"कालिंदी नदी": अवतरणों में अंतर
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'''कालिंदी | '''कालिंदी''' [[भारत]] की प्रमुख नदियों में से एक [[यमुना]] का ही दूसरा नाम है। कलिंद नामक [[पर्वत]] से निकलने के कारण ही यमुना को 'कालिंदी' भी कहा जाता है। | ||
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*भारत के उत्तर में [[हिमालय]] पर्वत है। इसकी एक चोटी का नाम 'बन्दरपुच्छ' है। यह चोटी [[उत्तराखंड]] के टिहरी-गढ़वाल ज़िले में है। यह चोटी बहुत ऊंची है। इसकी ऊँचाई लगभग 20,731 फुट है। इसे 'सुमेरु' भी कहते हैं। इसके एक भाग का नाम 'कलिंद' है। यहीं से [[यमुना]] निकलती है। इसी से यमुना का नाम 'कलिंदजा' और 'कालिंदी' भी है। दोनों का अर्थ "कलिंद की बेटी" होता है। | |||
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::'यमुना प्रभवंगत्वा समुपस्पृश्ययामुनम्'। | |||
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07:12, 23 फ़रवरी 2016 का अवतरण
कालिंदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक यमुना का ही दूसरा नाम है। कलिंद नामक पर्वत से निकलने के कारण ही यमुना को 'कालिंदी' भी कहा जाता है।
- भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है। इसकी एक चोटी का नाम 'बन्दरपुच्छ' है। यह चोटी उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल ज़िले में है। यह चोटी बहुत ऊंची है। इसकी ऊँचाई लगभग 20,731 फुट है। इसे 'सुमेरु' भी कहते हैं। इसके एक भाग का नाम 'कलिंद' है। यहीं से यमुना निकलती है। इसी से यमुना का नाम 'कलिंदजा' और 'कालिंदी' भी है। दोनों का अर्थ "कलिंद की बेटी" होता है।
- 'महाभारत वन पर्व'[1] में इसी को 'यमुना-प्रभव' कहा गया है-
- 'यमुना प्रभवंगत्वा समुपस्पृश्ययामुनम्'।
{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें: यमुना
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वन पर्व महाभारत 84,85
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