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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक त्योहार</font>
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| {{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
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| <div style="padding:3px">[[चित्र:Ahoi-Astami-1.jpg|right|100px|link=अहोई अष्टमी|border]]</div>
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| '''[[अहोई अष्टमी]]''' का व्रत महिलायें अपनी सन्तान की रक्षा और दीर्घ आयु के लिए रखती हैं। अहोई अष्टमी का व्रत [[कार्तिक]] [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमी]] के दिन किया जाता है। माताएँ अहोई अष्टमी के [[व्रत]] में दिन भर उपवास रखती हैं और सायंकाल तारे दिखाई देने के समय अहोई माता का पूजन किया जाता है। अहोई माता के चित्रांकन में ज़्यादातर आठ कोष्ठक की एक पुतली बनाई जाती है। यह अहोई माता [[गेरू]] आदि के द्वारा दीवार पर बनाई जाती है। इस दिन धोबी मारन लीला का भी मंचन होता है, जिसमें [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] द्वारा [[कंस]] के भेजे धोबी का वध प्रदर्शन किया जाता है। [[अहोई अष्टमी|... और पढ़ें]]
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| |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>
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