"पंकज सिंह": अवतरणों में अंतर
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'''पंकज सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]][[अंग्रेज़ी]]: 'Pankaj Singh', जन्म- [[22 दिसम्बर]], [[1948]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[26 दिसम्बर]], [[2015]]) समकालीन [[हिन्दी]] [[कविता]] के महत्त्वपूर्ण [[कवि]] थे। हिन्दी कविता के क्षेत्र में बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले महत्वपूर्ण कवियों में वे गिने जाते थे। नक्सलबाड़ी दौर में उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से उस यथार्थ को प्रकट किया था। काफी समय उन्होंने जर्मनी में भी बिताया। पंकज सिंह ने अनेक पत्रिकाओं का संपादन सफलतापूर्वक किया था। | {{सूचना बक्सा साहित्यकार | ||
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'''पंकज सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]][[अंग्रेज़ी]]: 'Pankaj Singh', जन्म- [[22 दिसम्बर]], [[1948]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[26 दिसम्बर]], [[2015]], [[दिल्ली]]) समकालीन [[हिन्दी]] [[कविता]] के महत्त्वपूर्ण [[कवि]] थे। हिन्दी कविता के क्षेत्र में बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले महत्वपूर्ण कवियों में वे गिने जाते थे। नक्सलबाड़ी दौर में उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से उस यथार्थ को प्रकट किया था। काफी समय उन्होंने जर्मनी में भी बिताया। पंकज सिंह ने अनेक पत्रिकाओं का संपादन सफलतापूर्वक किया था। | |||
==जन्म तथा शिक्षा== | ==जन्म तथा शिक्षा== | ||
पंकज सिंह का जन्म 22 दिसम्बर, सन 1948 को उनके पैतृक गाँव चैता (पूर्वी चम्पारण), [[मुजफ्फरपुर ज़िला|मुजफ्फ़रपुर ज़िला]], [[बिहार]] में हुआ था। रामबाग़ के रहने वाले पंकज सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर में हुई। सत्तर के दशक में पंकज राजधानी [[दिल्ली]] स्थित 'जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय' आए थे, जहां से उन्होने अपनी पढ़ाई पूरी की। पंकज यहां आने से पहले से ही कविताएं लिख रहे थे।<ref>{{cite web |url=http://www.haribhoomi.com/news/literature/well-known-hindi-poet-and-journalist-pankaj-singh-dead/35003.html |title= नहीं रहे जाने-माने कवि व प्रत्रकार पंकज सिंह|accessmonthday= 29 दिसम्बर|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हरिभूमि |language= हिन्दी}}</ref> | पंकज सिंह का जन्म 22 दिसम्बर, सन 1948 को उनके पैतृक गाँव चैता (पूर्वी चम्पारण), [[मुजफ्फरपुर ज़िला|मुजफ्फ़रपुर ज़िला]], [[बिहार]] में हुआ था। रामबाग़ के रहने वाले पंकज सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर में हुई। सत्तर के दशक में पंकज राजधानी [[दिल्ली]] स्थित '[[जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय]]' आए थे, जहां से उन्होने अपनी पढ़ाई पूरी की। पंकज यहां आने से पहले से ही कविताएं लिख रहे थे।<ref>{{cite web |url=http://www.haribhoomi.com/news/literature/well-known-hindi-poet-and-journalist-pankaj-singh-dead/35003.html |title= नहीं रहे जाने-माने कवि व प्रत्रकार पंकज सिंह|accessmonthday= 29 दिसम्बर|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हरिभूमि |language= हिन्दी}}</ref> | ||
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पंकज सिंह लंबे समय तक नवगीत के रचनाकार कवि राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ [[साहित्य]] सर्जना करते रहे। [[बिहार]] का प्रतिनिधित्व करने वाले महत्वपूर्ण कवियों में वे जाने जाते थे। कवि पंकज सिंह ने कई प्रसिद्ध कविताओं की रचना की है। उनके तीन कविता संग्रह- 'आहटें आसपास' ([[1981]]) और 'जैसे पवन पानी' ([[2001]]) व 'नहीं' (2009) पूर्व में प्रकाशित हो चुकी हैं। हालांकि 'राजकमल प्रकाशन' ने फिर से तीनों काव्य संग्रह प्रकाशित किये हैं। कवि पंकज सिंह ने अनेक बार विदेश यात्राएं की थीं।<ref>{{cite web |url=http://www.prabhatkhabar.com/news/muzaffarpur/story/679877.html |title= हिन्दी साहित्य के मशहूर कवि पंकज सिंह का निधन|accessmonthday=29 दिसम्बर|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= प्रभात खबर|language= हिन्दी}}</ref> अपनी कविताओं में कवि पंकज ने जोखिम उठाते हुए अन्याय की सत्ताओं के खिलाफ सांस्कृतिक प्रतिरोध के साहस का शानदार परिचय दिया है। उनकी [[कविता]] 'नरक में बारिश' एक दार्शनिक नजरिए से जिन्दगी की चुनौतियों से दो-चार कराती है। पंकज सिंह ने अनेक देशी-विदेशी संकलनों में [[कविता|कविताएँ]] लिखी हैं। उन्होंने [[उर्दू]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]], [[अंग्रेज़ी]], जापानी, रूसी तथा फ्रेंच आदि में भी कविताओं के अनुवाद किये। | पंकज सिंह लंबे समय तक नवगीत के रचनाकार कवि राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ [[साहित्य]] सर्जना करते रहे। [[बिहार]] का प्रतिनिधित्व करने वाले महत्वपूर्ण कवियों में वे जाने जाते थे। कवि पंकज सिंह ने कई प्रसिद्ध कविताओं की रचना की है। उनके तीन कविता संग्रह- 'आहटें आसपास' ([[1981]]) और 'जैसे पवन पानी' ([[2001]]) व 'नहीं' (2009) पूर्व में प्रकाशित हो चुकी हैं। हालांकि 'राजकमल प्रकाशन' ने फिर से तीनों काव्य संग्रह प्रकाशित किये हैं। कवि पंकज सिंह ने अनेक बार विदेश यात्राएं की थीं।<ref>{{cite web |url=http://www.prabhatkhabar.com/news/muzaffarpur/story/679877.html |title= हिन्दी साहित्य के मशहूर कवि पंकज सिंह का निधन|accessmonthday=29 दिसम्बर|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= प्रभात खबर|language= हिन्दी}}</ref> अपनी कविताओं में कवि पंकज ने जोखिम उठाते हुए अन्याय की सत्ताओं के खिलाफ सांस्कृतिक प्रतिरोध के साहस का शानदार परिचय दिया है। उनकी [[कविता]] 'नरक में बारिश' एक दार्शनिक नजरिए से जिन्दगी की चुनौतियों से दो-चार कराती है। पंकज सिंह ने अनेक देशी-विदेशी संकलनों में [[कविता|कविताएँ]] लिखी हैं। उन्होंने [[उर्दू]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]], [[अंग्रेज़ी]], जापानी, रूसी तथा फ्रेंच आदि में भी कविताओं के अनुवाद किये। | ||
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11:14, 29 दिसम्बर 2015 का अवतरण
पंकज सिंह
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पूरा नाम | पंकज सिंह |
जन्म | 22 दिसम्बर, 1948 |
जन्म भूमि | मुजफ्फरपुर ज़िला, बिहार |
मृत्यु | 26 दिसम्बर, 2015 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'आहटें आसपास', 'जैसे पवन पानी' और 'नहीं'। |
भाषा | हिन्दी |
विद्यालय | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | 'मैथिलीशरण गुप्त सम्मान' (2003), 'शमशेर सम्मान' (2007), 'नई धारा सम्मान' (2008)। |
प्रसिद्धि | कवि |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | पंकज सिंह ने कई वर्षों तक 'जनसत्ता' में नियमित कला-समीक्षा की। उन्होंने 'नवभारत टाइम्स' में एक वर्ष तक साप्ताहिक स्तंभ 'विमर्श' का उल्लेखनीय सम्पादन कार्य भी किया। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
पंकज सिंह (अंग्रेज़ीअंग्रेज़ी: 'Pankaj Singh', जन्म- 22 दिसम्बर, 1948, बिहार; मृत्यु- 26 दिसम्बर, 2015, दिल्ली) समकालीन हिन्दी कविता के महत्त्वपूर्ण कवि थे। हिन्दी कविता के क्षेत्र में बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले महत्वपूर्ण कवियों में वे गिने जाते थे। नक्सलबाड़ी दौर में उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से उस यथार्थ को प्रकट किया था। काफी समय उन्होंने जर्मनी में भी बिताया। पंकज सिंह ने अनेक पत्रिकाओं का संपादन सफलतापूर्वक किया था।
जन्म तथा शिक्षा
पंकज सिंह का जन्म 22 दिसम्बर, सन 1948 को उनके पैतृक गाँव चैता (पूर्वी चम्पारण), मुजफ्फ़रपुर ज़िला, बिहार में हुआ था। रामबाग़ के रहने वाले पंकज सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर में हुई। सत्तर के दशक में पंकज राजधानी दिल्ली स्थित 'जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय' आए थे, जहां से उन्होने अपनी पढ़ाई पूरी की। पंकज यहां आने से पहले से ही कविताएं लिख रहे थे।[1]
कविता संग्रह
पंकज सिंह लंबे समय तक नवगीत के रचनाकार कवि राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ साहित्य सर्जना करते रहे। बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले महत्वपूर्ण कवियों में वे जाने जाते थे। कवि पंकज सिंह ने कई प्रसिद्ध कविताओं की रचना की है। उनके तीन कविता संग्रह- 'आहटें आसपास' (1981) और 'जैसे पवन पानी' (2001) व 'नहीं' (2009) पूर्व में प्रकाशित हो चुकी हैं। हालांकि 'राजकमल प्रकाशन' ने फिर से तीनों काव्य संग्रह प्रकाशित किये हैं। कवि पंकज सिंह ने अनेक बार विदेश यात्राएं की थीं।[2] अपनी कविताओं में कवि पंकज ने जोखिम उठाते हुए अन्याय की सत्ताओं के खिलाफ सांस्कृतिक प्रतिरोध के साहस का शानदार परिचय दिया है। उनकी कविता 'नरक में बारिश' एक दार्शनिक नजरिए से जिन्दगी की चुनौतियों से दो-चार कराती है। पंकज सिंह ने अनेक देशी-विदेशी संकलनों में कविताएँ लिखी हैं। उन्होंने उर्दू, बांग्ला, अंग्रेज़ी, जापानी, रूसी तथा फ्रेंच आदि में भी कविताओं के अनुवाद किये।
कार्यक्षेत्र
- अनुभव
- कई वर्षों तक 'जनसत्ता' में नियमित कला-समीक्षा।
- 'नवभारत टाइम्स' में एक वर्ष तक साप्ताहिक स्तंभ 'विमर्श' उल्लेखनीय सम्पादन।
- फ्रेंच एन्साइक्लोपीडीया 'लारूस' में हिंदी साहित्य पर टिप्पणी।
- अनेक पाण्डुलिपियों का संपादन।
- ऑस्फोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, एन. सी. ई. आर. टी. और साहित्य अकादमी आदि के लिए अनुवाद।
- डाक्यूमेन्टरी और कथा फ़िल्मों के लिए पटकथा लेखन।
- डाक्यूमेन्टरी फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन।
- रेडियो और टेलीविज़न के प्रसारक और प्रस्तोता के रूप में बहुख्यात।
- संपादक की हैसियत से दूरदर्शन समाचार, ब्रिटिश उच्चायोग और कई पत्र-पत्रिकाओं से संबद्ध रहे।
- पेरिस के पौवार्त्य भाषा और सभ्यता संस्थान तथा सीपा प्रेस इंटरनेशनल के भारतीय विभागों में काम किया।
- बी.बी.सी. लंदन की विश्व सेवा में साढ़े चार वर्ष तक प्रोड्यूसर रहे।
- यात्राओं और प्रवास के दौरान विश्वविद्यालयों और संस्थानिक आयोजनों में व्याख्यान और काव्यपाठ।
- पेरिस के अंतर्राष्टीय कैता उत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व किया।[3]
- सामजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ
- क्रांतिकारी वाम राजनीति और पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय।
- रचनात्मक लेखन के अतिरिक्त राजनीति और साहित्य, कला-संस्कृति पर निबंध और समीक्षा चर्चित।
- 'जनहस्तक्षेप' नामक संगठन के संस्थापक सदस्य और उसके कार्यक्रमों में निरंतर भागीदारी।
- विदेश यात्राएँ
पंकज सिंह ने पेरिस (1978-80), लंदन (1987- 91), फ़्राँस और ब्रिटेन के अलावा बेल्ज़ियम, ज़र्मनी, हॉलैण्ड, ईराक़, पाकिस्तान, नेपाल आदि कई एशियाई- यूरोपीय देशों की यात्राएँ की थीं।
सम्मान व पुरस्कार
'साहित्य अकादमी' द्वारा दिया गया 2008-09 का साहित्यकार सम्मान लेने से उन्होंने इनकार कर दिया था। उन्हें 'रामजीवन शर्मा जीवन सम्मान' से भी सम्मानित किया गया था।
निधन
कवि पंकज सिंह का निधन 26 दिसम्बर, 2015, शनिवार को दिल्ली में हुआ। वे काफ़ी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने शनिवार की दोपहर पत्नी सविता सिंह से सिर दर्द की शिकायत की थी। हृदय गति रुकने से उनका निधन हुआ था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 145 |
- ↑ नहीं रहे जाने-माने कवि व प्रत्रकार पंकज सिंह (हिन्दी) हरिभूमि। अभिगमन तिथि: 29 दिसम्बर, 2015।
- ↑ हिन्दी साहित्य के मशहूर कवि पंकज सिंह का निधन (हिन्दी) प्रभात खबर। अभिगमन तिथि: 29 दिसम्बर, 2015।
- ↑ पंकज सिंह (हिन्दी) अर्गला। अभिगमन तिथि: 29 दिसम्बर, 2015।
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