"तुम तूफ़ान समझ पाओगे ? -हरिवंश राय बच्चन": अवतरणों में अंतर
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<poem>तुम | <poem>तुम तूफ़ान समझ पाओगे? | ||
गीले बादल, पीले रजकण, | गीले बादल, पीले रजकण, | ||
सूखे पत्ते, रूखे तृण घन | सूखे पत्ते, रूखे तृण घन | ||
लेकर चलता करता 'हरहर'- इसका गान समझ पाओगे? | लेकर चलता करता 'हरहर'- इसका गान समझ पाओगे? | ||
तुम | तुम तूफ़ान समझ पाओगे? | ||
गंध-भरा यह मंद पवन था, | गंध-भरा यह मंद पवन था, | ||
लहराता इससे मधुवन था, | लहराता इससे मधुवन था, | ||
सहसा इसका टूट गया जो स्वप्न महान, समझ पाओगे? | सहसा इसका टूट गया जो स्वप्न महान, समझ पाओगे? | ||
तुम | तुम तूफ़ान समझ पाओगे? | ||
तोड़-मरोड़ विटप-लतिकाएँ, | तोड़-मरोड़ विटप-लतिकाएँ, | ||
नोच-खसोट कुसुम-कलिकाएँ, | नोच-खसोट कुसुम-कलिकाएँ, | ||
जाता है अज्ञात दिशा को! हटो विहंगम, उड़ जाओगे! | जाता है अज्ञात दिशा को! हटो विहंगम, उड़ जाओगे! | ||
तुम | तुम तूफ़ान समझ पाओगे?</poem> | ||
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10:01, 22 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
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तुम तूफ़ान समझ पाओगे? |
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