"उमाकांत मालवीय": अवतरणों में अंतर
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== | ==जीवन परिचय== | ||
उमाकांत मालवीय का जन्म 2 अगस्त 1931 को [[मुंबई]] में हुआ उनका निधन 11 नवम्बर 1982 को [[इलाहाबाद]] में हुआ। उमाकांत मालवीय की शिक्षा प्रयाग विश्वविद्यालय में हुई। इन्होंने [[कविता]] के अतिरिक्त [[खण्डकाव्य]], [[निबंध]] तथा बालोपयोगी पुस्तकें भी लिखी हैं। काव्य-क्षेत्र में मालवीय जी ने नवगीत विधा को अपनाया। ‘नवगीत’ आंदोलन के वे एक प्रमुख उन्नायक थे। इनका मत है कि आज के युग में भावों की तीव्रता को संक्षेप में व्यक्त करने में नवगीत पूर्णतया सक्षम है। कई कवि सम्मेलनों में उनके ‘नवगीतों’ ने बड़ी धूम मचा दी थी। इन्होंने प्रयोगवाद और गीत-विद्या के समन्वय का प्रयत्न किया, जो एक ऐतिहासिक महत्व का कार्य था। उन पर एक स्मारिका भी निकाली है। | |||
==कविता संग्रह== | |||
मेहँदी और महावर, 'सुबह रक्त पलाश की', 'एक चावल नेह रींधा' जैसे नवगीत संग्रहों में उनकी रागात्मकता और जनसरोकारों को अलग से रेखांकित किया जा सकता है। डॉ. शम्भुनाथ सिंह उन्हें नवगीत का भागीरथ कहा करते थे। गीत-नवगीत के प्रस्थान बिंदु पर वह अलग से किनारे पर खड़े पेड़ नजर आते हैं। उमाकांत जी को निःसंकोच नवगीत का ट्रेंड सेटर रचनाकार कहा जा सकता है। | |||
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* `मेहंदी और महावर' | * `मेहंदी और महावर' | ||
*`देवकी' | *`देवकी' | ||
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* 'एक चावल नेह रींधा' | * 'एक चावल नेह रींधा' | ||
* 'सुबह रक्तपलाश की' | * 'सुबह रक्तपलाश की' | ||
==निधन== | |||
51 वर्ष की अल्पायु में [[19 नवम्बर]] [[1982]] को नवगीत का यह सूर्य अस्त हो गया। | |||
07:53, 26 जुलाई 2014 का अवतरण
उमाकांत मालवीय
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पूरा नाम | उमाकांत मालवीय |
जन्म | 2 अगस्त, 1931 |
जन्म भूमि | मुंबई, महाराष्ट्र |
मृत्यु | 11 नवम्बर, 1982 |
मृत्यु स्थान | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
कर्म-क्षेत्र | कवि एवं गीतकार |
मुख्य रचनाएँ | 'मेहंदी और महावर', 'देवकी', 'रक्तपथ', 'एक चावल नेह रींधा', 'सुबह रक्तपलाश की' |
भाषा | हिंदी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | ‘नवगीत’ आंदोलन के वे एक प्रमुख उन्नायक थे। कई कवि सम्मेलनों में उनके ‘नवगीतों’ ने बड़ी धूम मचा दी थी। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
उमाकांत मालवीय (अंग्रेज़ी: Umakant Malviya, जन्म: 2 अगस्त, 1931 - मृत्यु: 11 नवम्बर, 1982) हिंदी के प्रतिष्ठित कवि एवं गीतकार थे। पौराणिक सन्दर्भों की आधुनिक व्याख्या करते हुए उन्होंने अनेकानेक मिथकीय कहानियां और ललित निबंधों की रचना की है। उनकी बच्चों पर लिखी पुस्तकें भी बेजोड़ हैं। कवि सम्मेलनों का संचालन भी बड़ी संजीदगी से किया करते थे।
जीवन परिचय
उमाकांत मालवीय का जन्म 2 अगस्त 1931 को मुंबई में हुआ उनका निधन 11 नवम्बर 1982 को इलाहाबाद में हुआ। उमाकांत मालवीय की शिक्षा प्रयाग विश्वविद्यालय में हुई। इन्होंने कविता के अतिरिक्त खण्डकाव्य, निबंध तथा बालोपयोगी पुस्तकें भी लिखी हैं। काव्य-क्षेत्र में मालवीय जी ने नवगीत विधा को अपनाया। ‘नवगीत’ आंदोलन के वे एक प्रमुख उन्नायक थे। इनका मत है कि आज के युग में भावों की तीव्रता को संक्षेप में व्यक्त करने में नवगीत पूर्णतया सक्षम है। कई कवि सम्मेलनों में उनके ‘नवगीतों’ ने बड़ी धूम मचा दी थी। इन्होंने प्रयोगवाद और गीत-विद्या के समन्वय का प्रयत्न किया, जो एक ऐतिहासिक महत्व का कार्य था। उन पर एक स्मारिका भी निकाली है।
कविता संग्रह
मेहँदी और महावर, 'सुबह रक्त पलाश की', 'एक चावल नेह रींधा' जैसे नवगीत संग्रहों में उनकी रागात्मकता और जनसरोकारों को अलग से रेखांकित किया जा सकता है। डॉ. शम्भुनाथ सिंह उन्हें नवगीत का भागीरथ कहा करते थे। गीत-नवगीत के प्रस्थान बिंदु पर वह अलग से किनारे पर खड़े पेड़ नजर आते हैं। उमाकांत जी को निःसंकोच नवगीत का ट्रेंड सेटर रचनाकार कहा जा सकता है।
- `मेहंदी और महावर'
- `देवकी'
- `रक्तपथ'
- 'एक चावल नेह रींधा'
- 'सुबह रक्तपलाश की'
निधन
51 वर्ष की अल्पायु में 19 नवम्बर 1982 को नवगीत का यह सूर्य अस्त हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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