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'''[[नासिक]]''' शहर दक्षिण-पश्चिमी [[भारत]] के पश्चिमोत्तर [[महाराष्ट्र]] राज्य में [[गोदावरी नदी]] के किनारे बसा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ [[श्राद्ध]], [[तर्पण (श्राद्ध)|तर्पण]], [[पिण्ड (श्राद्ध)|पिण्डदान]] एवं पितरों की संतुष्टि हेतु [[ब्राह्मण]] भोजन करवाने से पितर तृप्त होकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। प्रतिवर्ष यहाँ हज़ारों तीर्थयात्री [[रामायण]] के नायक [[श्रीराम|भगवान श्रीराम]] द्वारा अपनी | '''[[नासिक]]''' शहर दक्षिण-पश्चिमी [[भारत]] के पश्चिमोत्तर [[महाराष्ट्र]] राज्य में [[गोदावरी नदी]] के किनारे बसा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ [[श्राद्ध]], [[तर्पण (श्राद्ध)|तर्पण]], [[पिण्ड (श्राद्ध)|पिण्डदान]] एवं पितरों की संतुष्टि हेतु [[ब्राह्मण]] भोजन करवाने से पितर तृप्त होकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। प्रतिवर्ष यहाँ हज़ारों तीर्थयात्री [[रामायण]] के नायक [[श्रीराम|भगवान श्रीराम]] द्वारा अपनी पत्नी [[सीता]] और भाई [[लक्ष्मण]] के साथ यहाँ कुछ समय तक निवास करने की [[किंवदंती]] के कारण आते हैं। नासिक को [[शिव]] पूजा का केंद्र होने के कारण 'दक्षिण काशी' भी कहा जाता है। [[नासिक|... और पढ़ें]] | ||
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13:46, 9 सितम्बर 2014 का अवतरण
नासिक शहर दक्षिण-पश्चिमी भारत के पश्चिमोत्तर महाराष्ट्र राज्य में गोदावरी नदी के किनारे बसा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ श्राद्ध, तर्पण, पिण्डदान एवं पितरों की संतुष्टि हेतु ब्राह्मण भोजन करवाने से पितर तृप्त होकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। प्रतिवर्ष यहाँ हज़ारों तीर्थयात्री रामायण के नायक भगवान श्रीराम द्वारा अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहाँ कुछ समय तक निवास करने की किंवदंती के कारण आते हैं। नासिक को शिव पूजा का केंद्र होने के कारण 'दक्षिण काशी' भी कहा जाता है। ... और पढ़ें