"काण्व वंश": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
(कण्व वंश को अनुप्रेषित (रिडायरेक्ट))
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
(ई. पू. 75 से ई. पू. 30)
#REDIRECT [[कण्व वंश]]
 
'''काण्व वंश''' की स्थापना [[मगध]] में ई. पू. 75 में [[वासुदेव कण्व|वासुदेव]] ने की थी। वासुदेव ने [[शुंग वंश]] के अंतिम सम्राट [[देवभूति]] की हत्या करके काण्व वंश स्थापित किया था।
 
*इस वंश में केवल चार ही शासक हुए-
#[[वासुदेव कण्व|वासुदेव]]
#भूमिमित्र
#नारायण
#सुशर्मन
 
*उपरोक्त चारों राजाओं ने ई. पू. 30 तक राज्य किया।
*[[पुराण|पुराणों]] के अनुसार इस वंश को आंध्र भृत्यों ने उखाड़ फैंका, किन्तु आंध्र भृत्यों के [[मगध]] तक राज्य करने का कोई अन्य प्रमाण नहीं है।
*[[पाटलिपुत्र]] में कुछ काल के लिए 'मित्र वंश' के राजाओं ने राज्य किया।
 
 
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{शुंग वंश}}{{भारत के राजवंश}}
[[Category:भारत के राजवंश]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास_कोश]][[Category:शुंग_काल]]
__INDEX__

06:19, 28 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

अनुप्रेषण का लक्ष्य: