"पिंजरे के पंछी रे": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) ('{| class="bharattable-pink" align="right" |+ संक्षिप्त परिचय |- | * फ़िल्म : नागमणि (...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{| | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
| | |चित्र=Pradeep.jpg | ||
| | |चित्र का नाम=कवि प्रदीप | ||
| | |विवरण='''{{PAGENAME}}''' एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है। | ||
|शीर्षक 1=रचनाकार | |||
|पाठ 1=[[कवि प्रदीप]] | |||
|शीर्षक 2=फ़िल्म | |||
|पाठ 2=नागमणि (1957) | |||
|} | |शीर्षक 3=संगीतकार | ||
|पाठ 3=अविनाश व्यास | |||
|शीर्षक 4=गायक/गायिका | |||
|पाठ 4= कवि प्रदीप | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|अन्य जानकारी=कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप [[हिंदी साहित्य]] जगत और हिंदी फ़िल्म जगत के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
पिंजरे के पंछी रे, तेरा | पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए | ||
पिंजरे के पंछी रे, तेरा | पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए | ||
बहार से तो खामोश रे है तू | बहार से तो खामोश रे है तू | ||
पंक्ति 31: | पंक्ति 51: | ||
ये पत्थर का देश हैं पगले, कोई ना तेरा होय | ये पत्थर का देश हैं पगले, कोई ना तेरा होय | ||
तेरा दर्द ना जाने कोए | तेरा दर्द ना जाने कोए | ||
पिंजरे के पंछी रे, तेरा | पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए | ||
तेरा | तेरा दर्द ना जाने कोए, पिंजरे के पंछी रे | ||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} |
12:59, 9 फ़रवरी 2015 का अवतरण
पिंजरे के पंछी रे
| |
विवरण | पिंजरे के पंछी रे एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है। |
रचनाकार | कवि प्रदीप |
फ़िल्म | नागमणि (1957) |
संगीतकार | अविनाश व्यास |
गायक/गायिका | कवि प्रदीप |
अन्य जानकारी | कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत और हिंदी फ़िल्म जगत के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। |
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए |
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख