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{'लाइट ऑफ़ एशिया' का [[ब्रजभाषा]] में '[[बुद्धचरित]]' के नाम से पद्यानुवाद किसने किया?
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-[[चन्द्रबली पाण्डेय]]
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-[[शमशेर बहादुर सिंह]]
-[[शमशेर बहादुर सिंह]]
+[[रामचन्द्र शुक्ल]]
+[[रामचन्द्र शुक्ल]]
||[[चित्र:RamChandraShukla.jpg|right|150px|रामचन्द्र शुक्ल]]'रामचन्द्र शुक्ल' बीसवीं [[शताब्दी]] के [[हिन्दी]] के प्रमुख साहित्यकार थे। उनकी लिखी गई पुस्तकों में 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' प्रमुख है। [[रामचन्द्र शुक्ल]] का साहित्यिक व्यक्तित्व विविध पक्षों वाला था। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन के प्रारम्भ में लेख लिखे हैं और फिर गम्भीर [[निबन्ध|निबन्धों]] का प्रणयन किया, जो चिन्तामणि (दो भाग) में संकलित है। उन्होंने [[ब्रजभाषा]] और [[खड़ी बोली]] में फुटकर कविताएँ लिखीं तथा एडविन आर्नल्ड के 'लाइट ऑफ़ एशिया' का ब्रजभाषा में '[[बुद्धचरित]]' के नाम से पद्यानुवाद किया। शुक्ल जी ने [[मनोविज्ञान]], [[इतिहास]], [[संस्कृति]], शिक्षा एवं व्यवहार सम्बन्धी लेखों एवं पत्रिकाओं के भी अनुवाद किये हैं तथा जोसेफ़ एडिसन के 'प्लेजर्स ऑफ़ इमेजिनेशन' का 'कल्पना का आनन्द' नाम से एवं [[राखालदास बंद्योपाध्याय]] के 'शशांक' [[उपन्यास]] का भी [[हिन्दी]] में रोचक अनुवाद किया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामचन्द्र शुक्ल]]
||[[चित्र:RamChandraShukla.jpg|right|150px|रामचन्द्र शुक्ल]]'रामचन्द्र शुक्ल' बीसवीं [[शताब्दी]] के [[हिन्दी]] के प्रमुख साहित्यकार थे। उनकी लिखी गई पुस्तकों में 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' प्रमुख है। [[रामचन्द्र शुक्ल]] का साहित्यिक व्यक्तित्व विविध पक्षों वाला था। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन के प्रारम्भ में लेख लिखे हैं और फिर गम्भीर [[निबन्ध|निबन्धों]] का प्रणयन किया, जो चिन्तामणि (दो भाग) में संकलित है। उन्होंने [[ब्रजभाषा]] और [[खड़ी बोली]] में फुटकर कविताएँ लिखीं तथा एडविन आर्नल्ड के 'लाइट ऑफ़ एशिया' का ब्रजभाषा में 'बुद्धचरित' के नाम से पद्यानुवाद किया। शुक्ल जी ने [[मनोविज्ञान]], [[इतिहास]], [[संस्कृति]], शिक्षा एवं व्यवहार सम्बन्धी लेखों एवं पत्रिकाओं के भी अनुवाद किये हैं तथा जोसेफ़ एडिसन के 'प्लेजर्स ऑफ़ इमेजिनेशन' का 'कल्पना का आनन्द' नाम से एवं [[राखालदास बंद्योपाध्याय]] के 'शशांक' [[उपन्यास]] का भी [[हिन्दी]] में रोचक अनुवाद किया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामचन्द्र शुक्ल]]
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