"साँचा:एक पर्यटन स्थल": अवतरणों में अंतर
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'''[[ | '''[[वृन्दावन]]''' [[मथुरा]] से 12 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पश्चिम में [[यमुना]] तट पर स्थित है। यह [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] की लीलास्थली है। [[हरिवंश पुराण]], [[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत]], [[विष्णु पुराण]] आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है। महाकवि [[कालिदास]] ने इसका उल्लेख [[रघुवंश महाकाव्य|रघुवंश]] में इंदुमती-स्वयंवर के प्रसंग में शूरसेनाधिपति सुषेण का परिचय देते हुए किया है। इससे कालिदास के समय में वृन्दावन के मनोहारी उद्यानों की स्थिति का ज्ञान होता है। वृन्दावन को 'ब्रज का हृदय' कहते है जहाँ [[राधा]]-[[कृष्ण]] ने अपनी दिव्य लीलाएँ की हैं। इस पावन भूमि को पृथ्वी का अति उत्तम तथा परम गुप्त भाग कहा गया है। [[पद्म पुराण]] में इसे भगवान का साक्षात शरीर, पूर्ण ब्रह्म से सम्पर्क का स्थान तथा सुख का आश्रय बताया गया है। [[वृन्दावन|... और पढ़ें]] | ||
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13:44, 18 जुलाई 2014 का अवतरण
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