"बाँधवाँ": अवतरणों में अंतर

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*[[मध्य काल]] में यह नगर [[जैन धर्म]] तथा विद्या का केंद्र था।
*[[मध्य काल]] में यह नगर [[जैन धर्म]] तथा विद्या का केंद्र था।
*बाँधवाँ के [[जैन]] विद्वानों में ऐतिहासिक ग्रंथ '[[प्रबंध चिंतामणि]]' के रचयिता मेरुतुंग आचार्य प्रसिद्ध हैं। इस [[ग्रंथ]] का रचनाकाल 1305-1306 ई. है। इसमें गुजरात के प्राचीन [[इतिहास]] का वर्णन है। इस ग्रंथ का अनुवाद प्रो. एच. टॉनी ने किया है।
*बाँधवाँ के [[जैन]] विद्वानों में ऐतिहासिक ग्रंथ '[[प्रबंध चिंतामणि]]' के रचयिता [[मेरुतुंग|मेरुतुंग आचार्य]] प्रसिद्ध हैं। इस [[ग्रंथ]] का रचनाकाल 1305-1306 ई. है। इसमें गुजरात के प्राचीन [[इतिहास]] का वर्णन है। इस ग्रंथ का अनुवाद प्रो. एच. टॉनी ने किया है।
*वर्धमानपुर का नाम जैन [[तीर्थंकर]] [[महावीर|वर्धमान महावीर]] के नाम पर प्रसिद्ध हुआ था।
*वर्धमानपुर का नाम जैन [[तीर्थंकर]] [[महावीर|वर्धमान महावीर]] के नाम पर प्रसिद्ध हुआ था।



12:54, 23 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

बाँधवाँ काठियावाड़, गुजरात के प्राचीन नगरों में से एक है। इस नगर को पहले 'वर्धमानपुर' कहा जाता था। यह अन्हिलवाड़ से जूनागढ़ जाने वाले मार्ग पर स्थित है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 620 |

बाहरी कड़ियाँ

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