"कर्तृपुर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
'''कर्तृपुर''' का अभिज्ञान [[हिमाचल प्रदेश]] की [[कांगड़ा|कांगड़ा घाटी]] से किया गया है। कुछ विद्वानों का मत है कि कर्तृपुर में करतारपुर ([[जालंधर ज़िला|ज़िला जालंधर]], [[पंजाब]]) तथा [[उत्तराखण्ड]] का [[टिहरी गढ़वाल|गढ़वाल]] और [[कुमायूं]] का इलाका '''कत्यूर''' भी सम्मिलित रहा होगा। यदि यह अभिज्ञान ठीक है तो करतारपुर और कत्यूर को कर्तृपुर का ही बिगड़ा हुआ रूप समझना चाहिए।  
'''कर्तृपुर''' का अभिज्ञान [[हिमाचल प्रदेश]] की कांगड़ा घाटी से किया गया है। कुछ विद्वानों का मत है कि कर्तृपुर में करतारपुर ([[जालंधर ज़िला|ज़िला जालंधर]], [[पंजाब]]) तथा [[उत्तराखण्ड]] का [[टिहरी गढ़वाल|गढ़वाल]] और [[कुमायूं]] का इलाका '''कत्यूर''' भी सम्मिलित रहा होगा। यदि यह अभिज्ञान ठीक है तो करतारपुर और कत्यूर को कर्तृपुर का ही बिगड़ा हुआ रूप समझना चाहिए।  


[[गुप्त]] सम्राट् [[समुद्रगुप्त]] की [[प्रयाग]] प्रशस्ति में इस स्थान का [[गुप्त साम्राज्य]] के (उत्तरा पश्चिमी) प्रत्यंत या सीमा प्रदेश के रूप में उल्लेख है-  
[[गुप्त]] सम्राट् [[समुद्रगुप्त]] की [[प्रयाग]] प्रशस्ति में इस स्थान का [[गुप्त साम्राज्य]] के (उत्तरा पश्चिमी) प्रत्यंत या सीमा प्रदेश के रूप में उल्लेख है-  
पंक्ति 6: पंक्ति 5:




{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तराखण्ड के ऐतिहासिक स्थान}}
{{उत्तराखण्ड के ऐतिहासिक स्थान}}
पंक्ति 16: पंक्ति 13:
[[Category:उत्तराखंड के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:उत्तराखंड के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

10:00, 21 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण

कर्तृपुर का अभिज्ञान हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी से किया गया है। कुछ विद्वानों का मत है कि कर्तृपुर में करतारपुर (ज़िला जालंधर, पंजाब) तथा उत्तराखण्ड का गढ़वाल और कुमायूं का इलाका कत्यूर भी सम्मिलित रहा होगा। यदि यह अभिज्ञान ठीक है तो करतारपुर और कत्यूर को कर्तृपुर का ही बिगड़ा हुआ रूप समझना चाहिए।

गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में इस स्थान का गुप्त साम्राज्य के (उत्तरा पश्चिमी) प्रत्यंत या सीमा प्रदेश के रूप में उल्लेख है-

:'समतटडावककामरूपनेपाल- कर्तृपुरादि प्रत्यंतनृपतिभि: मालवाअर्जुननायन यौधेयमद्रक आंभीरप्रार्जुनसनकानिककाकखरपरिक....।'


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख