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ग्रह वे खगोलिय पिण्ड हैं, जो कि निम्न शर्तों को पूरा करते हैं—  
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#जो [[सूर्य]] के चारों ओर परिक्रमा करता हो,  
#जो [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] के चारों ओर परिक्रमा करता हो,  
#उसमें पर्याप्त [[गुरुत्वाकर्षण बल]] हो, जिससे वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सके,   
#उसमें पर्याप्त [[गुरुत्वाकर्षण बल]] हो, जिससे वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सके,   
#उसके आसपास का क्षेत्र साफ़ हो यानि उसके आसपास अन्य खगोलिए पिण्डों की भीड़–भाड़ न हो।  
#उसके आसपास का क्षेत्र साफ़ हो यानि उसके आसपास अन्य खगोलिए पिण्डों की भीड़–भाड़ न हो।  
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[[ग्रह|ग्रहों]] की उपर्युक्त परिभाषा आई॰ एन॰ यू॰ की प्राग सम्मेलन ([[अगस्त]], [[2006]]) में तय की गई है। ग्रह की इस परिभाषा के आधार पर [[यम ग्रह|यम]] (pluto) को ग्रह की श्रेणी से निकाल दिया गया, फलस्वरूप परम्परागत ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गयी। यम को बौने ग्रह की श्रेणी रखा गया है। ग्रहों को दो भागों में विभाजित किया गया है—
#पार्थिव या आन्तरिक ग्रह (Terrestrial or Innerplanet)—[[बुध]], [[शुक्र]], [[पृथ्वी]], एवं [[मंगल]] को पार्थिव ग्रह कहा जाता है, क्योंकि ये पृथ्वी के समान होते हैं।
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#बृहस्पतीय या बाह्य ग्रह (Jovean or outerplanet)—[[बृहस्पति]], [[शनि]], [[अरुण]] एवं [[वरुण]] को बृहस्पतीय ग्रह कहा जाता है।  
#बृहस्पतीय या बाह्य ग्रह (Jovean or outerplanet)—[[बृहस्पति ग्रह|बृहस्पति]], [[शनि ग्रह|शनि]], [[अरुण ग्रह|अरुण]] एवं [[वरुण ग्रह|वरुण]] को बृहस्पतीय ग्रह कहा जाता है।  
*कुल 8 ग्रहों में से पाँच को नंगी आँखों से देखा जा सकता है, जो हैं—बुध, शुक्र, शनि, बृहस्पति एवं मंगल।
*कुल 8 ग्रहों में से पाँच को नंगी आँखों से देखा जा सकता है, जो हैं—बुध, शुक्र, शनि, बृहस्पति एवं मंगल।
*आकार के अनुसार ग्रहों का क्रम (घटते क्रम में) है—बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, एवं बुध अर्थात् सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति एवं सबसे छोटा ग्रह बुध है।  
*आकार के अनुसार ग्रहों का क्रम (घटते क्रम में) है—बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, एवं बुध अर्थात् सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति एवं सबसे छोटा ग्रह बुध है।  

07:20, 2 अगस्त 2010 का अवतरण

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ग्रह वे खगोलिय पिण्ड हैं, जो कि निम्न शर्तों को पूरा करते हैं—

  1. जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करता हो,
  2. उसमें पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बल हो, जिससे वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सके,
  3. उसके आसपास का क्षेत्र साफ़ हो यानि उसके आसपास अन्य खगोलिए पिण्डों की भीड़–भाड़ न हो।

ग्रहों की उपर्युक्त परिभाषा आई॰ एन॰ यू॰ की प्राग सम्मेलन (अगस्त, 2006) में तय की गई है। ग्रह की इस परिभाषा के आधार पर यम (pluto) को ग्रह की श्रेणी से निकाल दिया गया, फलस्वरूप परम्परागत ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गयी। यम को बौने ग्रह की श्रेणी रखा गया है। ग्रहों को दो भागों में विभाजित किया गया है—

  1. पार्थिव या आन्तरिक ग्रह (Terrestrial or Innerplanet)—बुध, शुक्र, पृथ्वी, एवं मंगल को पार्थिव ग्रह कहा जाता है, क्योंकि ये पृथ्वी के समान होते हैं।
  2. बृहस्पतीय या बाह्य ग्रह (Jovean or outerplanet)—बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण को बृहस्पतीय ग्रह कहा जाता है।
  • कुल 8 ग्रहों में से पाँच को नंगी आँखों से देखा जा सकता है, जो हैं—बुध, शुक्र, शनि, बृहस्पति एवं मंगल।
  • आकार के अनुसार ग्रहों का क्रम (घटते क्रम में) है—बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, एवं बुध अर्थात् सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति एवं सबसे छोटा ग्रह बुध है।
  • घनत्व के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में) है—शनि, यूरेनस, बृहस्पति, नेप्च्यून, मंगल एवं शुक्र।
  • शुक्र एवं वरुण (यूरेनस) को छोड़कर अन्य सभी ग्रहों का घूर्णन एवं परिक्रमा की दिशा एक ही है।