"प्रयाग शक्तिपीठ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} '''प्रयाग शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
'''प्रयाग शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। [[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन [[तीर्थ स्थान|तीर्थस्थान]] कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है।
'''प्रयाग शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। [[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन [[तीर्थ स्थान|तीर्थस्थान]] कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है।
*[[प्रयाग]] ([[इलाहाबाद]]) में तीन मंदिरों को, मतांतर से, शाक्तिपीठ माना जाता है और तीनों ही मंदिर प्रयाग शक्तिपीठ की शक्ति 'ललिता' के हैं।  
 
*ये तीन मंदिर हैं- [[अक्षयवट]] (किले) के निकट मीरापुर में और अलोपी मंदिर।
*प्रयाग शक्तिपीठ [[उत्तर प्रदेश]] के [[इलाहाबाद]] (प्राचीन नाम 'प्रयाग') में स्थित है।
*प्रयाग में सती की हस्तांगुली का निपात हुआ है था। यहाँ की शक्ति 'ललिता' तथा भैरव 'भव' हैं।  
*इलाहाबाद में इस शक्तिपीठ के स्थानों को लेकर मतान्तर हैं।
*अक्षयवट क़िले में कल्याणी- ललिता देवी मंदिर के समीप ही ललितेश्वर महादेव का भी मंदिर है।  
*यहाँ तीन मंदिरों को [[शक्तिपीठ]] माना जाता है और तीनों ही मंदिर प्रयाग शक्तिपीठ की शक्ति 'ललिता' के हैं।
*[[मत्स्यपुराण]] में वर्णित 108 शक्तिपीठों में यहाँ की देवी का नाम 'ललिता' दिया गया है।<ref>प्रयागे ललिता देवी, "नैमिषे लिंगधारिणी" ([[मत्स्यपुराण]] अध्याय 13), "प्रयागे ललितादेवी कामाक्षी गंधमादने" (श्रीमद् देवीभागवत- 7/30)</ref>
*[[प्रयाग]] में [[सती]] की हस्तांगुली का निपात हुआ है था।
*इलाहाबाद-[[कानपुर]] मार्ग पर इलाहाबाद से 54 किलोमीटर भी आगे [[बौद्ध|बौद्धों]] का पावन [[तीर्थ]] तथा बौद्ध केंद्र-[[कौशांबी]] है।  
*माना जाता है कि माता की अंगुलियाँ 'अक्षयवट', 'मीरापुर' और 'अलोपी' स्थानों पर गिरी थीं।
*इस शक्तिपीठ की शक्ति 'ललिता' तथा भैरव 'भव' हैं।  
*अक्षयवट क़िले में 'कल्याणी-ललिता देवी मंदिर' के समीप ही 'ललितेश्वर महादेव' का भी मंदिर है।
*[[मत्स्यपुराण]] में वर्णित 108 शक्तिपीठों में यहाँ की देवी का नाम 'ललिता' दिया गया है।
 
<blockquote>प्रयागे ललिता देवी, "नैमिषे लिंगधारिणी<ref>[[मत्स्यपुराण]] अध्याय 13</ref></blockquote>
<blockquote>प्रयागे ललितादेवी कामाक्षी गंधमादने<ref>श्रीमद् देवीभागवत- 7/30</ref></blockquote>
*[[इलाहाबाद]]-[[कानपुर]] मार्ग पर इलाहाबाद से 54 किलोमीटर भी आगे [[बौद्ध|बौद्धों]] का पावन [[तीर्थ]] तथा बौद्ध केंद्र-[[कौशांबी]] है।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{शक्तिपीठ}}
{{शक्तिपीठ}}
[[Category:इलाहाबाद]]
[[Category:इलाहाबाद]][[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:शक्तिपीठ]][[Category:हिन्दू_तीर्थ]]
[[Category:उत्तर प्रदेश]]
[[Category:हिन्दू_मन्दिर]][[Category:हिन्दू_धार्मिक_स्थल]][[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]][[Category:धार्मिक_स्थल_कोश]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]]
[[Category:शक्तिपीठ]]
[[Category:हिन्दू_धर्म]]
[[Category:हिन्दू_तीर्थ]]
[[Category:हिन्दू_मन्दिर]]
[[Category:हिन्दू_धार्मिक_स्थल]]
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]
[[Category:धार्मिक_स्थल_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

10:05, 26 सितम्बर 2014 का अवतरण

प्रयाग शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

  • प्रयाग शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्राचीन नाम 'प्रयाग') में स्थित है।
  • इलाहाबाद में इस शक्तिपीठ के स्थानों को लेकर मतान्तर हैं।
  • यहाँ तीन मंदिरों को शक्तिपीठ माना जाता है और तीनों ही मंदिर प्रयाग शक्तिपीठ की शक्ति 'ललिता' के हैं।
  • प्रयाग में सती की हस्तांगुली का निपात हुआ है था।
  • माना जाता है कि माता की अंगुलियाँ 'अक्षयवट', 'मीरापुर' और 'अलोपी' स्थानों पर गिरी थीं।
  • इस शक्तिपीठ की शक्ति 'ललिता' तथा भैरव 'भव' हैं।
  • अक्षयवट क़िले में 'कल्याणी-ललिता देवी मंदिर' के समीप ही 'ललितेश्वर महादेव' का भी मंदिर है।
  • मत्स्यपुराण में वर्णित 108 शक्तिपीठों में यहाँ की देवी का नाम 'ललिता' दिया गया है।

प्रयागे ललिता देवी, "नैमिषे लिंगधारिणी[1]

प्रयागे ललितादेवी कामाक्षी गंधमादने[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मत्स्यपुराण अध्याय 13
  2. श्रीमद् देवीभागवत- 7/30

संबंधित लेख