"वैष्णव जन तो तेने कहिये": अवतरणों में अंतर
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'''वैष्णव जन तो तेने कहिये''' [[गुजरात]] के संत कवि [[नरसी मेहता]] द्वारा रचित भजन है जो [[महात्मा गाँधी]] को बहुत प्रिय था। | |||
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11:09, 5 अगस्त 2014 का अवतरण
वैष्णव जन तो तेने कहिये गुजरात के संत कवि नरसी मेहता द्वारा रचित भजन है जो महात्मा गाँधी को बहुत प्रिय था।
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।2। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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