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==भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन==
==महमूद गजनवी के 17 आक्रमण==
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!क्रम
!क्रम
!ईसवी
!ईसवी/वर्ष
!आक्रमण
!विवरण
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|1
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|1000
|7000 ई.पू.
|[[काबुल]]
|[[राजस्थान]] (साम्भर) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य।
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|2
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|1001–1002
|6000 ई.पू.
|[[पेशावर वैहिन्द]]
|मेहरगढ़ ([[सिंध प्रांत|सिंध]]-[[बलूचिस्तान]] सीमा), बुर्जहोम ([[कश्मीर]]) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।
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|3
|3
|1004–1005
|5000–4000 ई.पू.
|[[भाटिया]]
|बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
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|4
|4
|1006
|4000–3000 ई.पू.
|[[मुल्तान]]
|खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ।
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|5
|5
|1007–1008
|2500 ई.पू.
|आनन्दपाल की हार
|सिंधु घाटी में पूर्व-[[हड़प्पा]] सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
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|6
|6
|1009
|2500–1750 ई.पू.
|[[नारायणपुरा]]
|रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
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|7
|7
|1010
|2250–2000 ई.पू.
|[[मुल्तान]]
|[[हड़प्पा]] सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
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|8
|8
|1010–1012
|1500 ई.पू.
|[[थानेश्वर]]
|भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
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|9
|9
|1013–14
|1000 ई.पू.
|हिन्दूशाही राजधानी [[उदभाण्डपुर]]
|आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, '[[ब्राह्मण ग्रन्थ|ब्राह्मण ग्रन्थों]]' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
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|10
|10
|1015–1016
|950 ई.पू.
|[[लोहकोट]] [[कश्मीर]]
|[[महाभारत]] का युद्ध।
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|11
|11
|1018–1019
|800 ई.पू.
|[[मथुरा]], [[कन्नौज]] शाखा
|महर्षि [[व्यास]] के द्वारा [[महाभारत]] महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व ([[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]) की ओर विस्तार, [[रामायण]] का प्रथम वृत्तान्त।
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|12
|12
|1020–1021
|600–550 ई.पू.
|त्रिलोचनपाल तथा प्रतिहार राजा पराजित
|उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
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|-
|13
|13
|1021–1022
|563–483 ई.पू
|[[लोहकोट]] [[कश्मीर]]
|[[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक [[गौतम बुद्ध]] की जीवन काल, जन्म-[[लुम्बिनी]], मृत्यु-[[कुशीनगर]]।
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|14
|14
|1022–1023
|599–257 ई.पू
|[[ग्वालियर]], [[कालिंजर]]
|[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-कुन्डग्राम, [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]]।
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|15
|15
|1025–1026
|544–492 ई.पू
|[[सोमनाथ]]
|[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता।
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|16
|16
|1027
|517–509 ई.पू
|[[गुजरात]]-[[सिंध प्रांत|सिन्ध]]
|हखमनी वंश ([[ईरान]]) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा [[सिन्धु नदी]] पर गवेषण अभियान।
|-
|17
|492–460 ई.पू
|[[बिम्बिसार]] के पुत्र [[अजातशत्रु]] का राज्यकाल।
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|18
|412–344 ई.पू
|शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का [[मगध]] साम्राज्य में विलय।
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|18
|400 ई.पू
|सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः [[श्रीलंका]] तक विस्तार।
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|19
|344 ई.पू
|महापद्मनन्द द्वारा [[मगध]] में [[नंदवंश]] की स्थापना।
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|20
|326 ई.पू
|[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु।
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|21
|322 ई.पू
|[[चंद्रगुप्त मौर्य]] द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक [[घनानंद]] को पराजित कर [[मौर्य वंश]] की स्थापना।
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|22
|315 ई.पू
|इण्डिका के लेखक तथा [[सेल्युकस]] (यूनानी शासक) के दूत [[मेगस्थनीज]] का भारत में आगमन।
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|23
|298–273 ई.पू
|[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] के पुत्र [[बिन्दुसार]] का राज्य काल।
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|24
|273–232 ई.पू
|[[अशोक]] का शासनकाल, [[मौर्यवंश]] का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा [[कलिंग]] विजय (262-61)।
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|25
|185 ई.पू
|अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] द्वारा [[शुंग वंश]] की स्थापना।
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|26
|190–171 ई.पू
|यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल।
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|27
|165 ई.पू
|[[कलिंग]] शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।
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|28
|155–130 ई.पू
|सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल।
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|30
|145 ई.पू
|चोल राजा एलारा की [[श्रीलंका]] के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।
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|31
|128 ई.पू
|यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश।
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|32
|71 ई.पू
|[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, [[वसुदेव]] के द्वारा कण्व वंश की स्थापना।
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|33
|60 ई.पू
|[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में सिमुक द्वारा [[सातवाहन वंश]] की स्थापना।
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|34
|58 ई.पू
|[[उज्जैन]] के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ।
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|35
|50 ई.पू - 250 ई.
|'''दक्षिण भारत''' (दक्कन) में [[सातवाहन वंश]] शुरू।
|-
|36
|22 ई.पू
|[[रोम]] के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।
 
 
|-
|14–13 ई.
|[[शक]] (हिन्द-पार्थियन) शासक गोंडोफर्नीज का शासन, ईसाई धर्म प्रचार हेतु रोमन संत सेंट टामस का भारत में आगमन।
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|2
|15 ई.
| [[कुषाण|कुषाणों]] (यू-ची का तोचारियन) का भारत में प्रवेश।
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|3
|64 ई.
|उत्तर-पश्चिमी भारत में [[शक]] विम कडफिसस का राज्य।
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|4
|78 ई.
|[[कुषाण वंश]] के महानतम शासक [[कनिष्क]] का राज्यारोहण, उसके द्वारा [[शक संवत]] का प्रारम्भ।
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|5
|78–101
|[[कनिष्क]] का शासनकाल, चौथी [[बौद्ध]] संगति का ([[कश्मीर]] में) आयोजन।
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|6
|100 ई.
|[[अश्वघोष]] द्वारा 'सौन्दरानन्द' तथा '[[बुद्धचरित]]' एवं 'कुमारलाट' के द्वारा 'कल्पमंदितिका' की रचना।
|-
|7
|109–132 ई.
|महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार।
|-
|8
|150 ई.
|बघेलखण्ड, [[वाराणसी]] तथा आगे चलकर [[मथुरा]] तक के क्षेत्र में भारशिव नागाओं की विभिन्न शाखाओं का राज्य।
|-
|9
|200–250 ई.
| सातवाहनों का पतन, [[महाराष्ट्र]] में आभीर, उत्तरी कनारा तथा मैसूर ज़िलों में कुन्तल और कटु, [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में [[इक्ष्वाकु]] तथा [[विदर्भ]] में वाकाटकों की सत्ता स्थापित।
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|10
|225 ई.
|विंध्यशक्ति द्वारा वाकाटक शासन की स्थापना, अगले 272 वर्षों तक इस वंश का शासन।
|-
|11
|250 ई.
|[[नासिक]] में आभीरों द्वारा त्रैकुटकर वंश की स्थापना, अगले 250 वर्षों तक इस वंश का शान।
|-
|12
|320–335 ई.
|चन्द्रगुप्त प्रथम ने [[गुप्त वंश]] को स्थापित किया।
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| 325 ई॰
| कृष्णा नदी के दक्षिण में पल्लव वंशी राज्य की स्थापना।
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| 2
| 335–376 ई॰
| समुद्र गुप्त का शासनकाल।
|-
| 3
| 330–375 ई॰
| सम्पूर्ण उत्तर भारत में [[समुद्रगुप्त]] का शासन। पूर्व में [[असम]], पश्चिम में [[काबुल]], उत्तर में [[नेपाल]] तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल [[उज्जैन]] स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)।
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| 4
| 350 ई॰
| मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा।
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| 5
| 375–413 ई॰
| चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा [[उज्जैन]], [[मालवा]] तथा [[गुजरात]] पर विजय, राजधानी [[पाटलिपुत्र]] से [[अयोध्या]] और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित, चीनी यात्री [[फाह्यान]] का [[भारत]] आगमन।
|-
| 6
| 415–454 ई॰
| कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, [[नालन्दा]] में बौद्ध विहार तथा विश्वविद्यालय की स्थापना, हुणों के आक्रमण का ख़तरा।
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| 7
| 455–467 ई॰
| स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय।
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| 8
| 477–496 ई॰
| बुद्धगुप्त-[[गुप्तवंश]] का अन्तिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ।
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|490–766 ई.
|सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन। (पश्चिम भारत)
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| 9
| 500–502 ई॰
| हूणों के प्रथम शासक तोरमण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग (मालवा में एरण) तक उसका विस्तार।
|-
| 10
| 502–528 ई॰
| तोरमण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजित, एरन पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार, (510)।
|-
| 11
| 533 ई॰
| [[मंदसौर]] के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय।
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| 12
| 540 ई॰
| परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अन्त।
|-
|550–861 ई.
|मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित। (पश्चिम भारत)
|-
| 13
| 606–647 ई॰
| हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री [[ह्वेन त्सांग]] का भारत आगमन (630-44), [[बाणभट्ट]] ने 'हर्षचरित' की रचना की।
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| 14
| 647 ई॰
| [[तिब्बत]] से [[कन्नौज]] आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला।
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| 15
| 700 ई॰
| [[कन्नौज]] में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण।
|-
| 16
| 600–1200 ई॰
| मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, [[पाल वंश|पाल]] तथा सेन वंश, [[उज्जैन]] में गुर्जर-प्रतिहार, [[कन्नौज]] में प्रतिहार, [[उड़ीसा]] में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी [[गंग वंश]], [[असम]] में भास्कर वर्मा, [[गुजरात]] में [[चालुक्य वंश|चालुक्य]], धारा में परमार, नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, [[राजस्थान]] में चाहमान (चौहान), [[बुंदेलखण्ड]] में चंदेल, [[कन्नौज]] में गहड़वाल, [[कश्मीर]] में कार्कोट, उत्पल तथा लोहार, [[अफ़ग़ानिस्तान]]- [[पंजाब]] में हिन्दूशाही वंश।
 
|}
|}

04:53, 13 अगस्त 2010 का अवतरण

भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन

क्रम ईसवी/वर्ष विवरण
1 7000 ई.पू. राजस्थान (साम्भर) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य।
2 6000 ई.पू. मेहरगढ़ (सिंध-बलूचिस्तान सीमा), बुर्जहोम (कश्मीर) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।
3 5000–4000 ई.पू. बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
4 4000–3000 ई.पू. खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ।
5 2500 ई.पू. सिंधु घाटी में पूर्व-हड़प्पा सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
6 2500–1750 ई.पू. रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
7 2250–2000 ई.पू. हड़प्पा सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
8 1500 ई.पू. भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
9 1000 ई.पू. आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
10 950 ई.पू. महाभारत का युद्ध।
11 800 ई.पू. महर्षि व्यास के द्वारा महाभारत महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व (बंगाल) की ओर विस्तार, रामायण का प्रथम वृत्तान्त।
12 600–550 ई.पू. उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा गोदावरी तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
13 563–483 ई.पू बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जीवन काल, जन्म-लुम्बिनी, मृत्यु-कुशीनगर
14 599–257 ई.पू जैन धर्म के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-कुन्डग्राम, वैशाली), मृत्यु-पावापुरी, कुशीनगर
15 544–492 ई.पू गौतम बुद्ध के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, मगध राज्य की श्रेष्ठता।
16 517–509 ई.पू हखमनी वंश (ईरान) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा सिन्धु नदी पर गवेषण अभियान।
17 492–460 ई.पू बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु का राज्यकाल।
18 412–344 ई.पू शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का मगध साम्राज्य में विलय।
18 400 ई.पू सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः श्रीलंका तक विस्तार।
19 344 ई.पू महापद्मनन्द द्वारा मगध में नंदवंश की स्थापना।
20 326 ई.पू नंद वंशी राजा घनानंद की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर सिकन्दर के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु।
21 322 ई.पू चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक घनानंद को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना।
22 315 ई.पू इण्डिका के लेखक तथा सेल्युकस (यूनानी शासक) के दूत मेगस्थनीज का भारत में आगमन।
23 298–273 ई.पू चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार का राज्य काल।
24 273–232 ई.पू अशोक का शासनकाल, मौर्यवंश का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा कलिंग विजय (262-61)।
25 185 ई.पू अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा शुंग वंश की स्थापना।
26 190–171 ई.पू यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल।
27 165 ई.पू कलिंग शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।
28 155–130 ई.पू सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल।
30 145 ई.पू चोल राजा एलारा की श्रीलंका के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।
31 128 ई.पू यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश।
32 71 ई.पू शुंग वंश के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, वसुदेव के द्वारा कण्व वंश की स्थापना।
33 60 ई.पू आन्ध्र में सिमुक द्वारा सातवाहन वंश की स्थापना।
34 58 ई.पू उज्जैन के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ।
35 50 ई.पू - 250 ई. दक्षिण भारत (दक्कन) में सातवाहन वंश शुरू।
36 22 ई.पू रोम के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।


14–13 ई. शक (हिन्द-पार्थियन) शासक गोंडोफर्नीज का शासन, ईसाई धर्म प्रचार हेतु रोमन संत सेंट टामस का भारत में आगमन।
2 15 ई. कुषाणों (यू-ची का तोचारियन) का भारत में प्रवेश।
3 64 ई. उत्तर-पश्चिमी भारत में शक विम कडफिसस का राज्य।
4 78 ई. कुषाण वंश के महानतम शासक कनिष्क का राज्यारोहण, उसके द्वारा शक संवत का प्रारम्भ।
5 78–101 कनिष्क का शासनकाल, चौथी बौद्ध संगति का (कश्मीर में) आयोजन।
6 100 ई. अश्वघोष द्वारा 'सौन्दरानन्द' तथा 'बुद्धचरित' एवं 'कुमारलाट' के द्वारा 'कल्पमंदितिका' की रचना।
7 109–132 ई. महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार।
8 150 ई. बघेलखण्ड, वाराणसी तथा आगे चलकर मथुरा तक के क्षेत्र में भारशिव नागाओं की विभिन्न शाखाओं का राज्य।
9 200–250 ई. सातवाहनों का पतन, महाराष्ट्र में आभीर, उत्तरी कनारा तथा मैसूर ज़िलों में कुन्तल और कटु, आन्ध्र में इक्ष्वाकु तथा विदर्भ में वाकाटकों की सत्ता स्थापित।
10 225 ई. विंध्यशक्ति द्वारा वाकाटक शासन की स्थापना, अगले 272 वर्षों तक इस वंश का शासन।
11 250 ई. नासिक में आभीरों द्वारा त्रैकुटकर वंश की स्थापना, अगले 250 वर्षों तक इस वंश का शान।
12 320–335 ई. चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश को स्थापित किया।
325 ई॰ कृष्णा नदी के दक्षिण में पल्लव वंशी राज्य की स्थापना।
2 335–376 ई॰ समुद्र गुप्त का शासनकाल।
3 330–375 ई॰ सम्पूर्ण उत्तर भारत में समुद्रगुप्त का शासन। पूर्व में असम, पश्चिम में काबुल, उत्तर में नेपाल तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल उज्जैन स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)।
4 350 ई॰ मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा।
5 375–413 ई॰ चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा उज्जैन, मालवा तथा गुजरात पर विजय, राजधानी पाटलिपुत्र से अयोध्या और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित, चीनी यात्री फाह्यान का भारत आगमन।
6 415–454 ई॰ कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, नालन्दा में बौद्ध विहार तथा विश्वविद्यालय की स्थापना, हुणों के आक्रमण का ख़तरा।
7 455–467 ई॰ स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय।
8 477–496 ई॰ बुद्धगुप्त-गुप्तवंश का अन्तिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ।
490–766 ई. सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन। (पश्चिम भारत)
9 500–502 ई॰ हूणों के प्रथम शासक तोरमण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग (मालवा में एरण) तक उसका विस्तार।
10 502–528 ई॰ तोरमण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजित, एरन पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार, (510)।
11 533 ई॰ मंदसौर के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय।
12 540 ई॰ परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अन्त।
550–861 ई. मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित। (पश्चिम भारत)
13 606–647 ई॰ हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री ह्वेन त्सांग का भारत आगमन (630-44), बाणभट्ट ने 'हर्षचरित' की रचना की।
14 647 ई॰ तिब्बत से कन्नौज आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला।
15 700 ई॰ कन्नौज में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण।
16 600–1200 ई॰ मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, पाल तथा सेन वंश, उज्जैन में गुर्जर-प्रतिहार, कन्नौज में प्रतिहार, उड़ीसा में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी गंग वंश, असम में भास्कर वर्मा, गुजरात में चालुक्य, धारा में परमार, नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, राजस्थान में चाहमान (चौहान), बुंदेलखण्ड में चंदेल, कन्नौज में गहड़वाल, कश्मीर में कार्कोट, उत्पल तथा लोहार, अफ़ग़ानिस्तान- पंजाब में हिन्दूशाही वंश।