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अंगूर एक फल है। अंगूर सारे [[भारत]] में आसानी से उपलब्ध फल है। इसमें विटामिन-सी तथा ग्लूकोज पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में खून की वृद्धि करता है और कमजोरी दूर करता है। यही कारण है कि डॉक्टर लोग मरीजों को फलों में अंगूर भी खाने की सलाह देते हैं।
अंगूर एक फल है। अंगूर सारे [[भारत]] में आसानी से उपलब्ध फल है। इसमें विटामिन-सी तथा ग्लूकोज पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में खून की वृद्धि करता है और कमजोरी दूर करता है। यही कारण है कि डॉक्टर लोग मरीजों को फलों में अंगूर भी खाने की सलाह देते हैं।


अंगूर का फलों में बहुत महत्व है क्योंकि इसमें शक्कर की मात्रा अधिक और ग्लूकोज़ के रूप में होती है। ग्लूकोज़ रासायनिक प्रक्रिया का नतीजा होने के कारण शरीर में तुरन्त सोख लिया जाता है। इसलिए अंगूर खाने के बाद आप तुरंत स्फूर्ति अनुभव करते हैं। अंगूर विटामिनों का भी सर्वोत्तम स्रोत हैं। विटामिन का सेवन खाली पेट ज़्यादा लाभदायक होता है इसलिए अंगूर का सेवन प्रात: काल श्रेयस्कर है। लाल और काले रंग के अंगूर शाम के समय खाए जा सकते हैं।
==आरोग्यकारी फल==
अंगूर स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण आरोग्यकारी [[भारत के फल|फल]] है। अंगूर फलों में सर्वोत्तम एवं निर्दोष फल है, क्योंकि यह सभी प्रकार की प्रकृति के मनुष्य के लिए अनुकूल है। निरोग के लिए अंगूर उत्तम पौष्टिक खाद्य है तो रोगी के लिए बलवर्धक भोजन है। जब अंगूर भोजन रुप में न दिया जा सके तब मुनक्का का सेवन किया जा सकता है। अंगूर की रंग और आकार तथा स्वाद की भिन्नता से कई किस्में होती है। काले अंगूर, बैगनी रंग के अंगूर, लम्बे अंगूर, छोटे अंगूर, बीज रहित, जिनकी सुखाकर किशमिश बनाई जाती है। काले अंगूरों को सूखाकर मुनक्का बनाया जाता है।  
अंगूर स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण आरोग्यकारी [[भारत के फल|फल]] है। अंगूर फलों में सर्वोत्तम एवं निर्दोष फल है, क्योंकि यह सभी प्रकार की प्रकृति के मनुष्य के लिए अनुकूल है। निरोग के लिए अंगूर उत्तम पौष्टिक खाद्य है तो रोगी के लिए बलवर्धक भोजन है। जब अंगूर भोजन रुप में न दिया जा सके तब मुनक्का का सेवन किया जा सकता है। अंगूर की रंग और आकार तथा स्वाद की भिन्नता से कई किस्में होती है। काले अंगूर, बैगनी रंग के अंगूर, लम्बे अंगूर, छोटे अंगूर, बीज रहित, जिनकी सुखाकर किशमिश बनाई जाती है। काले अंगूरों को सूखाकर मुनक्का बनाया जाता है।  
 
==पौष्टिक भोजन==
अंगूर स्वस्थ मनुष्य के लिए पौष्टिक भोजन है और रोगी के लिए शक्तिप्रद पदार्थ है। जिन बड़े-बड़े भयंकर और जटिल रोगों में किसी प्रकार का कोई पदार्थ जब खाने-पीने को नही दिया जाता तब ऐसी दशा में अंगूर या दाख दी जाती है। अंगूर अकेला खाने पर लाभ करता है, किसी अन्य वस्तु के साथ मिलाकर इसे नही खाना चाहिए।
अंगूर स्वस्थ मनुष्य के लिए पौष्टिक भोजन है और रोगी के लिए शक्तिप्रद पदार्थ है। जिन बड़े-बड़े भयंकर और जटिल रोगों में किसी प्रकार का कोई पदार्थ जब खाने-पीने को नही दिया जाता तब ऐसी दशा में अंगूर या दाख दी जाती है। अंगूर अकेला खाने पर लाभ करता है, किसी अन्य वस्तु के साथ मिलाकर इसे नही खाना चाहिए।
अंगूर में कई महत्वपूर्ण तत्व भी भरपूर मात्रा में मौज़ूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है, जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत तक होती है और कुछ में 50 प्रतिशत। यह शर्करा शरीर में पहुँचकर एनर्जी प्रदान करती है। इसलिए इसे हम एक आदर्श टॉनिक की तरह प्रयोग में लाते हैं। अंगूर का सेवन थकान को दूर कर शरीर को चुस्त-फुर्त व मजबूत बनाता है।
अंगूर में कई महत्वपूर्ण तत्व भी भरपूर मात्रा में मौज़ूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है, जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत तक होती है और कुछ में 50 प्रतिशत। यह शर्करा शरीर में पहुँचकर एनर्जी प्रदान करती है। इसलिए इसे हम एक आदर्श टॉनिक की तरह प्रयोग में लाते हैं। अंगूर का सेवन थकान को दूर कर शरीर को चुस्त-फुर्त व मजबूत बनाता है।
 
==बीमारियों में फायदेमंद==
*अंगूर में क्षारीय तत्व बढ़ाने की अच्छी क्षमता के कारण ही शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता, मोटापा, जोड़ों का दर्द, रक्त का थक्का जमना, दमा, नाड़ी की समस्या व त्वचा पर लाल चकत्ते उभरने आदि स्थितियों में इसका सेवन लाभकारी होता है।
*अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि के लिए भी काफ़ी लाभकारी है।
*अंगूर एक अच्छा रक्त शोधक व रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है।
*अंगूर की बेल काटने से जो रस निकलता है, वह त्वचा रोगों में लाभकारी होता है।
*अंगूर रक्त की क्षारीयता सन्तुलित करता है, क्योंकि रक्त में अम्ल व क्षार का अनुपात 20:80 होना चाहिए।
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07:46, 22 अगस्त 2010 का अवतरण

अंगूर एक फल है। अंगूर सारे भारत में आसानी से उपलब्ध फल है। इसमें विटामिन-सी तथा ग्लूकोज पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में खून की वृद्धि करता है और कमजोरी दूर करता है। यही कारण है कि डॉक्टर लोग मरीजों को फलों में अंगूर भी खाने की सलाह देते हैं।

अंगूर का फलों में बहुत महत्व है क्योंकि इसमें शक्कर की मात्रा अधिक और ग्लूकोज़ के रूप में होती है। ग्लूकोज़ रासायनिक प्रक्रिया का नतीजा होने के कारण शरीर में तुरन्त सोख लिया जाता है। इसलिए अंगूर खाने के बाद आप तुरंत स्फूर्ति अनुभव करते हैं। अंगूर विटामिनों का भी सर्वोत्तम स्रोत हैं। विटामिन का सेवन खाली पेट ज़्यादा लाभदायक होता है इसलिए अंगूर का सेवन प्रात: काल श्रेयस्कर है। लाल और काले रंग के अंगूर शाम के समय खाए जा सकते हैं।

आरोग्यकारी फल

अंगूर स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण आरोग्यकारी फल है। अंगूर फलों में सर्वोत्तम एवं निर्दोष फल है, क्योंकि यह सभी प्रकार की प्रकृति के मनुष्य के लिए अनुकूल है। निरोग के लिए अंगूर उत्तम पौष्टिक खाद्य है तो रोगी के लिए बलवर्धक भोजन है। जब अंगूर भोजन रुप में न दिया जा सके तब मुनक्का का सेवन किया जा सकता है। अंगूर की रंग और आकार तथा स्वाद की भिन्नता से कई किस्में होती है। काले अंगूर, बैगनी रंग के अंगूर, लम्बे अंगूर, छोटे अंगूर, बीज रहित, जिनकी सुखाकर किशमिश बनाई जाती है। काले अंगूरों को सूखाकर मुनक्का बनाया जाता है।

पौष्टिक भोजन

अंगूर स्वस्थ मनुष्य के लिए पौष्टिक भोजन है और रोगी के लिए शक्तिप्रद पदार्थ है। जिन बड़े-बड़े भयंकर और जटिल रोगों में किसी प्रकार का कोई पदार्थ जब खाने-पीने को नही दिया जाता तब ऐसी दशा में अंगूर या दाख दी जाती है। अंगूर अकेला खाने पर लाभ करता है, किसी अन्य वस्तु के साथ मिलाकर इसे नही खाना चाहिए।

अंगूर में कई महत्वपूर्ण तत्व भी भरपूर मात्रा में मौज़ूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है, जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत तक होती है और कुछ में 50 प्रतिशत। यह शर्करा शरीर में पहुँचकर एनर्जी प्रदान करती है। इसलिए इसे हम एक आदर्श टॉनिक की तरह प्रयोग में लाते हैं। अंगूर का सेवन थकान को दूर कर शरीर को चुस्त-फुर्त व मजबूत बनाता है।

बीमारियों में फायदेमंद

  • अंगूर में क्षारीय तत्व बढ़ाने की अच्छी क्षमता के कारण ही शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता, मोटापा, जोड़ों का दर्द, रक्त का थक्का जमना, दमा, नाड़ी की समस्या व त्वचा पर लाल चकत्ते उभरने आदि स्थितियों में इसका सेवन लाभकारी होता है।
  • अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि के लिए भी काफ़ी लाभकारी है।
  • अंगूर एक अच्छा रक्त शोधक व रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है।
  • अंगूर की बेल काटने से जो रस निकलता है, वह त्वचा रोगों में लाभकारी होता है।
  • अंगूर रक्त की क्षारीयता सन्तुलित करता है, क्योंकि रक्त में अम्ल व क्षार का अनुपात 20:80 होना चाहिए।
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