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| <u>[[उड़ीसा]]</u>: सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज '''·''' <u>[[झारखण्ड]]</u>: सिंहभूम, हज़ारीबाग़ पलामू '''·''' <u>[[छत्तीसगढ़]]</u>: बस्तर, दुर्ग, [[रायपुर छत्तीसगढ़|रायपुर, रायगढ़ '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: जबलपुर, बिलासपुर, [[बालाघाट]], छिन्दबाड़ा '''·''' <u>[[आन्ध्र प्रदेश]]</u>: कुडप्पा, कृष्णा, कुर्नूल, गुण्टूर, बारंगल, चित्तूर '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: बेलारी, चिकमंगलूर, चीतल दुर्ग '''·''' <u>[[महाराष्ट्र]]</u>: सलेम, तिरुचिरापल्ली '''·''' <u>[[गोवा]]</u> | | <u>[[उड़ीसा]]</u>: सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज '''·''' <u>[[झारखण्ड]]</u>: सिंहभूम, हज़ारीबाग़ पलामू '''·''' <u>[[छत्तीसगढ़]]</u>: बस्तर, दुर्ग, [[रायपुर छत्तीसगढ़|रायपुर]], रायगढ़ '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: जबलपुर, बिलासपुर, [[बालाघाट]], छिन्दबाड़ा '''·''' <u>[[आन्ध्र प्रदेश]]</u>: कुडप्पा, कृष्णा, कुर्नूल, गुण्टूर, बारंगल, चित्तूर '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: बेलारी, चिकमंगलूर, चीतल दुर्ग '''·''' <u>[[महाराष्ट्र]]</u>: सलेम, तिरुचिरापल्ली '''·''' <u>[[गोवा]]</u> | ||
| देश में विश्व का सर्वाधिक अनुमानित भण्डार<ref>सम्पूर्ण विश्व का लगभग 25% विद्यमान | | देश में विश्व का सर्वाधिक अनुमानित भण्डार<ref>सम्पूर्ण विश्व का लगभग 25% विद्यमान है।</ref> [[झारखण्ड]] तथा [[उड़ीसा]] राज्यों से देश का लगभग 75% लोहा प्राप्त किया जाता है।<br /> | ||
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| मैंगनीज़ | | मैंगनीज़ | ||
| 16.7 करोड़ टन | | 16.7 करोड़ टन | ||
| <u>[[झारखण्ड]]</u>: | | <u>[[झारखण्ड]]</u>: सिंहभूम '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: चीतलदुर्ग, तुमकुर, शिमोगा, किंमगलूर, उत्तरी कनारा, धारवाड़, [[बेलगाँव कर्नाटक|बेलगाँव]] '''·''' <u>[[आन्ध्र प्रदेश]]</u>: विशाखापट्टनम '''·''' <u>[[गुजरात]]</u> पंचमहल'''·''' <u>[[राजस्थान]]</u>: [[उदयपुर]] तथा बाँसवाड़ा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: [[बालाघाट]], छिन्दवाड़ा, सिवनी, जबलपुर '''·''' <u>[[उड़ीसा]]</u>: क्योंझर, कालाहांडी, तलचर, मयूरभंज '''·''' <u>[[महाराष्ट्र]]</u>: [[नागपुर]], भण्डारा तथा रत्नागिरी | ||
| मैंगनीज़ उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। [[उड़ीसा]] देश का सर्वाधिक मैंगनीज़ उत्पादन करने वाला राज्य है। | | मैंगनीज़ उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। [[उड़ीसा]] देश का सर्वाधिक मैंगनीज़ उत्पादन करने वाला राज्य है। | ||
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| 303.7 करोड़ टन | | 303.7 करोड़ टन | ||
| <u>[[झारखण्ड]]</u>: पलामू '''·''' <u>[[गुजरात]]</u>: खेड़ा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: कटनी, [[बालाघाट]], बिलासपुर, बस्तर तथा जबलपुर '''·''' <u>[[तमिलनाडु]]</u>: सलेम '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: चीतलदुर्ग तथा बेलगाँव '''·''' <u>[[महाराष्ट्र]]</u>: कोल्हापुर '''·''' <u>[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]</u>: कोटली | | <u>[[झारखण्ड]]</u>: पलामू '''·''' <u>[[गुजरात]]</u>: खेड़ा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: कटनी, [[बालाघाट]], बिलासपुर, बस्तर तथा जबलपुर '''·''' <u>[[तमिलनाडु]]</u>: सलेम '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: चीतलदुर्ग तथा [[बेलगाँव कर्नाटक|बेलगाँव]] '''·''' <u>[[महाराष्ट्र]]</u>: कोल्हापुर '''·''' <u>[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]</u>: कोटली | ||
| बाक्साइट से एल्युमीनियम धातु की प्राप्ति होती है। भारत का विश्व में बाक्साइट उत्पादन में तीसरा स्थान है।<br /> | | बाक्साइट से एल्युमीनियम धातु की प्राप्ति होती है। भारत का विश्व में बाक्साइट उत्पादन में तीसरा स्थान है।<br /> | ||
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| ताँबा | | ताँबा | ||
| 67.41 करोड़ टन | | 67.41 करोड़ टन | ||
| <u>[[झारखण्ड]]</u>: सिंहभूम, हज़ारीबाग़ '''·''' <u>[[राजस्थान]]</u>: खेतडी, झुंझुनू, भीलवाड़ा अलवर, सिरोही '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: चीतलदुर्ग, हासन, रायचूर तथा चिकमंगलूर '''·'''<u>[[आन्ध्र प्रदेश]]</u>: गुण्टूर, खम्माम तथा अग्रिगुण्डल '''·''' <u>[[गुजरात]]</u>: बनांसकाठा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: [[बालाघाट]] '''·''' देश में ताँबे की कुछ मात्रा [[पंजाब]], [[उत्तर प्रदेश]], [[सिक्किम]] तथा [[तमिलनाडु]] से भी प्राप्त होती है।<br /> | | <u>[[झारखण्ड]]</u>: सिंहभूम, हज़ारीबाग़ '''·''' <u>[[राजस्थान]]</u>: खेतडी, झुंझुनू, भीलवाड़ा, [[अलवर]], सिरोही '''·''' <u>[[कर्नाटक]]</u>: चीतलदुर्ग, हासन, रायचूर तथा चिकमंगलूर '''·'''<u>[[आन्ध्र प्रदेश]]</u>: गुण्टूर, खम्माम तथा अग्रिगुण्डल '''·''' <u>[[गुजरात]]</u>: बनांसकाठा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: [[बालाघाट]] '''·''' देश में ताँबे की कुछ मात्रा [[पंजाब]], [[उत्तर प्रदेश]], [[सिक्किम]] तथा [[तमिलनाडु]] से भी प्राप्त होती है।<br /> | ||
| देश में ताँबा बहुत ही कम मात्रा में भण्डारित है। देश का लगभग ताँबा [[बिहार]] के सिंहभूम तथा हज़ारीबाग़ ज़िलों एवं राजस्थान की खेतड़ी खानों से प्राप्त किया जाता है।<br /> | | देश में ताँबा बहुत ही कम मात्रा में भण्डारित है। देश का लगभग ताँबा [[बिहार]] के सिंहभूम तथा हज़ारीबाग़ ज़िलों एवं [[राजस्थान]] की खेतड़ी खानों से प्राप्त किया जाता है।<br /> | ||
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| कोयला | | कोयला | ||
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| <u>[[झारखण्ड]] तथा बंगाल</u>: रानीगंज, झरिया, गिरिडीह, बोकारो तथा करनपुरा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]</u>: सिंगरौली '''·''' <u>[[छत्तीसगढ़]]</u>: रायगढ़, सोनहट, सोहागपुर तथा उमरिया '''·''' <u>[[उड़ीसा]]</u>: देसगढ़, तलचर '''·''' <u>महाराष्ट्र</u>: चांदा ज़िला '''·''' <u>[[असम]]</u>: माकूम तथा लखीमपुर '''·''' <u>आन्ध्र प्रदेश</u>: सिंगरेनी '''·''' बहुत थोड़ी मात्रा में कोयला [[अरुणाचल प्रदेश]], जम्मू कश्मीर, मेघालय तथा नागालैण्ड से भी प्राप्त किया जाता है।<br /> | | <u>[[झारखण्ड]] तथा बंगाल</u>: रानीगंज, झरिया, गिरिडीह, बोकारो तथा करनपुरा '''·''' <u>[[मध्य प्रदेश]]</u>: सिंगरौली '''·''' <u>[[छत्तीसगढ़]]</u>: रायगढ़, सोनहट, सोहागपुर तथा उमरिया '''·''' <u>[[उड़ीसा]]</u>: देसगढ़, तलचर '''·''' <u>[[महाराष्ट्र]]</u>: चांदा ज़िला '''·''' <u>[[असम]]</u>: माकूम तथा लखीमपुर '''·''' <u>[[आन्ध्र प्रदेश]]</u>: सिंगरेनी '''·''' बहुत थोड़ी मात्रा में कोयला [[अरुणाचल प्रदेश]], [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]], [[मेघालय]] तथा [[नागालैण्ड]] से भी प्राप्त किया जाता है।<br /> | ||
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| 260 करोड़ टन | | 260 करोड़ टन | ||
| <u>[[तमिलनाडु]]</u>: नेबेली क्षेत्र '''·''' <u>[[राजस्थान]]</u>: पल्लू क्षेत्र '''·''' <u>[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]</u>: रियासी क्षेत्र '''·''' <u>[[गुजरात]] तथा [[पाण्डिचेरी]]</u>: लिग्नाइट के कुछ भण्डार मिलते हैं। | | <u>[[तमिलनाडु]]</u>: नेबेली क्षेत्र '''·''' <u>[[राजस्थान]]</u>: पल्लू क्षेत्र '''·''' <u>[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]</u>: रियासी क्षेत्र '''·''' <u>[[गुजरात]] तथा [[पुदुचेरी|पाण्डिचेरी]]</u>: लिग्नाइट के कुछ भण्डार मिलते हैं। | ||
| देश में लिग्नाइट का सर्वाधिक भण्डार<ref>लगभग 383 करोड़ टन</ref> केवल [[तमिलनाडु]] राज्य में ही है। | | देश में लिग्नाइट का सर्वाधिक भण्डार<ref>लगभग 383 करोड़ टन</ref> केवल [[तमिलनाडु]] राज्य में ही है। | ||
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11:56, 10 अगस्त 2010 का अवतरण
खनिज | अनुमानित भण्डार | प्राप्ति के क्षेत्र | विशेष बिन्दु |
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लौह खनिज | 13 अरब टन | उड़ीसा: सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज · झारखण्ड: सिंहभूम, हज़ारीबाग़ पलामू · छत्तीसगढ़: बस्तर, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ · मध्य प्रदेश: जबलपुर, बिलासपुर, बालाघाट, छिन्दबाड़ा · आन्ध्र प्रदेश: कुडप्पा, कृष्णा, कुर्नूल, गुण्टूर, बारंगल, चित्तूर · कर्नाटक: बेलारी, चिकमंगलूर, चीतल दुर्ग · महाराष्ट्र: सलेम, तिरुचिरापल्ली · गोवा | देश में विश्व का सर्वाधिक अनुमानित भण्डार[1] झारखण्ड तथा उड़ीसा राज्यों से देश का लगभग 75% लोहा प्राप्त किया जाता है। |
मैंगनीज़ | 16.7 करोड़ टन | झारखण्ड: सिंहभूम · कर्नाटक: चीतलदुर्ग, तुमकुर, शिमोगा, किंमगलूर, उत्तरी कनारा, धारवाड़, बेलगाँव · आन्ध्र प्रदेश: विशाखापट्टनम · गुजरात पंचमहल· राजस्थान: उदयपुर तथा बाँसवाड़ा · मध्य प्रदेश: बालाघाट, छिन्दवाड़ा, सिवनी, जबलपुर · उड़ीसा: क्योंझर, कालाहांडी, तलचर, मयूरभंज · महाराष्ट्र: नागपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरी | मैंगनीज़ उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। उड़ीसा देश का सर्वाधिक मैंगनीज़ उत्पादन करने वाला राज्य है। |
अभ्रक | 1.09 लाख टन | बिहार: अभ्रक पेटी का विस्तार गया तथा मुंगेर ज़िलों में · झारखण्ड: हज़ारीबाग़ में · राजस्थान: अभ्रक पेटी का विस्तार अजमेर, शाहपुर, टींका, भीलवाड़ा, जयपुर में · आन्ध्र प्रदेश: नेल्लोर | भारत में विश्व का सर्वाधिक अभ्रक है तथा यहाँ पर से विश्व उत्पादन का लगभग दो तिहाई अभ्रक प्राप्त किया जाता है। |
बाक्साइट | 303.7 करोड़ टन | झारखण्ड: पलामू · गुजरात: खेड़ा · मध्य प्रदेश: कटनी, बालाघाट, बिलासपुर, बस्तर तथा जबलपुर · तमिलनाडु: सलेम · कर्नाटक: चीतलदुर्ग तथा बेलगाँव · महाराष्ट्र: कोल्हापुर · जम्मू कश्मीर: कोटली | बाक्साइट से एल्युमीनियम धातु की प्राप्ति होती है। भारत का विश्व में बाक्साइट उत्पादन में तीसरा स्थान है। |
ताँबा | 67.41 करोड़ टन | झारखण्ड: सिंहभूम, हज़ारीबाग़ · राजस्थान: खेतडी, झुंझुनू, भीलवाड़ा, अलवर, सिरोही · कर्नाटक: चीतलदुर्ग, हासन, रायचूर तथा चिकमंगलूर ·आन्ध्र प्रदेश: गुण्टूर, खम्माम तथा अग्रिगुण्डल · गुजरात: बनांसकाठा · मध्य प्रदेश: बालाघाट · देश में ताँबे की कुछ मात्रा पंजाब, उत्तर प्रदेश, सिक्किम तथा तमिलनाडु से भी प्राप्त होती है। |
देश में ताँबा बहुत ही कम मात्रा में भण्डारित है। देश का लगभग ताँबा बिहार के सिंहभूम तथा हज़ारीबाग़ ज़िलों एवं राजस्थान की खेतड़ी खानों से प्राप्त किया जाता है। |
सोना | 176.9 लाख टन | कर्नाटक [2] | |
मैग्रेसाइट | 24.50 करोड़ टन | कर्नाटक: मैसूर तथा हासन · उत्तराखण्ड: अल्मोड़ा, चमोली तथा पिथोरागढ़ · तमिलनाडु: सलेम | |
कोयला | 2,0624 खरब टन | झारखण्ड तथा बंगाल: रानीगंज, झरिया, गिरिडीह, बोकारो तथा करनपुरा · मध्य प्रदेश: सिंगरौली · छत्तीसगढ़: रायगढ़, सोनहट, सोहागपुर तथा उमरिया · उड़ीसा: देसगढ़, तलचर · महाराष्ट्र: चांदा ज़िला · असम: माकूम तथा लखीमपुर · आन्ध्र प्रदेश: सिंगरेनी · बहुत थोड़ी मात्रा में कोयला अरुणाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मेघालय तथा नागालैण्ड से भी प्राप्त किया जाता है। |
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लिग्नाइट | 260 करोड़ टन | तमिलनाडु: नेबेली क्षेत्र · राजस्थान: पल्लू क्षेत्र · जम्मू कश्मीर: रियासी क्षेत्र · गुजरात तथा पाण्डिचेरी: लिग्नाइट के कुछ भण्डार मिलते हैं। | देश में लिग्नाइट का सर्वाधिक भण्डार[3] केवल तमिलनाडु राज्य में ही है। |
खनिज तेल | 620 करोड़ टन | इसकी प्राप्ति के प्रमुख क्षेत्र असम की ब्रह्मपुत्र घाटी तथा गुजरात राज्य में स्थित हैं। इनके अतिरिक्त त्रिपुरा, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, कच्छ क्षेत्र, आन्ध्र प्रदेश आदि में भी खनिज तेल का पता लगा है। पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र तथा गुजरात के अपतटीय क्षेत्र में भी तेल भण्डार स्थित हैं। |