"प्रयोग:मीरा2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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+नगरी वृद्धि | +नगरी वृद्धि | ||
-जनसंख्या स्थायित्व | -जनसंख्या स्थायित्व | ||
{मानव मस्तिष्क एवं पशु मस्तिष्क में क्या भेद है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-2 | {मानव मस्तिष्क एवं पशु मस्तिष्क में क्या भेद है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-2 | ||
पंक्ति 144: | पंक्ति 146: | ||
-व्यवहार के अंग | -व्यवहार के अंग | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
{'प्रजाति' कैसी अवधारणा है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-4 | {'प्रजाति' कैसी अवधारणा है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-4 | ||
पंक्ति 213: | पंक्ति 217: | ||
-सोशियोलॉजी | -सोशियोलॉजी | ||
+सामाजिक संगठन | +सामाजिक संगठन | ||
-मानव समाज | -मानव समाज | ||
{'हिन्दू सोसियल ऑर्गेनाइजेशन' (Hindu social organisation) पुस्तक के लेखक कौन हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-4 | {'हिन्दू सोसियल ऑर्गेनाइजेशन' (Hindu social organisation) पुस्तक के लेखक कौन हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-4 | ||
पंक्ति 284: | पंक्ति 290: | ||
-सदस्यों में समानता | -सदस्यों में समानता | ||
-आय साधनों में समानता | -आय साधनों में समानता | ||
{निम्नलिखित में से कौन एक समाज के लिए इतना/इतनी महत्त्वपूर्ण है कि इसका उल्लंघन गम्भीर दण्ड की अपेक्षा करता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-6 | {निम्नलिखित में से कौन एक समाज के लिए इतना/इतनी महत्त्वपूर्ण है कि इसका उल्लंघन गम्भीर दण्ड की अपेक्षा करता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-6 | ||
पंक्ति 355: | पंक्ति 363: | ||
-मॉर्गन | -मॉर्गन | ||
-उपरोक्त सभी | -उपरोक्त सभी | ||
{'समाजशास्त्र' किसका विज्ञान है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-7 | {'समाजशास्त्र' किसका विज्ञान है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-7 | ||
पंक्ति 425: | पंक्ति 435: | ||
-श्रीनिवास | -श्रीनिवास | ||
+एच. एम. जान्सन | +एच. एम. जान्सन | ||
{किस विद्वान ने कहा था कि "प्रस्थिति संस्थागत भूमिका है"?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-52,प्रश्न-9 | {किस विद्वान ने कहा था कि "प्रस्थिति संस्थागत भूमिका है"?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-52,प्रश्न-9 | ||
पंक्ति 495: | पंक्ति 507: | ||
+[[रक्त]] सम्बंधी समूह | +[[रक्त]] सम्बंधी समूह | ||
-सांस्कृतिक समूह | -सांस्कृतिक समूह | ||
{[[हिन्दू धर्म]] में तीन ऋण माने गए हैं- पहला 'देव ऋण', दूसरा 'ऋषि ऋण' और तीसरा-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-9 | {[[हिन्दू धर्म]] में तीन ऋण माने गए हैं- पहला 'देव ऋण', दूसरा 'ऋषि ऋण' और तीसरा-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-9 |
08:31, 29 मार्च 2014 का अवतरण
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