"पहेली 27 अगस्त 2014": अवतरणों में अंतर

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{चौराहों पर पानी के फुहारे में गेंद नाचती रहती है, क्योंकि-
{[[ऋग्वेद]] के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?
|type="()"}
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+ पानी का [[वेग]] अधिक होने से [[दाब]] घट जाता है
-योद्धा
- पानी का [[वेग]] अधिक होने से [[दाब]] अधिक हो जाता है
-[[पुरोहित]]
- पानी के पृष्ठ तनाव के कारण
+[[शूद्र]]
- पानी की श्यानता के कारण
-चाण्डाल
||[[चित्र:Rigveda.jpg|right|100px|ऋग्वेद का आवरण पृष्ठ]]भारतीय समाज व्यवस्था में चतुर्थ वर्ण या जाति [[शूद्र]] कहलाती है। [[वायु पुराण]], [[वेदांत|वेदांतसूत्र]] और [[छांदोग्य उपनिषद|छांदोग्य]] एवं वेदांतसूत्र के शांकरभाष्य में 'शुच' और 'द्रु' धातुओं से 'शूद्र' शब्द व्युत्पन्न किया गया। [[ऋग्वेद]] के पुरुषसूक्त से पुरुष के पदों से शूद्र की उत्पत्ति का उल्लेख है। पुरुषोत्पत्ति का यह सिद्धांत [[ब्राह्मण ग्रंथ]], वाजसनेयी संहिता, [[महाभारत]], [[पुराण]] में शूद्रदेव पूषा से शूद्र की उत्पत्ति बतलाई गई है। [[विष्णु]] और वायु पुराण के अनुसार यज्ञनिष्पत्ति के लिए चतुर्वर्णों का सर्जन हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शूद्र]]
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{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 26 अगस्त 2014]] |अगली=[[पहेली 28 अगस्त 2014]]}}
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 26 अगस्त 2014]] |अगली=[[पहेली 28 अगस्त 2014]]}}

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