"प्रयोग:गोविन्द6": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) (पृष्ठ को खाली किया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{| style="background:transparent; width:100%" | |||
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| <font color="#003366">एक आलेख</font> | |||
|- | |||
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | |||
<div style="padding:3px">[[चित्र:Shradh-Kolaj.jpg|right|border|100px|श्राद्ध]]</div> | |||
<poem> | |||
'''[[श्राद्ध]]''' पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक हैं। [[हिन्दू धर्म]] के अनुसार, प्रत्येक शुभ कार्य के प्रारम्भ में [[माता]]-[[पिता]], पूर्वजों को [[नमस्कार]] या प्रणाम करना हमारा कर्तव्य है, हमारे पूर्वजों की वंश परम्परा के कारण ही हम आज यह जीवन जी रहे हैं। [[ब्रह्म पुराण]] ने श्राद्ध की परिभाषा इस प्रकार की है- 'जो कुछ उचित काल, पात्र एवं स्थान के अनुसार उचित (शास्त्रानुमोदित) विधि द्वारा पितरों को लक्ष्य करके श्रद्धापूर्वक [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को दिया जाता है', वह श्राद्ध कहलाता है। [[श्राद्ध|... और पढ़ें]]</poem> | |||
---- | |||
<center> | |||
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3" | |||
|- | |||
| [[चयनित लेख|पिछले आलेख]] → | |||
| [[गाँधी युग]] · | |||
| [[चैतन्य महाप्रभु]] · | |||
| [[भारतीय संस्कृति]] | |||
|}</center> | |||
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude> |
14:15, 27 सितम्बर 2015 का अवतरण
श्राद्ध पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार, प्रत्येक शुभ कार्य के प्रारम्भ में माता-पिता, पूर्वजों को नमस्कार या प्रणाम करना हमारा कर्तव्य है, हमारे पूर्वजों की वंश परम्परा के कारण ही हम आज यह जीवन जी रहे हैं। ब्रह्म पुराण ने श्राद्ध की परिभाषा इस प्रकार की है- 'जो कुछ उचित काल, पात्र एवं स्थान के अनुसार उचित (शास्त्रानुमोदित) विधि द्वारा पितरों को लक्ष्य करके श्रद्धापूर्वक ब्राह्मणों को दिया जाता है', वह श्राद्ध कहलाता है। ... और पढ़ें
|