकुड़ती है | ||
-बोतल के बाहर का तापक्रम अंदर से ज्यादा होता है | -बोतल के बाहर का तापक्रम अंदर से ज्यादा होता है | ||
-पानी गर्म करने पर फैलता है | -[[पानी]] गर्म करने पर फैलता है | ||
{वस्तु के तथा उसी माध्यम में एवं उन्हीं परिस्थितियों में [[ध्वनि]] के वेग के अनुपात को कहते हैं- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-27 | {वस्तु के तथा उसी माध्यम में एवं उन्हीं परिस्थितियों में [[ध्वनि]] के वेग के अनुपात को कहते हैं- (पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-27 | ||
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{जिस सिद्धांत पर ऑप्टिकल फाइबर काम करता है, वह है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-153 | {जिस सिद्धांत पर ऑप्टिकल फाइबर काम करता है, वह है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-153 | ||
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-अपवर्तन | -[[अपवर्तन]] | ||
-प्रकीर्णन | -प्रकीर्णन | ||
+पूर्ण आंतरिक परावर्तन | +पूर्ण आंतरिक परावर्तन | ||
-व्यतिकरण | -व्यतिकरण | ||
{ऐसे पदार्थ जिनमें सामान्य अवस्था में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, लेकिन विशेष परिस्थितियों जैसे उच्च ताप या अशुद्धि मिलने पर इलेक्ट्रॉन प्राप्त किये जा सकते हैं, कहलाते हैं-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-15 | {ऐसे पदार्थ जिनमें सामान्य अवस्था में मुक्त [[इलेक्ट्रॉन]] नहीं होते, लेकिन विशेष परिस्थितियों जैसे उच्च ताप या अशुद्धि मिलने पर इलेक्ट्रॉन प्राप्त किये जा सकते हैं, कहलाते हैं-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-15 | ||
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-सुचालक पदार्थ | -सुचालक पदार्थ | ||
-कुचालक पदार्थ | -[[कुचालक पदार्थ]] | ||
-अचालक पदार्थ | -अचालक पदार्थ | ||
+अर्द्धचालक पदार्थ | +अर्द्धचालक पदार्थ | ||
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-[[ऊष्मा]] [[ऊर्जा]] का रूपांतरण ऊष्मीय ऊर्जा में होता है | -[[ऊष्मा]] [[ऊर्जा]] का रूपांतरण ऊष्मीय ऊर्जा में होता है | ||
-ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण ऊष्मा [[ऊर्जा]] में होता है | -ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण [[ऊष्मा]] [[ऊर्जा]] में होता है | ||
+यांत्रिक [[ऊर्जा]] का रूपांतरण ऊष्मीय में होता है | +यांत्रिक [[ऊर्जा]] का रूपांतरण ऊष्मीय में होता है | ||
-ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक [[ऊर्जा]] में होता है | -ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक [[ऊर्जा]] में होता है | ||
{जब कोई नाव नदी से समुद्र में प्रवेश करती है तो-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-74 | {जब कोई नाव नदी से [[समुद्र]] में प्रवेश करती है तो-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-74 | ||
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+थोड़ी ऊपर की ओर उठ जाती है | +थोड़ी ऊपर की ओर उठ जाती है | ||
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-पाइप ठंडक पाकर बढ़ जाते हैं | -पाइप ठंडक पाकर बढ़ जाते हैं | ||
{मैक अंकों का प्रयोग वेग के सम्बन्ध में किया जाता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-28 | {मैक अंकों का प्रयोग [[वेग]] के सम्बन्ध में किया जाता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-28 | ||
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-[[ध्वनि]] के | -[[ध्वनि]] के | ||
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{[[प्रकाश]] में सात [[रंग]] होते हैं। रंगों को अलग करने का क्या तरीका है ?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-156 | {[[प्रकाश]] में सात [[रंग]] होते हैं। रंगों को अलग करने का क्या तरीका है ?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-156 | ||
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+एक प्रिज्म से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | +एक प्रिज्म से [[रंग|रंगों]] को अलग-अलग किया जा सकता है | ||
-फिल्टर से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | -फिल्टर से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | ||
-पौधों से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | -पौधों से रंगों को अलग-अलग किया जा सकता है | ||
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+वैद्युत परिरोध बढ़ता है जबकि वैद्युत चालकता घटती है | +वैद्युत परिरोध बढ़ता है जबकि वैद्युत चालकता घटती है | ||
-वैद्युत परिरोध घटता है जबकि वैद्युत चालकता बढ़ती है | -वैद्युत परिरोध घटता है जबकि वैद्युत चालकता बढ़ती है | ||
-वैद्युत परिरोध एवं | -वैद्युत परिरोध एवं वैद्यत चालकता दोनों बढ़ता है | ||
-वैद्युत परिरोध एवं | -वैद्युत परिरोध एवं वैद्यत चालकता दोनों घटता है | ||
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{प्रेशर कुकर में खाना कम समय में पकता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-100 | {प्रेशर कुकर में खाना कम समय में पकता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-100 | ||
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-अधिक दाब के कारण उबलते पानी का ताप कम हो जाता है | -अधिक [[दाब]] के कारण उबलते [[पानी]] का [[ताप]] कम हो जाता है | ||
-चारों ओर से बन्द होने के कारण वायु का प्रभाव नहीं पड़ता है | -चारों ओर से बन्द होने के कारण [[वायु]] का प्रभाव नहीं पड़ता है | ||
+अधिक दाब के कारण उबलते [[पानी]] का ताप बढ़ जाता है | +अधिक [[दाब]] के कारण उबलते [[पानी]] का [[ताप]] बढ़ जाता है | ||
-प्रयुक्त पानी का वाष्पन बहुत कम हो जाता है | -प्रयुक्त [[पानी]] का [[वाष्पन]] बहुत कम हो जाता है | ||
{[[जल]] | {[[जल]] पृष्ठ पर लोहे के टुकड़े के न तैरने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-160 | ||
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+लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे | +लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भार से कम होता है | ||
-लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे | -लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भार से अधिक होता है | ||
-लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भार के | -लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भार के बराबर होता है | ||
-यह जल का विस्थापन नहीं करता है | -यह जल का विस्थापन नहीं करता है | ||
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-क्योंकि ऐसे स्थान छोड़ने से लागत बचेगी | -क्योंकि ऐसे स्थान छोड़ने से लागत बचेगी | ||
+क्योंकि धातु गर्म करने पर फैलती है तथा ठंडी होने पर संकुचित होती है | +क्योंकि धातु गर्म करने पर फैलती है तथा ठंडी होने पर संकुचित होती है | ||
-आवश्यक गुरूत्व | -आवश्यक गुरूत्व बल उत्पन्न करने के लिए | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
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-शोर की तरंगदैर्ध्य | -शोर की तरंगदैर्ध्य | ||
{[[क्षितिज]] के समीप सूर्य एवं चन्द्रमा के दीर्घ वृत्ताकार दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-154 | {[[क्षितिज]] के समीप [[सूर्य]] एवं [[चन्द्रमा]] के दीर्घ वृत्ताकार दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-154 | ||
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+पूर्ण आंतरिक | +पूर्ण आंतरिक | ||
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-उनका वास्तविक आकृति | -उनका वास्तविक आकृति | ||
{[[तांबा]] मुख्य रूप से विद्युत चालन | {[[तांबा]] मुख्य रूप से विद्युत चालन के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-17 | ||
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-इसका गलनांक अधिक होता है | -इसका गलनांक अधिक होता है | ||
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-पहले घटेगा फिर बढ़ेगा | -पहले घटेगा फिर बढ़ेगा | ||
{तैराक को नदी के मुकाबले | {तैराक को नदी के मुकाबले [[समुद्र|समुद्री]] [[पानी]] में तैरना आसन क्यों लगता है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-408;प्रश्न-77 | ||
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-समुद्री पानी में प्रदूषण कम होता है | -समुद्री [[पानी]] में प्रदूषण कम होता है | ||
-समुद्री तरंगे तैराक को तैरने में सहायक होती है | -समुद्री तरंगे तैराक को तैरने में सहायक होती है | ||
+समुद्री पानी का घनत्व साधारण पानी से ज्यादा होता है | +समुद्री [[पानी]] का [[घनत्व]] साधारण पानी से ज्यादा होता है | ||
-[[समुद्र]] में पानी का आयतन ज्यादा होता है | -[[समुद्र]] में [[पानी]] का आयतन ज्यादा होता है | ||
{[[सूर्य]] पर ऊर्जा का निर्माण होता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-101 | {[[सूर्य]] पर [[ऊर्जा]] का निर्माण होता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-101 | ||
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-नाभिकीय विखण्डन द्वारा | -नाभिकीय विखण्डन द्वारा | ||
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-[[ब्रिटेन]] | -[[ब्रिटेन]] | ||
-[[जर्मनी]] | -[[जर्मनी]] | ||
- | -[[अमरीका]]. | ||
+ग्रीस | +ग्रीस | ||
{[[चांदी]] ऊष्मीय चालकता तांबे की ऊष्मीय चालकता की अपेक्षा-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-66 | {[[चांदी]] [[ऊष्मा|ऊष्मीय]] चालकता तांबे की ऊष्मीय चालकता की अपेक्षा-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-66 | ||
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- | -कम होती है | ||
+अधिक होती है | +अधिक होती है | ||
-बराबर होती है | -बराबर होती है | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{साधारण बातचीत के [[ध्वनि]] की | {साधारण बातचीत के [[ध्वनि]] की तीव्रता होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-30 | ||
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-20-30 डेसीबल | -20-30 डेसीबल | ||
+30-40 डेसीबल | +30-40 डेसीबल | ||
-50-60 डेसीबल | -50-60 डेसीबल | ||
-90- | -90-100 डेसीबल | ||
{हमें वास्तविक सूर्योदय से कुछ मिनट पूर्व ही [[सूर्य]] दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-157 | {हमें वास्तविक सूर्योदय से कुछ मिनट पूर्व ही [[सूर्य]] दिखाई देने का कारण है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-157 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रकाश का प्रकीर्णन | -[[प्रकाश]] का प्रकीर्णन | ||
-प्रकाश का विवर्तन | -[[प्रकाश]] का विवर्तन | ||
-प्रकाश का पूर्ण आंतरिक विवर्तन | -[[प्रकाश]] का पूर्ण आंतरिक विवर्तन | ||
+प्रकाश का अपवर्तन | +[[प्रकाश]] का अपवर्तन | ||
{एम्पियर [[मात्रक]] है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-18 | {एम्पियर [[मात्रक]] है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-18 | ||
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-चुम्बकीय क्षेत्र का | -चुम्बकीय क्षेत्र का | ||
{झरने में जब जल ऊंचाई से गिरता है तो उसका ताप -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न12 | {झरने में जब [[जल]] ऊंचाई से गिरता है तो उसका [[ताप]] -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न12 | ||
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-घट जाता है | -घट जाता है | ||
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-आयतन | -आयतन | ||
-भार | -भार | ||
-द्रव्यमान | -[[द्रव्यमान]] | ||
+घनत्व | +[[घनत्व]] | ||
{[[सूर्य]] की [[ऊर्जा]] उत्पन्न होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-102 | {[[सूर्य]] की [[ऊर्जा]] उत्पन्न होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-409;प्रश्न-102 | ||
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- | -आयनन द्वारा | ||
+नाभिकीय संलयन द्वारा | +नाभिकीय संलयन द्वारा | ||
-नाभिकीय विखण्डन द्वारा | -नाभिकीय विखण्डन द्वारा | ||
[[ऑक्सीजन]] द्वारा | -[[ऑक्सीजन]] द्वारा | ||
{ | {कोई भी नाव डूब जाएगी, यदि वह पानी हटाती है, अपने-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-411;प्रश्न-161 | ||
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+आयतन के बराबर | +आयतन के बराबर | ||
-भार के बराबर | -भार के बराबर | ||
-पृष्ठ के बराबर | -पृष्ठ के बराबर | ||
-घनत्व के बराबर | -[[घनत्व]] के बराबर | ||
{बोलोमीटर (Bolometer) एक यंत्र है जो मापता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-67 | {बोलोमीटर (Bolometer) एक यंत्र है जो मापता है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-67 | ||
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-ऊष्मीय चालकता | -ऊष्मीय चालकता | ||
+ऊष्मीय विकिरण | +ऊष्मीय विकिरण | ||
- | -[[ध्वनि]] तीव्रता | ||
-विशिष्ट ऊष्मा | -विशिष्ट ऊष्मा | ||
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-दोनों बुलबुले सम्पर्क में आते ही फट जाएगे | -दोनों बुलबुले सम्पर्क में आते ही फट जाएगे | ||
{आपस में जुड़ी दो आवेशित वस्तुओं के बीच | {आपस में जुड़ी दो आवेशित वस्तुओं के बीच विद्युत धारा नहीं बहती है यदि वे होती है-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-431;प्रश्न-19 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-समान आवेश पर | -समान आवेश पर | ||
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-समान प्रतिरोध पर | -समान प्रतिरोध पर | ||
{[[ऊष्मा]] का SI मात्रक है -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न13 | {[[ऊष्मा]] का SI [[मात्रक]] है -(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-414;प्रश्न13 | ||
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-वाट | -वाट | ||
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-पहले बढ़ेगा फिर कम होगा | -पहले बढ़ेगा फिर कम होगा | ||
{[[ठंड]] के दिनों में लोहे के गुटके और लकड़ी के गुटके को प्रात:काल में छुएँ तो | {[[ठंड]] के दिनों में लोहे के गुटके और लकड़ी के गुटके को प्रात:काल में छुएँ तो लोहे का गुटका का ज्यादा ठंडा लगता है, क्योंकि-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-416;प्रश्न-68 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-लोहे के गुटके का ताप लकड़ी के गुटके से कम होता है | -लोहे के गुटके का ताप लकड़ी के गुटके से कम होता है | ||
+लकड़ी की तुलना में लोहा ऊष्मा का अच्छा चालक है | +लकड़ी की तुलना में लोहा [[ऊष्मा]] का अच्छा चालक है | ||
-लकड़ी की तुलना में लोहा ऊष्मा का खराब चालक है | -लकड़ी की तुलना में लोहा [[ऊष्मा]] का खराब चालक है | ||
-लोहे का गुटका लकड़ी से भारी होता है | -लोहे का गुटका लकड़ी से भारी होता है | ||
{[[ध्वनि]] के किस लक्षण के कारण कोई ध्वनि मोटी (Grave) या पतली (shrill) होती है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-32 | {[[ध्वनि]] के किस लक्षण के कारण कोई ध्वनि मोटी (Grave) या पतली (shrill) होती है?(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-421;प्रश्न-32 | ||
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{तीन रंग मूल रंग है। ये हैं-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-159 | {तीन [[रंग]] मूल रंग है। ये हैं-(पुस्तक ल्युसेंट सा.ज्ञा.,पृ.सं.-429;प्रश्न-159 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नीला, पीला और लाल | -[[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]] और लाल | ||
+नीला, हरा और लाल | +नीला, हरा और लाल | ||
-पीला, हरा और लाल | -पीला, हरा और लाल |
11:51, 22 मार्च 2014 का अवतरण
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