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|आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ। | |||
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|[[महाभारत]] का युद्ध। | |||
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|[[महर्षि व्यास]] के द्वारा [[महाभारत]] महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व ([[बंगाल]]) की ओर विस्तार, [[रामायण]] का प्रथम वृत्तान्त। | |||
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|उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा [[गोदावरी]] तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित। | |||
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|जन्म-[[लुम्बिनी]], मृत्यु-[[कुशीनगर]] | |||
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|(जन्म-[[कुन्डग्राम]], [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]] | |||
|[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल। | |||
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|[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार ([[हर्यक वंश]]) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता। | |||
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*517–509 – हखमनी वंश (ईरान) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा सिन्धु नदी पर गवेषण अभियान। | |||
*492–460 – बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु का राज्यकाल। | |||
*412–344 – शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का मगध साम्राज्य में विलय। | |||
*400 - सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः श्रीलंका तक विस्तार। | |||
*344 – महापद्मनन्द द्वारा मगध में नंद वंश की स्थापना। | |||
*326 – नंद वंशी राजा घनानंद की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर सिकन्दर के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु। | |||
*322 – चन्द्रगुपत मौर्य द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक घनानंद को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना। | |||
*315 – इण्डिका के लेखक तथा सेल्युकस (यूनानी शासक) के दूत मेगस्थनीज का भारत में आगमन। | |||
*298–273 – चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार का राज्य काल। | |||
*273–232 – अशोक का शासनकाल, मौर्यवंश का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा कलिंग विजय (262-61)। | |||
*185 - अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा शुंग वंश की स्थापना। | |||
*190–171 – यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल। | |||
*165 – कलिंग शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय। | |||
*155–130 – सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल। | |||
*145 – चोल राजा एलारा की श्रीलंका के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन। | |||
*128 – यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में प्रवेश (पंजाब में)। | |||
*71 – शुंग वंश के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, वसुदेव के द्वारा कण्व वंश की स्थापना। | |||
*60 – आन्ध्र में सिमुक द्वारा सातवाहन वंश की स्थापना। | |||
*58 – उज्जैन के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ। | |||
*22 – रोम के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध। |
05:06, 12 अगस्त 2010 का अवतरण
भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन
ईसा पूर्व
क्रम | ईसवी/वर्ष | स्थान | विवरण |
---|---|---|---|
1 | 7000 | राजस्थान (साम्भर) | पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य। |
2 | 6000 | मेहरगढ़ (सिंध-बलूचिस्तान सीमा), बुर्जहोम (कश्मीर) | भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष। |
3 | 5000–4000 | बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा | भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष। |
4 | 4000–3000 | खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ। | |
5 | 2500 | सिंधु घाटी | पूर्व-हड़प्पा सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष। |
6 | 2500–1750 | रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार। | |
7 | 2250–2000 | हड़प्पा सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय। | |
8 | 1500 | आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता। | |
9 | 1000 | आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ। | |
10 | 950 | महाभारत का युद्ध। | |
11 | 800 | महर्षि व्यास के द्वारा महाभारत महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व (बंगाल) की ओर विस्तार, रामायण का प्रथम वृत्तान्त। | |
12 | 600–550 | उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा गोदावरी तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित। | |
13 | 563–483 | जन्म-लुम्बिनी, मृत्यु-कुशीनगर | बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जीवन काल। |
14 | 599–257 | (जन्म-कुन्डग्राम, वैशाली), मृत्यु-पावापुरी, कुशीनगर | जैन धर्म के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल। |
15 | 544–492 | गौतम बुद्ध के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, मगध राज्य की श्रेष्ठता। |
- 517–509 – हखमनी वंश (ईरान) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा सिन्धु नदी पर गवेषण अभियान।
- 492–460 – बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु का राज्यकाल।
- 412–344 – शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का मगध साम्राज्य में विलय।
- 400 - सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः श्रीलंका तक विस्तार।
- 344 – महापद्मनन्द द्वारा मगध में नंद वंश की स्थापना।
- 326 – नंद वंशी राजा घनानंद की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर सिकन्दर के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु।
- 322 – चन्द्रगुपत मौर्य द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक घनानंद को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना।
- 315 – इण्डिका के लेखक तथा सेल्युकस (यूनानी शासक) के दूत मेगस्थनीज का भारत में आगमन।
- 298–273 – चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार का राज्य काल।
- 273–232 – अशोक का शासनकाल, मौर्यवंश का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा कलिंग विजय (262-61)।
- 185 - अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा शुंग वंश की स्थापना।
- 190–171 – यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल।
- 165 – कलिंग शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।
- 155–130 – सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल।
- 145 – चोल राजा एलारा की श्रीलंका के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।
- 128 – यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में प्रवेश (पंजाब में)।
- 71 – शुंग वंश के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, वसुदेव के द्वारा कण्व वंश की स्थापना।
- 60 – आन्ध्र में सिमुक द्वारा सातवाहन वंश की स्थापना।
- 58 – उज्जैन के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ।
- 22 – रोम के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।