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[[चित्र:Sivadol-Temple-Sibsagar.jpg|thumb|250px|शिवडोल मन्दिर, शिवसागर<br />Sivadol Temple, Sibsagar]]
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शिवसागर नगर, पूर्वी [[असम]] राज्य पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। शिवसागर [[ब्रह्मपुत्र]] की सहायता [[दिखू नदी]] के किनारे स्थित है। [[जोरहाट]] से 50 किलोमीटर दूर पूर्व-पूर्वोत्तर में है।  
'''शिवसागर''' एक नगर, पूर्वी [[असम|असम राज्य]], [[पूर्वोत्तर भारत]] में स्थित है। यह नगर [[ब्रह्मपुत्र]] की सहायक 'दिखू' के किनारे स्थित है। शिवसागर [[जोरहाट]] से लगभग 50 किलोमीटर दूर पूर्व-पूर्वोत्तर में स्थित है।  
==इतिहास==
==इतिहास==
13 वीं शताब्दी में युन्नान क्षेत्र से [[चीन]] के ताई बोलने वाले [[अहोम]] लोग इस इलाके में आए 18 वीं शताब्दी में शिवसागर अहोम साम्राज्य की राजधानी था। उस समय यह रंगपुर कहलाता था। उस काल के कई मंदिर मौजूद है।
13वीं [[शताब्दी]] में युन्नान क्षेत्र से [[चीन]] के 'ताई' बोलने वाले [[अहोम]] लोग इस इलाके में आए। 18वीं शताब्दी में शिवसागर अहोम साम्राज्य की राजधानी था। उस समय यह 'रंगपुर' कहलाता था। उस काल के कई मंदिर यहाँ मौजूद हैं।
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
राष्ट्रीय राजमार्ग और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे पर स्थित यह शहर अब [[चाय]] प्रसंस्करण केंद्र है।  
[[राष्ट्रीय राजमार्ग]] और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे पर स्थित यह शहर अब [[चाय]] प्रसंस्करण का प्रमुख केंद्र है।  
==कृषि और खनिज==
==कृषि और खनिज==
चाय के साथ आसपास के क्षेत्रों में [[चावल]], रेशम, सरसों, और लकड़ी का उत्पादन होता है।  
चाय के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में [[चावल]], रेशम, सरसों, और लकड़ी का उत्पादन होता है।
;प्रसिद्धि
यह स्थान 'मुक्तिनाथ शिव मंदिर' के लिए उल्लेखनीय है। [[भारत का इतिहास|भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध [[अहोम|अहोम वंश]] के राजा शिवसिंह ने इसका निर्माण करवाया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=901|url=}}</ref>
==जनसंख्या==
==जनसंख्या==
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08:08, 23 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

शिवडोल मन्दिर, शिवसागर
Sivadol Temple, Sibsagar

शिवसागर एक नगर, पूर्वी असम राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। यह नगर ब्रह्मपुत्र की सहायक 'दिखू' के किनारे स्थित है। शिवसागर जोरहाट से लगभग 50 किलोमीटर दूर पूर्व-पूर्वोत्तर में स्थित है।

इतिहास

13वीं शताब्दी में युन्नान क्षेत्र से चीन के 'ताई' बोलने वाले अहोम लोग इस इलाके में आए। 18वीं शताब्दी में शिवसागर अहोम साम्राज्य की राजधानी था। उस समय यह 'रंगपुर' कहलाता था। उस काल के कई मंदिर यहाँ मौजूद हैं।

यातायात और परिवहन

राष्ट्रीय राजमार्ग और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे पर स्थित यह शहर अब चाय प्रसंस्करण का प्रमुख केंद्र है।

कृषि और खनिज

चाय के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में चावल, रेशम, सरसों, और लकड़ी का उत्पादन होता है।

प्रसिद्धि

यह स्थान 'मुक्तिनाथ शिव मंदिर' के लिए उल्लेखनीय है। भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध अहोम वंश के राजा शिवसिंह ने इसका निर्माण करवाया था।[1]

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की जनसंख्या 54,482 है, ज़िले की कुल जनसंख्या 10,52,802 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 901 |

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