"मुम्बई का जनजीवन": अवतरणों में अंतर

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[[1940]] के दशक से [[मुम्बई]] का विकास असाधारण तो नहीं, लेकिन एक समान रहा है। 20वीं [[सदी]] की शुरुआत में यहाँ की जनसंख्या 8 लाख 50 हज़ार थी। [[1941]] में यह दुगुनी होकर 16 लाख 95 हज़ार हो गई है। परिवार नियोजन कार्यक्रमों के कारण इस शहर में जन्मदर देश के अन्य हिस्सों से काफ़ी कम है और जनसंख्या विकास की ऊँची दर का मुख्य कारण रोज़गार की खोज में यहाँ आने वाले लोग हैं। मुम्बई विश्व की सबसे अधिक सघन आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। [[1981]] में ग्रेटर मुम्बई का औसत घनत्व 13,500 लोग प्रति वर्ग किमी था। शहर के अधिकांश पुराने हिस्सों में घनत्व इस औसत से लगभग तीन गुना अधिक था, हालाँकि पश्च खाड़ी के पास स्थित गिरगांव, भिंडी बाज़ार और भुलेश्वर में घनत्व कम है। नगर के कुछ भीतरी हिस्सों में घनत्व लगभग 3,86,100 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, जो शायद दुनिया का अधिकतम घनत्व है।
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मुम्बई का चरित्र सही मायनों में महानगरीय है और यहाँ लगभग सभी धर्मों तथा विश्व के सभी क्षेत्रों के लोग रहते हैं। यहाँ की लगभग आधी आबादी [[हिन्दू|हिंदुओं]] की है, लेकिन [[इस्लाम]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[बौद्ध]], [[जैन]], [[सिक्ख]], [[पारसी धर्म|पारसी]] और [[यहूदी धर्म|यहूदी]] धर्म के लोग भी यहाँ मौजूद हैं। मुम्बई में लगभग सभी भारतीय भाषाएँ और कई विदेशी भाषाएँ बोली जाती हैं। राजकीय भाषा [[मराठी भाषा|मराठी]] प्रमुख स्थानीय भाषा है, इसके बाद [[गुजराती भाषा|गुजराती]] और [[हिन्दी]] का स्थान है।
मुम्बई का चरित्र सही मायनों में महानगरीय है और यहाँ लगभग सभी धर्मों तथा विश्व के सभी क्षेत्रों के लोग रहते हैं। यहाँ की लगभग आधी आबादी [[हिन्दू|हिंदुओं]] की है, लेकिन [[इस्लाम]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[बौद्ध]], [[जैन]], [[सिक्ख]], [[पारसी धर्म|पारसी]] और [[यहूदी धर्म|यहूदी]] धर्म के लोग भी यहाँ मौजूद हैं। मुम्बई में लगभग सभी भारतीय भाषाएँ और कई विदेशी भाषाएँ बोली जाती हैं। राजकीय भाषा [[मराठी भाषा|मराठी]] प्रमुख स्थानीय भाषा है, इसके बाद [[गुजराती भाषा|गुजराती]] और [[हिन्दी]] का स्थान है।


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10:29, 10 दिसम्बर 2014 का अवतरण

1940 के दशक से मुम्बई का विकास असाधारण तो नहीं, लेकिन एक समान रहा है। 20वीं सदी की शुरुआत में यहाँ की जनसंख्या 8 लाख 50 हज़ार थी। 1941 में यह दुगुनी होकर 16 लाख 95 हज़ार हो गई है। परिवार नियोजन कार्यक्रमों के कारण इस शहर में जन्मदर देश के अन्य हिस्सों से काफ़ी कम है और जनसंख्या विकास की ऊँची दर का मुख्य कारण रोज़गार की खोज में यहाँ आने वाले लोग हैं। मुम्बई विश्व की सबसे अधिक सघन आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। 1981 में ग्रेटर मुम्बई का औसत घनत्व 13,500 लोग प्रति वर्ग किमी था। शहर के अधिकांश पुराने हिस्सों में घनत्व इस औसत से लगभग तीन गुना अधिक था, हालाँकि पश्च खाड़ी के पास स्थित गिरगांव, भिंडी बाज़ार और भुलेश्वर में घनत्व कम है। नगर के कुछ भीतरी हिस्सों में घनत्व लगभग 3,86,100 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, जो शायद दुनिया का अधिकतम घनत्व है।

मुम्बई का चरित्र सही मायनों में महानगरीय है और यहाँ लगभग सभी धर्मों तथा विश्व के सभी क्षेत्रों के लोग रहते हैं। यहाँ की लगभग आधी आबादी हिंदुओं की है, लेकिन इस्लाम, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिक्ख, पारसी और यहूदी धर्म के लोग भी यहाँ मौजूद हैं। मुम्बई में लगभग सभी भारतीय भाषाएँ और कई विदेशी भाषाएँ बोली जाती हैं। राजकीय भाषा मराठी प्रमुख स्थानीय भाषा है, इसके बाद गुजराती और हिन्दी का स्थान है।


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