"पहेली 3 जनवरी 2016": अवतरणों में अंतर
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||मैगस्थनीज़' को अपने समय का एक बेहतरीन [[विदेशी यात्री]] और [[यूनानी]] भूगोलविद माना जाता था। [[चंद्रगुप्त मौर्य]] एवं [[सेल्युकस]] के मध्य हुई संधि के अंतर्गत, जहां सेल्यूकस ने अनेक क्षेत्र 'एरिया', 'अराकोसिया', 'जेड्रोशिया', 'पेरापनिसदाई' आदि चन्द्रगुप्त को प्रदान किये, वहीं उसने [[मैगस्थनीज़]] नामक यूनानी राजदूत भी [[मौर्य साम्राज्य|मौर्य दरबार]] में भेजा। मैगस्थनीज़ के अनुसार [[मौर्य काल]] में बहुविवाह प्रथा का प्रचलन था। शिक्षा व्यवस्था [[ब्राह्मण]] करते थे। [[दास प्रथा]] का प्रचलन नहीं था। मेगस्थनीज़ ने भारतवासियों की धार्मिक भावना पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि- "यहाँ के लोग 'डायोनियस' ([[शिव]]) एवं 'हेराक्लीज' ([[कृष्ण]]) की उपासना करते थे"। उसने अपनी यात्रा के विवरण में [[पाटलिपुत्र]] का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैगस्थनीज़]] | ||मैगस्थनीज़' को अपने समय का एक बेहतरीन [[विदेशी यात्री]] और [[यूनानी]] भूगोलविद माना जाता था। [[चंद्रगुप्त मौर्य]] एवं [[सेल्युकस]] के मध्य हुई संधि के अंतर्गत, जहां सेल्यूकस ने अनेक क्षेत्र 'एरिया', 'अराकोसिया', 'जेड्रोशिया', 'पेरापनिसदाई' आदि चन्द्रगुप्त को प्रदान किये, वहीं उसने [[मैगस्थनीज़]] नामक यूनानी राजदूत भी [[मौर्य साम्राज्य|मौर्य दरबार]] में भेजा। मैगस्थनीज़ के अनुसार [[मौर्य काल]] में बहुविवाह प्रथा का प्रचलन था। शिक्षा व्यवस्था [[ब्राह्मण]] करते थे। [[दास प्रथा]] का प्रचलन नहीं था। मेगस्थनीज़ ने भारतवासियों की धार्मिक भावना पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि- "यहाँ के लोग 'डायोनियस' ([[शिव]]) एवं 'हेराक्लीज' ([[कृष्ण]]) की उपासना करते थे"। उसने अपनी यात्रा के विवरण में [[पाटलिपुत्र]] का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैगस्थनीज़]] | ||
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09:02, 30 दिसम्बर 2015 का अवतरण
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