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पिंजरे के पंछी रे, तेरा दादर ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दादर ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए


बहार से तो खामोश रे है तू
बहार से तो खामोश रे है तू
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ये पत्थर का देश हैं पगले, कोई ना तेरा होय
ये पत्थर का देश हैं पगले, कोई ना तेरा होय
तेरा दर्द ना जाने कोए
तेरा दर्द ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दादर ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए
तेरा दादर ना जाने कोए, पिंजरे के पंछी रे
तेरा दर्द ना जाने कोए, पिंजरे के पंछी रे
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12:59, 9 फ़रवरी 2015 का अवतरण

पिंजरे के पंछी रे
कवि प्रदीप
कवि प्रदीप
विवरण पिंजरे के पंछी रे एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है।
रचनाकार कवि प्रदीप
फ़िल्म नागमणि (1957)
संगीतकार अविनाश व्यास
गायक/गायिका कवि प्रदीप
अन्य जानकारी कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत और हिंदी फ़िल्म जगत के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।

पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए

बहार से तो खामोश रे है तू
बहार से तो खामोश रे है तू
भीतर भीतर रोये रे हाय भीतर भीतर रोये
तेरा दर्द ना जाने कोए
तेरा दर्द ना जाने कोए

कह ना सके तू, अपनी कहानी
तेरी भी पंछी, क्या जिंदगानी रे
तेरी भी पंछी, क्या जिंदगानी रे
विधि ने तेरी कथा लिखी आंसू में कलम डुबोए
तेरा दर्द ना जाने कोए
तेरा दर्द ना जाने कोए

चुपके चुपके, रोने वाले
रखना छुपाके, दिल के छाले रे
रखना छुपाके, दिल के छाले रे
ये पत्थर का देश हैं पगले, कोई ना तेरा होय
तेरा दर्द ना जाने कोए
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए
तेरा दर्द ना जाने कोए, पिंजरे के पंछी रे


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