"देवी": अवतरणों में अंतर
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{{पात्र परिचय | |||
|चित्र=Durga-Devi.jpg | |||
|चित्र का नाम=[[दुर्गा]] | |||
|अन्य नाम=[[उमा]], [[गौरी]], [[पार्वती]], हैमवती, जगन्माता, भवानी आदि। | |||
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|जन्म विवरण=[[दुर्गा]] असल में [[शिव]] की पत्नी [[पार्वती देवी|पार्वती]] का एक रूप हैं, जिसकी उत्पत्ति [[देवता|देवताओं]] की प्रार्थना पर [[राक्षस|राक्षसों]] का नाश करने के लिये हुई थी। | |||
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|रचनाएँ= | |||
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|प्रसाद= | |||
|प्रसिद्ध मंदिर= | |||
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|ध्वज= | |||
|रंग-रूप= | |||
|पूजन सामग्री= | |||
|वाद्य= | |||
|सिंहासन= | |||
|प्राकृतिक स्वरूप= | |||
|प्रिय सहचर= | |||
|अनुचर= | |||
|शत्रु-संहार= | |||
|संदर्भ ग्रंथ= | |||
|प्रसिद्ध घटनाएँ= | |||
|अन्य विवरण= | |||
|मृत्यु= | |||
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|शीर्षक 1=विशेष | |||
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'देव' शब्द का स्त्रीलिंग 'देवी' है। [[देवता|देवताओं]] की तरह अनेक देवियों की सत्ता मानी गयी है। [[शाक्त|शाक्तमत]] का प्रचार होने पर शक्ति के अनेक रूपों की अभिव्यक्ति देवियों के रूपों में प्रचलित होती चली गयी। | 'देव' शब्द का स्त्रीलिंग 'देवी' है। [[देवता|देवताओं]] की तरह अनेक देवियों की सत्ता मानी गयी है। [[शाक्त|शाक्तमत]] का प्रचार होने पर शक्ति के अनेक रूपों की अभिव्यक्ति देवियों के रूपों में प्रचलित होती चली गयी। | ||
==विविध नाम और रूप== | ==विविध नाम और रूप== |
09:40, 4 मार्च 2016 का अवतरण
देवी
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अन्य नाम | उमा, गौरी, पार्वती, हैमवती, जगन्माता, भवानी आदि। |
जन्म विवरण | दुर्गा असल में शिव की पत्नी पार्वती का एक रूप हैं, जिसकी उत्पत्ति देवताओं की प्रार्थना पर राक्षसों का नाश करने के लिये हुई थी। |
विशेष | भगवती दुर्गा की सवारी शेर है। दुर्गा जी की पूजा में दुर्गा जी की आरती और दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है। |
अन्य जानकारी | देवी के स्वयं कई रूप हैं। मुख्य रूप उनका 'गौरी' है अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप। उनका सबसे भयानक रूप काली है, अर्थात काला रूप। विभिन्न रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं। |
'देव' शब्द का स्त्रीलिंग 'देवी' है। देवताओं की तरह अनेक देवियों की सत्ता मानी गयी है। शाक्तमत का प्रचार होने पर शक्ति के अनेक रूपों की अभिव्यक्ति देवियों के रूपों में प्रचलित होती चली गयी।
विविध नाम और रूप
महाभारत और पुराणों में देवी के विविध नामों और रूपों का वर्णन पाया जाता है। देवी, महादेवी, पार्वती, हैमवती आदि इसके साधारण नाम हैं। शिव की शक्ति के रूप में देवी के दो रूप हैं- (1). कोमल और (2). भयंकर। प्राय: दूसरे रूप में ही इसकी अधिक पूजा होती है। कोमल अथवा सौम्य रूप में वह उमा, गौरी, पार्वती, हैमवती, जगन्माता, भवानी आदि नामों से सम्बोधित होती है। भयंकर रूप में इसके नाम हैं- दुर्गा, काली, श्यामा, चंडी, चण्डिका, भैरवी आदि। उग्र रूप की पूजा में ही दुर्गा और भैरवी की उपासना होती है, जिसमें पशुबलि तथा अनेक वामाचार की क्रियाओं का विधान है। दुर्गा के दस हाथ हैं, जिनमें वह शस्त्रास्त्र धारण करती है। वह परमसुन्दरी, स्वर्णवर्ण और सिंह-वाहिनी है। वह महामाया रूप से सम्पूर्ण विश्व को मोहित रखती है।
- चण्डीमाहात्म्य के अनुसार इसके निम्नांकित नाम हैं-
- अपने पति शिव से देवी को अनेक नाम मिले हैं, जैसे- बाभ्रवी, भगवती, ईशानी, ईश्वरी, कालञ्जरी, कपालिनी, कौशिकी, महेश्वरी, मृडा, मृडानी, रुद्राणी, शर्वाणी, शिवा, त्र्यम्बकी आदि।
- अपने उत्पत्तिस्थानों से भी देवी को नाम मिले हैं- कन्या, कुमारी, अम्बिका, अवरा, अनन्ता, नित्या, आर्या, विजया, ऋद्धि, सती, दक्षिणा, पिंगा, कर्बुरी, भ्रामरी, कोटरी, कर्णमुक्ता, पद्मलांछना, सर्वमंगला, शाकम्भरी, शिवदूती, सिंहस्था।
- तपस्या करने के कारण इसका नाम अपर्णा तथा कात्यायनी है। उसे भूतनायकी, गणनायकी तथा कामाक्षी या कामाख्या भी कहते हैं।
- देवी के भयंकर रूपों के और भी अनेक नाम हैं- भद्रकाली, भीमादेवी, चामुंडा, महाकाली, महामारी, महासुरी, मातंगी, राजसी, रक्तदन्ती, आदि।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, हिन्दी भवन, लखनऊ |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 331 |