"समन्तभद्र": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''आचार्य समन्तभद्र'''<br />
{{बहुविकल्पी शब्द}}
 
#[[समन्तभद्र (बुद्ध)]]- भगवान बुद्ध का भी नाम समन्तभद्र है।
*ये आचार्य कुन्दकुन्द के बाद दिगम्बर परम्परा में [[जैन]] दार्शनिकों में अग्रणी और प्रभावशाली तार्किक हुए हैं।  
#[[समन्तभद्र (जैन)]]- आचार्य समन्तभद्र कुन्दकुन्द के बाद दिगम्बर परम्परा में [[जैन]] दार्शनिकों में अग्रणी और प्रभावशाली तार्किक हुए हैं।  
*उत्तरवर्ती आचार्यों ने इनका अपने ग्रन्थों में जो गुणगान किया है वह अभूतपूर्व है।
*इन्हें वीरशासन का प्रभावक और सम्प्रसारक कहा है।
*इनका अस्तित्व ईसा की 2सरी 3सरी शती माना जाता है।
*स्याद्वाददर्शन और स्याद्वादन्याय के ये आद्य प्रभावक हैं।
*जैन न्याय का सर्वप्रथम विकास इन्होंने अपनी कृतियों और शास्त्रार्थों द्वारा प्रस्तुत किया है। इनकी निम्न कृतियाँ प्रसिद्ध हैं-
#आप्तमीमांसा (देवागम),
#युक्त्यनुशासन,
#स्वयम्भू स्तोत्र,
#रत्नकरण्डकश्रावकाचार और
#जिनशतक।
*इनमें आरम्भ की तीन रचनाएँ दार्शनिक एवं तार्किक एवं तार्किक हैं, चौथी सैद्धान्तिक और पाँचवीं काव्य है।
*इनकी कुछ रचनाएँ अनुपलब्ध हैं, पर उनके उल्लेख और प्रसिद्धि है। उदाहरण के लिए इनका 'गन्धहस्ति-महाभाष्य' बहुचर्चित है।
*जीवसिद्धि प्रमाणपदार्थ, तत्त्वानुशासन और कर्मप्राभृत टीका इनके उल्लेख ग्रन्थान्तरों में मिलते हैं।
*पं॰ जुगलकिशोर मुख्तार ने इन ग्रन्थों का अपनी 'स्वामी समन्तभद्र' पुस्तक में उल्लेख करके शोधपूर्ण परिचय दिया है।
==सम्बंधित लिंक==
{{जैन धर्म2}}
{{जैन धर्म}}
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:जैन दर्शन]]
 
__INDEX__
__INDEX__

10:04, 7 अगस्त 2010 का अवतरण

"यह एक बहुविकल्पी शब्द का पृष्ठ है। अर्थात समान शीर्षक वाले लेखों की सूची। अगर आप यहाँ किसी भारतकोश की कड़ी के द्वारा भेजे गए है, तो कृपया उसे सुधार कर सीधे ही संबंधित लेख से जोड़ें, ताकि पाठक अगली बार सही पन्ने पर जा सकें।"


  1. समन्तभद्र (बुद्ध)- भगवान बुद्ध का भी नाम समन्तभद्र है।
  2. समन्तभद्र (जैन)- आचार्य समन्तभद्र कुन्दकुन्द के बाद दिगम्बर परम्परा में जैन दार्शनिकों में अग्रणी और प्रभावशाली तार्किक हुए हैं।