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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| <font color="#003366">एक आलेख</font>
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| <div style="padding:3px">[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|सिन्ध में मोहनजोदाड़ो में हड़प्पा संस्कृति के अवशेष|right|130px|link=सिंधु घाटी सभ्यता|border]]</div>
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| '''[[सिंधु घाटी सभ्यता]]''' विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। आज से लगभग {{#expr:{{CURRENTYEAR}}-1940}} वर्ष पूर्व [[पाकिस्तान]] के 'पश्चिमी पंजाब प्रांत' के 'माण्टगोमरी ज़िले' में स्थित 'हरियाणा' के निवासियों को शायद इस बात का किंचित्मात्र भी आभास नहीं था कि वे अपने आस-पास की ज़मीन में दबी जिन ईटों का प्रयोग इतने धड़ल्ले से अपने मकानों के निर्माण में कर रहे हैं, वह कोई साधारण ईटें नहीं, बल्कि लगभग 5,000 वर्ष पुरानी और पूरी तरह विकसित सभ्यता के [[अवशेष]] हैं। इस अज्ञात सभ्यता की खोज का श्रेय 'रायबहादुर दयाराम साहनी' को जाता है। उन्होंने ही पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक 'सर जॉन मार्शल' के निर्देशन में 1921 में इस स्थान की खुदाई करवायी। लगभग एक वर्ष बाद 1922 में 'श्री राखल दास बनर्जी' के नेतृत्व में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के 'लरकाना' ज़िले के [[मोहनजोदाड़ो]] में स्थित एक [[बौद्ध]] [[स्तूप]] की खुदाई के समय एक और स्थान का पता चला। [[सिंधु घाटी सभ्यता|... और पढ़ें]]</poem>
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| | [[रामलीला]] ·
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| | [[श्राद्ध]] ·
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| |}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>
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