"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/6": अवतरणों में अंतर
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('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> {चौपाई में ह...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
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+पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी | +पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी | ||
-प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी, पालि | -प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी, पालि | ||
- अपभ्रंश, पालि, प्राकृत, हिन्दी | -अपभ्रंश, पालि, प्राकृत, हिन्दी | ||
-हिन्दी, पालि, अपभ्रंश, प्राकृत | -हिन्दी, पालि, अपभ्रंश, प्राकृत | ||
पंक्ति 63: | पंक्ति 63: | ||
{‘सृष्टि’ का विलोम शब्द बताइए?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-35 | {‘सृष्टि’ का विलोम शब्द बताइए?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-35 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मरण | -मरण | ||
+प्रलय | |||
-वृष्टि | |||
-मोक्ष | |||
{हिन्दी भाषा का सम्बंध निम्न में से किससे है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-317,प्रश्न-01 | {हिन्दी भाषा का सम्बंध निम्न में से किससे है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-317,प्रश्न-01 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+शैरसेनी अपभ्रंश | +शैरसेनी अपभ्रंश | ||
-अपभ्रंश | |||
-पश्चिमी प्राकृत | |||
-प्राकृत | |||
पंक्ति 133: | पंक्ति 139: | ||
{‘अति’ का विपरीतार्थक शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-37 | {‘अति’ का विपरीतार्थक शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-37 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-न्यून | -न्यून | ||
-कम | |||
+अल्प | |||
-नगण्य | |||
{निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-29,प्रश्न-40 | {निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-29,प्रश्न-40 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+शारीरिक | +शारीरिक | ||
-शारीरीक | |||
-शरीरिक | |||
-सारीरिक | |||
पंक्ति 199: | पंक्ति 211: | ||
{‘ब्रह्म’ का विपरीतार्थक शब्द क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-38 | {‘ब्रह्म’ का विपरीतार्थक शब्द क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-38 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+जीव | +जीव | ||
-माया | |||
-जगत | |||
-अज्ञान | |||
{"वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।" इस वाक्य में 'पर' कौन-सा कारक है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-73,प्रश्न-29 | {"वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।" इस वाक्य में 'पर' कौन-सा कारक है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-73,प्रश्न-29 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कर्म | -कर्म | ||
-करण | |||
+अपादान | |||
-अधिकरण | |||
पंक्ति 266: | पंक्ति 284: | ||
{‘बहिरंग’ का विलोम शब्द है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-39 | {‘बहिरंग’ का विलोम शब्द है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-39 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+अन्तरंग | +अन्तरंग | ||
-रंगारंग | |||
-जलतरंग | |||
-रागरंग | |||
{इनमें से कौन-सा शिव का पर्यायवाची नहीं है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-83,प्रश्न-20 | {इनमें से कौन-सा शिव का पर्यायवाची नहीं है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-83,प्रश्न-20 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+पिनाकी,- | +पिनाकी | ||
-लम्बोदर | |||
-पिपासु | |||
-पिनाक | |||
{'हरीगीतिका' में मात्राएँ होती हैं-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-190 | |||
|type="()"} | |||
+क्रमश: दो चरणों में14 और12 मात्राएँ | |||
-क्रमश: दो चरणों में 12 और 14 मात्राएँ | |||
-क्रमश: दो चरणों में 14 और 16 मात्राएँ | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{सूफ़ी काव्य का उद्देश्य है-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-154 | |||
|type="()"} | |||
+प्रेम-निरूपण | |||
-काव्यशास्त्र निरूपण | |||
-[[इस्लाम धर्म]] का प्रचार | |||
-राष्ट्रीय चेतना | |||
{'धातुसेन' [[जयशंकर प्रसाद]] के किस [[नाटक]] का पात्र है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-514 | |||
|type="()"} | |||
-राज्यश्री | |||
-चन्द्रगुप्त | |||
-ध्रुवस्वामिनी | |||
+स्कन्दगुप्त | |||
{'महानुभाव सम्प्रदाय' चलाने वाले [[भक्त]] [[कवि]] कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-37 | |||
|type="()"} | |||
-[[ज्ञानेश्वर]] | |||
-पुण्डरीक | |||
-[[नामदेव]] | |||
+चक्रधर | |||
{प्रेमाख्यानक काव्यों में किस [[रस]] की प्रधानता है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-322 | |||
|type="()"} | |||
+[[शृंगार रस]] | |||
-[[भक्ति रस]] | |||
-[[वीर रस]] | |||
-अद्भुत रस | |||
{अति मलीन वृषभानुकुमारी। | |||
अधोमुख रहति, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी। | |||
छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी॥ | |||
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-अनुप्रास | |||
-उत्प्रेक्षा | |||
-रूपक | |||
+उपमा | |||
{'पापड़ बेलना' का सही अर्थ बताइए?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-113 | |||
|type="()"} | |||
-पापड़ बनाना | |||
+मुसीबत उठाना | |||
-खाना बनाना | |||
-पतली रोटी बनाना | |||
{शिल्पगत आधार पर दोहे से उल्टा छंद कौन-सा है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-[[रोला]] | |||
-[[चौपाई]] | |||
+[[सोरठा]] | |||
-बरवै छन्द | |||
{‘अनागत’ का विलोम शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-40 | |||
|type="()"} | |||
-वर्तमान | |||
-भूतकालिक | |||
-विगत | |||
+आगत | |||
{'कुआनो नदी' के रचनाकार कौन थे?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-317,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
+सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | |||
-रघुवीर सहाय | |||
-श्रीकान्त वर्मा | |||
-नरेश मेहता | |||
{बरवै छन्द में मात्राओं की संख्या होती है-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-191 | |||
|type="()"} | |||
-विषम चरणों में 11 और समचरणों में 7 मात्राएँ | |||
-विषम चरणों में 14 और समचरणों में 7 मात्राएँ | |||
-विषम चरणों में 12 और समचरणों में 8 मात्राएँ | |||
+विषम चरणों में 12 और समचरणों में 7 मात्राएँ | |||
{निम्न में से कौन-सा रीतिमुक्त [[कवि]] नहीं हैं?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-155 | |||
|type="()"} | |||
-घनानन्द | |||
-बोधा | |||
+जसवंत सिंह | |||
-ठाकुर असनी | |||
{निम्नलिखित रचनाओं में से कौन-सा यात्रा वृत्त है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-515 | |||
|type="()"} | |||
+चीड़ों पर चाँदनी | |||
-भूले बिसरे चित्र | |||
-अपनी खबर | |||
-पथ के साथी | |||
{निम्न में से कौन-सी निम्बार्काचार्य की रचना नहीं है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-38 | |||
|type="()"} | |||
-वेदांत परिजात सौरभ | |||
-श्रीकृष्ण स्तवराज | |||
+गीता आष्टा | |||
-प्रपन्नकल्पवल्ली | |||
{भारतीय सूफ़ी किस सम्प्रदाय के थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-323 | |||
|type="()"} | |||
+बेशरा सम्प्रदाय | |||
-शरा सम्प्रदाय | |||
-चिश्मी सम्प्रदाय | |||
-कादिरी सम्प्रदाय | |||
{नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल। | |||
अली कली ही सौं बिध्यौं, आगे कौन हवाल॥ | |||
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-11 | |||
|type="()"} | |||
-रूपक | |||
-विशेषोक्ति | |||
+अन्योक्ति | |||
-अतिशयोक्ति | |||
{'कान का कच्चा होना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-114 | |||
|type="()"} | |||
-कम सुनना | |||
+सुनी बात पर विश्वास करना | |||
-दूसरे की बात न मानना | |||
-कान का कमजोर होना | |||
{सुन सिय सत्य असीस हमारी। | |||
पूजहि मन कामना तुम्हारी॥ | |||
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-07 | |||
|type="()"} | |||
-बरवै | |||
-[[सोरठा]] | |||
-[[दोहा]] | |||
+[[चौपाई]] | |||
{‘उत्तम’ का विलोम शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-41 | |||
|type="()"} | |||
-निकृष्ट | |||
-विकृत | |||
+अधम | |||
-कीर्ति | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी हिन्दी पत्रिका है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-318,प्रश्न-19 | |||
|type="()"} | |||
-केरल दर्शन | |||
-दक्षिण निधि | |||
-देशपोषिणी | |||
+केरल ज्योति | |||
{इन्द्रवज्रा में मात्राओं की संख्या कितनी होती है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-192 | |||
|type="()"} | |||
-प्रत्येक चरण में 13-13 मात्राएँ | |||
-प्रत्येक चरण में 15-15 मात्राएँ | |||
-प्रत्येक चरण में 14-14 मात्राएँ | |||
+प्रत्येक चरण में 11-11 मात्राएँ | |||
{'जूही की कली' नामक [[कविता]] के रचनाकार [[कवि]] कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-156 | |||
|type="()"} | |||
-[[सुमित्रानन्दन पंत]] | |||
+[[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']] | |||
-[[जयशंकर प्रसाद]] | |||
-[[महादेवी वर्मा]] | |||
{'नया ज्ञानोदय' नाम की [[पत्रिका]] के सम्पादन कौन हैं?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-516 | |||
|type="()"} | |||
-मृणाल पाण्डेय | |||
-रवीन्द्र कालिया | |||
+प्रभाकर श्रोत्रिय | |||
-ज्ञान रंजन | |||
{'गोविन्दभाष्य' निम्न में से किसकी रचना है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-39 | |||
|type="()"} | |||
-[[चैतन्य महाप्रभु]] | |||
-रूपगोस्वामी | |||
+बलदेव विद्या भूषण | |||
-जीव गोस्वामी | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी [[तुलसीदास]] की रचना नहीं है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-324 | |||
|type="()"} | |||
-बरवै रामायण | |||
-गीतावली | |||
+[[रामायण]] | |||
-दोहावली | |||
{कबिरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर। | |||
जे पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर। | |||
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-12 | |||
|type="()"} | |||
+यमक | |||
-रूपक | |||
-पुनरुक्ति | |||
-श्लेष | |||
{मुहावरा 'उन्नीस-बीस होना' का क्या अर्थ है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-115 | |||
|type="()"} | |||
+बहुत कम अंतर होना | |||
-बहुत अंतर होना | |||
-हिसाब जोड़ना | |||
-भाग जाना | |||
{निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूल। | |||
बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिय कौ शूल॥ | |||
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-08 | |||
|type="()"} | |||
-[[सोरठा]] | |||
+[[दोहा]] | |||
-[[रोला]] | |||
-हरिगीतिका | |||
{‘नीरस’ का विलोम शब्द क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-42 | |||
|type="()"} | |||
-रसीला | |||
+सरस | |||
-विरस | |||
-अरस | |||
{निम्न में उपादान कारक की विभक्ति क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-321,प्रश्न-08 | |||
|type="()"} | |||
-ने | |||
-को | |||
-के लिए | |||
+से | |||
{वंशस्थ में मात्राओं की संख्या कितनी होती है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-193 | |||
|type="()"} | |||
-प्रत्येक चरण में 11-11 मात्राएँ | |||
+प्रत्येक चरण में 12-12 मात्राएँ | |||
-प्रत्येक चरण में 13-13 मात्राएँ | |||
-प्रत्येक चरण में 14-14 मात्राएँ | |||
{'हालावाद' के प्रवर्तक कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-157 | |||
|type="()"} | |||
-नरेन्द्र शर्मा | |||
-रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' | |||
-जगदीश गुप्त | |||
+[[हरिवंशराय बच्चन]] | |||
{'दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा' का मुख्यालय कहाँ है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-517 | |||
|type="()"} | |||
-[[बैंगलोर]] | |||
+[[चेन्नई]] | |||
-[[हैदराबाद]] | |||
-एर्नाकुलम | |||
{'षट्संदर्भ' किसकी रचना है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-40 | |||
|type="()"} | |||
-रूप गोस्वामी | |||
-जीव गोस्वामी | |||
-बलदेव विद्याभूषण | |||
+सनातन गोस्वामी | |||
{[[उत्तरी भारत]] में 'राम भक्ति वित' का प्रवर्तन आचार्य रामानुज की परम्परा में किसने प्रारम्भ किया था?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-325 | |||
|type="()"} | |||
-[[रामानंद]] | |||
-श्री रंगनाथ मुनि | |||
+राघवानंद | |||
-कांचीपूर्ण | |||
{'संदेसनि मधुवन-कूप भरे' में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-13 | |||
|type="()"} | |||
-रूपक | |||
-वक्रोक्ति | |||
-अन्योक्ति | |||
+अतिशयोक्ति | |||
{'कलेजा होना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-117 | |||
|type="()"} | |||
-द्रवित होना | |||
-विवश होना | |||
-विकल होना | |||
+हिम्मत होना | |||
{जिस [[छन्द]] के पहले तथा तीसरे चरणों में 13-13 और दूसरे तथा चौथे चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं, वह छन्द कहलाता है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-09 | |||
|type="()"} | |||
-[[रोला]] | |||
-[[चौपाई]] | |||
-कुण्डलिया | |||
+[[दोहा]] | |||
{‘मुख्य’ का विलोम क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-43 | |||
|type="()"} | |||
+गौण | |||
-विमुख | |||
-प्रतिमुख | |||
-सामान्य | |||
{'नाश कर देना' के लिए सही मुहावरा क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-136,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-पानी में आग लगा देना | |||
+पानी फेर देना | |||
-पानी-पानी होना | |||
-पानी भरना | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} | ||
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09:24, 6 जून 2014 का अवतरण
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