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| वैदिक संस्कृत
| वैदिक संस्कृत
| 1500 ई॰ पू॰– 1000 ई॰ पू॰
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| छान्दस् (यास्क, [[पाणिनी]])
| छान्दस् (यास्क, [[पाणिनि]])
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| लौकिक संस्कृत
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| 1000 ई॰ पू॰- 500 ई॰ पू॰
| 1000 ई॰ पू॰- 500 ई॰ पू॰
| [[संस्कृत भाषा]] ([[पाणिनी]])
| [[संस्कृत भाषा]] ([[पाणिनि]])
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भारत में 4 भाषा–परिवार
भाषा–परिवार भारत में बोलने वालों का %
भारोपीय 73%
द्रविड़ 25%
आस्ट्रिक 1.3%
चीनी–तिब्बती 0.7%
भारतीय आर्यभाषा को तीन काल
नाम प्रयोग काल उदाहरण
प्राचीन भारतीय आर्यभाषा 1500 ई॰ पू॰– 500 ई॰ पू॰ वैदिक संस्कृत व लौकिक संस्कृत
मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा 500 ई॰ पू॰– 1000 ई॰ पालि, प्राकृत, अपभ्रंश
आधुनिक भारतीय आर्यभाषा 1000 ई॰– अब तक हिन्दी और हिन्दीतर भाषाएँ – बांग्ला, उड़िया, मराठी,
सिंधी, असमिया, गुजराती, पंजाबी आदि।
प्राचीन भारतीय
आर्यभाषा
नाम प्रयोग काल अन्य नाम
वैदिक संस्कृत 1500 ई॰ पू॰– 1000 ई॰ पू॰ छान्दस् (यास्क, पाणिनि)
लौकिक संस्कृत 1000 ई॰ पू॰- 500 ई॰ पू॰ संस्कृत भाषा (पाणिनि)
मध्यकालीन भारतीय
आर्यभाषा
नाम प्रयोग काल विशेष टिप्पणी
प्रथम प्राकृत काल– पालि 500 ई॰ पू॰– 1 ली ई॰ भारत की प्रथम देश भाषा, भगवान बुद्ध के सारे उपदेश पालि में ही हैं।
द्वितीय प्राकृत काल– प्राकृत 1 ली ई॰– 500 ई॰ भगवान महावीर के सारे उपदेश प्राकृत में ही हैं।
तृतीय प्राकृत काल– अपभ्रंश

अवहट्ट

500 ई॰– 1000 ई॰

900 ई॰ – 1100 ई॰

संक्रमणकालीन/संक्रान्तिकालीन भाषा
आधुनिक भारतीय
आर्यभाषा (हिन्दी)
नाम प्रयोग काल
प्राचीन हिन्दी 1100 ई॰ पू॰– 1400 ई॰ पू॰
मध्यकालीन हिन्दी 1400 ई॰ पू॰- 1850 ई॰ पू॰
आधुनिक हिन्दी 1850– अब तक