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राजेन्द्र मल लोढ़ा का जन्म 28 सितम्बर, सन [[1949]] को [[राजस्थान]] के [[जोधपुर ज़िला|जोधपुर ज़िले]] में हुआ था। उनके [[पिता]] एस. के. मल लोढ़ा भी 'राजस्थान हाईकोर्ट' के न्यायाधीश थे। इससे पहले जस्टिस लोढ़ा ने [[फ़रवरी]], [[1973]] में बतौर एडवोकेट 'बार काउंसिल ऑफ़ राजस्थान' में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था और अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। राजेन्द्र मल लोढ़ा ने संवैधानिक मामलों से लेकर क्रिमिनल और सिविल मामलों तक को देखा है।
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==उल्लेखनीय तथ्य==
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#इसके बाद 'राजस्थान हाईकोर्ट' में वकालत की। संवैधानिक, दीवानी, कंपनी, फौजदारी, टैक्स, श्रम इत्यादि क्षेत्रों में इन्हें वकालत का विशेष अनुभव प्राप्त है।
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#ये 'राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण' के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे।
#'जोधपुर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय' की आम परिषद के सदस्य थे।
#राजेन्द्र मल लोढ़ा 'भोपाल राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी' की प्रशासनिक परिषद के सदस्य भी रहे।
#उच्चतम न्यायालय (मध्यम आय समूह) विधि सहायता समाज का अध्यक्ष भी इन्हें बनाया गया था।
#'राष्ट्रीय न्यायालय प्रबंधन प्रणाली' की सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी राजेन्द्र मल लोढ़ा जी रहे।


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06:35, 28 अप्रैल 2014 का अवतरण

राजेन्द्र मल लोढ़ा (अंग्रेज़ी: Rajendra Mal Lodha; जन्म- 28 सितम्बर, 1949, जोधपुर, राजस्थान) भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। इस पद पर सुशोभित होने वाले वे 41वें न्यायाधीश हैं। इनसे पूर्व इस पद पर पी. सतशिवम आसीन थे। देश के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्‍ट्रपति भवन में राजेन्द्र मल लोढ़ा को 27 अप्रैल, 2014 को मुख्‍य न्‍यायाधीश्‍ा की शपथ दिलाई। जस्टिस लोढ़ा पाँच माह के लिए ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। वे 27 सितम्बर, 2014 को अवकाश प्राप्त करेंगे।

परिचय

राजेन्द्र मल लोढ़ा का जन्म 28 सितम्बर, सन 1949 को राजस्थान के जोधपुर ज़िले में हुआ था। उनके पिता एस. के. मल लोढ़ा भी 'राजस्थान हाईकोर्ट' के न्यायाधीश थे। इससे पहले जस्टिस लोढ़ा ने फ़रवरी, 1973 में बतौर एडवोकेट 'बार काउंसिल ऑफ़ राजस्थान' में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था और अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। राजेन्द्र मल लोढ़ा ने संवैधानिक मामलों से लेकर क्रिमिनल और सिविल मामलों तक को देखा है।

उल्लेखनीय तथ्य

न्यायाधीश राजेन्द्र मल लोढ़ा के सम्बंध में कुछ उल्लेखनीय बिंदु इस प्रकार हैं[1]-

  1. फ़रवरी, 1973 को राजेन्द्र मल लोढ़ा 'राजस्थान बार काउंसिल' में पंजीकृत हुए।
  2. इसके बाद 'राजस्थान हाईकोर्ट' में वकालत की। संवैधानिक, दीवानी, कंपनी, फौजदारी, टैक्स, श्रम इत्यादि क्षेत्रों में इन्हें वकालत का विशेष अनुभव प्राप्त है।
  3. 31 जनवरी, 1994 को राजेन्द्र मल लोढ़ा को 'राजस्थान हाइकोर्ट' में स्थायी न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत किया गया।
  4. 'बॉम्बे हाइकोर्ट' में भी इनका स्थानांतरण हुआ। वहाँ 16 फ़रवरी, 1994 को इन्होंने कार्यभार संभाला।
  5. राजेन्द्र मल लोढ़ा ने 'बॉम्बे हाइकोर्ट' में न्यायाधीश के रूप में क़ानून के सभी क्षेत्रों में 13 वर्ष तक कार्य किया।
  6. बौद्धिक संपदा, लैंगिक भेद-भाव, पर्यावरण, परमाणु ऊर्जा, न्यायालय प्रबंधन, वाणिज्यिक अदालतों, पंचाट और मध्यस्थता आदि विषयों पर भारत और विदेशों में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी इन्होंने हिस्सा लिया।
  7. 'राजस्थान हाइकोर्ट' में ये दुबारा स्थानांतरित किये गए, जहाँ 2 फ़रवरी, 2007 को कार्यभार संभाला।
  8. राजेन्द्र मल लोढ़ा 'राजस्थान हाइकोर्ट' में प्रशासनिक न्यायाधीश रहे। ये 'राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी' के अध्यक्ष भी रहे।
  9. 13 मई, 2008 को 'पटना हाइकोर्ट' के मुख्य न्यायाधीश के रूप में इन्होंने शपथ ग्रहण की।
  10. 17 दिसम्बर, 2008 में राजेन्द्र मल लोढ़ा को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर प्रोन्नत किया गया।
  11. ये 'राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण' के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे।
  12. 'जोधपुर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय' की आम परिषद के सदस्य थे।
  13. राजेन्द्र मल लोढ़ा 'भोपाल राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी' की प्रशासनिक परिषद के सदस्य भी रहे।
  14. उच्चतम न्यायालय (मध्यम आय समूह) विधि सहायता समाज का अध्यक्ष भी इन्हें बनाया गया था।
  15. 'राष्ट्रीय न्यायालय प्रबंधन प्रणाली' की सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी राजेन्द्र मल लोढ़ा जी रहे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. न्‍यायमूर्ति आर.एम लोढ़ा बने नए प्रधान न्‍यायाधीश (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 28 अप्रैल, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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