"विजयगढ़ क़िला, सोनभद्र": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''विजयगढ़ क़िला''' उत्तर प्रदेश के [[सोनभद्र ज़िला|सो...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | |||
|चित्र=Vijaygarh-Fort.jpg | |||
|चित्र का नाम=विजयगढ़ क़िला | |||
|विवरण='विजयगढ़ क़िला' [[उत्तर प्रदेश]] के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इसका आधा क्षेत्र [[कैमूर पहाड़ियाँ|कैमूर]] की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। | |||
|शीर्षक 1=राज्य | |||
|पाठ 1=[[उत्तर प्रदेश]] | |||
|शीर्षक 2=ज़िला | |||
|पाठ 2=[[सोनभद्र ज़िला|सोनभद्र]] | |||
|शीर्षक 3=निर्माण | |||
|पाठ 3=कोल राजाओं द्वारा | |||
|शीर्षक 4=निर्माण काल | |||
|पाठ 4=पाँचवीं सदी | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख=[[दुर्ग]], [[भारत के दुर्ग]] | |||
|अन्य जानकारी=क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे [[शिलालेख]] और चार बारहमासी तालाब आदि हैं। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
*इस क़िले का आधा क्षेत्र | '''विजयगढ़ क़िला''' [[उत्तर प्रदेश]] के [[सोनभद्र ज़िला|सोनभद्र ज़िले]] में स्थित है। यह 400 फीट ऊंचा है, जिसे पांचवीं सदी में बनाया गया था। [[कोल]] राजाओं ने इसका निर्माण करवाया था। यह क़िला मऊ कलां [[ग्राम]] में रॉबर्ट्सगंज-चर्च मार्ग पर रॉबर्ट्सगंज से लगभग 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/sonbhadra/attractions/vijaygarh-fort/|title= विजयगढ़ किला, सोनभद्र|accessmonthday= 31 अक्टूबर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नैटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref> | ||
*इस क़िले का आधा क्षेत्र [[कैमूर पहाड़ियाँ|कैमूर]] की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। | |||
*क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे [[शिलालेख]] और चार बारहमासी तालाब हैं। | *क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे [[शिलालेख]] और चार बारहमासी तालाब हैं। | ||
*विजयगढ़ क़िले के मुख्य द्वार पर एक [[मुस्लिम]] [[संत]] की कब्र बनी हुई है। इन संत का नाम सैय्यद जैन-उल-अबदीन मीर साहिब था, जो हज़रत मीरान साहिब बाबा के नाम से विख्यात हैं। | *विजयगढ़ क़िले के मुख्य द्वार पर एक [[मुस्लिम]] [[संत]] की कब्र बनी हुई है। इन संत का नाम सैय्यद जैन-उल-अबदीन मीर साहिब था, जो हज़रत मीरान साहिब बाबा के नाम से विख्यात हैं। |
13:22, 31 अक्टूबर 2014 का अवतरण
विजयगढ़ क़िला, सोनभद्र
| |
विवरण | 'विजयगढ़ क़िला' उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इसका आधा क्षेत्र कैमूर की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | सोनभद्र |
निर्माण | कोल राजाओं द्वारा |
निर्माण काल | पाँचवीं सदी |
संबंधित लेख | दुर्ग, भारत के दुर्ग |
अन्य जानकारी | क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे शिलालेख और चार बारहमासी तालाब आदि हैं। |
विजयगढ़ क़िला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले में स्थित है। यह 400 फीट ऊंचा है, जिसे पांचवीं सदी में बनाया गया था। कोल राजाओं ने इसका निर्माण करवाया था। यह क़िला मऊ कलां ग्राम में रॉबर्ट्सगंज-चर्च मार्ग पर रॉबर्ट्सगंज से लगभग 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।[1]
- इस क़िले का आधा क्षेत्र कैमूर की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
- क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे शिलालेख और चार बारहमासी तालाब हैं।
- विजयगढ़ क़िले के मुख्य द्वार पर एक मुस्लिम संत की कब्र बनी हुई है। इन संत का नाम सैय्यद जैन-उल-अबदीन मीर साहिब था, जो हज़रत मीरान साहिब बाबा के नाम से विख्यात हैं।
- बाबा को समर्पित एक मेले या उर्स का आयोजन प्रत्येक वर्ष अप्रैल में किया जाता है। इस मेले में सभी धर्म के श्रद्धालु, निष्पक्ष भाव से दर्शन करने आते है।
- इस क़िले के पास दो लैंडमार्क स्थित हैं, जिन्हें 'मीरा सागर' और 'राम सागर' के नाम से जाना जाता है। इन दोनों के मध्य 'रंग महल पैलेस' है, जो खूबसूरत चट्टानी नक़्क़ाशियों के लिए जाना जाता है।
- काँवरिया या भगवान शिव के भक्त अपने घरों से पैदल जाते हैं और राम सागर से पानी लेकर शिवलिंग के ऊपर रखते है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विजयगढ़ किला, सोनभद्र (हिन्दी) नैटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 31 अक्टूबर, 2014।