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==पशु पक्षी जगत==
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[[चित्र:Tiger2.jpg|thumb|100px|left|राष्ट्रीय पशु बाघ]]
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वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं।  
वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं।  
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प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जंगल स्वर्ग है परन्तु अब यहाँ के कुछ जीव जैसे चीते, शेर, हाथी, बंगाल के शेर और साइबेरियन सारस अब ख़तरे में है। भारत की लम्बाई और चौडाई में फैला यह जंगल क्षेत्र, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान से हज़ारी बाघ जंगली जीव अभ्यारण्य, बिहार से, हिमालय के जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, अन्डमान के छह राष्ट्रीय उद्यानों तक एक शानदार जंगल की सैर कर सकते है। [[हाथी]], चीते, जंगली भैंसा, याक, हिरन, जंगली गधे एक सींग वाला गेंड़ा, साही, हिम चीते आदि जन्तु हिमालय में दिखने को मिलते है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जंगल स्वर्ग है परन्तु अब यहाँ के कुछ जीव जैसे चीते, शेर, हाथी, बंगाल के शेर और साइबेरियन सारस अब ख़तरे में है। भारत की लम्बाई और चौडाई में फैला यह जंगल क्षेत्र, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान से हज़ारी बाघ जंगली जीव अभ्यारण्य, बिहार से, हिमालय के जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, अन्डमान के छह राष्ट्रीय उद्यानों तक एक शानदार जंगल की सैर कर सकते है। [[हाथी]], चीते, जंगली भैंसा, याक, हिरन, जंगली गधे एक सींग वाला गेंड़ा, साही, हिम चीते आदि जन्तु हिमालय में दिखने को मिलते है।
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भारत में, विश्व के अस्सी, प्रतिशत एक सींग वाले गेंड़ों का निवास है। काज़ीरंगा खेल अभ्यारण्य गेंड़ों के लिए उपयुक्त निवास है और प्राकृतिक संस्थाओं के लिए और जंगली सैर करने वाले के लिए भी अच्छी जगह है। भारत के सोन चिड़िया और ब्लैक बक, करेश अभ्यारण्य में होते है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में, जो शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान कहलाता था, जीवों का एक निवास है। कोर्बोट राष्ट्रीय उद्यान सबसे प्रसिद्ध है्। उत्तर भारत में जंगली जानवरों के पर्यटकों  के लिए अच्छी जगह है। ऐसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान, भारत में काफ़ी संख्या में हैं। भारत में शेरों (बाघ) की संख्या बहुत थी। भारत का राष्ट्रीय पशु, शेर, तेजी और ताक़त का चिन्ह है। भारत में बारह बाघ निवास है। शाही बंगाल के बाघ, सबसे शानदार जाति के पशुओं में से है। विश्व के साठ प्रतिशत शेरों की संख्या भारत में रही है।  मध्य प्रदेश, शेरों के निवास  की सबसे प्रसिद्ध जगह है। यहाँ बंगाल के शेर, चीतल, चीते, गौर, साम्भर और कई जीव देखने को मिलते है। {{अभयारण्य सूची2}}
भारत में, विश्व के अस्सी, प्रतिशत एक सींग वाले गेंड़ों का निवास है। काज़ीरंगा खेल अभ्यारण्य गेंड़ों के लिए उपयुक्त निवास है और प्राकृतिक संस्थाओं के लिए और जंगली सैर करने वाले के लिए भी अच्छी जगह है। भारत के सोन चिड़िया और ब्लैक बक, करेश अभ्यारण्य में होते है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में, जो शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान कहलाता था, जीवों का एक निवास है। कोर्बोट राष्ट्रीय उद्यान सबसे प्रसिद्ध है्। उत्तर भारत में जंगली जानवरों के पर्यटकों  के लिए अच्छी जगह है। ऐसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान, भारत में काफ़ी संख्या में हैं। भारत में शेरों (बाघ) की संख्या बहुत थी। भारत का राष्ट्रीय पशु, शेर, तेजी और ताक़त का चिन्ह है। भारत में बारह बाघ निवास है। शाही बंगाल के बाघ, सबसे शानदार जाति के पशुओं में से है। विश्व के साठ प्रतिशत शेरों की संख्या भारत में रही है।  मध्य प्रदेश, शेरों के निवास  की सबसे प्रसिद्ध जगह है। यहाँ बंगाल के शेर, चीतल, चीते, गौर, साम्भर और कई जीव देखने को मिलते है। भारत में जंगली जीवों के साथ-साथ, पक्षियों की भी संख्या अच्छी है। कई सौ जातियों के पक्षी भारत में मिलते है। घना राष्ट्रीय उद्यान या भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान) में घरेलू पक्षी और जमीन पर जीने वाले पक्षी भी हैं। दुधवा जंगली जीव अभ्यारण में  बंदर, गिद्ध और चील पक्षी भी है। अंडमान के निकोबर में भी कबूतर पाये जाते हैं।
भारत में जंगली जीवों के साथ-साथ, पक्षियों की भी संख्या अच्छी है। कई सौ जातियों के पक्षी भारत में मिलते है। घना राष्ट्रीय उद्यान या भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान) में घरेलू पक्षी और जमीन पर जीने वाले पक्षी भी हैं। दुधवा जंगली जीव अभ्यारण में  बंदर, गिद्ध और चील पक्षी भी है। अंडमान के निकोबर में भी कबूतर पाये जाते हैं।
====<u>भारत का वन्य जीवन</u>====
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13:06, 22 अगस्त 2010 का अवतरण

पशु पक्षी जगत

राष्ट्रीय पशु बाघ

वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं। भारत कई प्रकार के जंगलों जीवों का, अनेक पेड़ पौधों और पशु-पक्षियों का घर है। शानदार हाथी, मोर का नाच, ऊँट की सैर, शेरों की दहाड़ सभी एक अनोखे अनुभव है। यहाँ के पशु पक्षियों को अपने प्राकृतिक निवासस्थान में देखना आनन्दायक है। भारत में जंगली जीवों को देखने पर्यटक आते हैं। यहाँ जंगली जीवों की बहुत बड़ी संख्या है। भारत में 70 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 400 जंगली जीवों के अभ्यारण्य है और पक्षी अभ्यारण्य भी हैं।

गौरेया

प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जंगल स्वर्ग है परन्तु अब यहाँ के कुछ जीव जैसे चीते, शेर, हाथी, बंगाल के शेर और साइबेरियन सारस अब ख़तरे में है। भारत की लम्बाई और चौडाई में फैला यह जंगल क्षेत्र, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान से हज़ारी बाघ जंगली जीव अभ्यारण्य, बिहार से, हिमालय के जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, अन्डमान के छह राष्ट्रीय उद्यानों तक एक शानदार जंगल की सैर कर सकते है। हाथी, चीते, जंगली भैंसा, याक, हिरन, जंगली गधे एक सींग वाला गेंड़ा, साही, हिम चीते आदि जन्तु हिमालय में दिखने को मिलते है।

हाथी

भारत में, विश्व के अस्सी, प्रतिशत एक सींग वाले गेंड़ों का निवास है। काज़ीरंगा खेल अभ्यारण्य गेंड़ों के लिए उपयुक्त निवास है और प्राकृतिक संस्थाओं के लिए और जंगली सैर करने वाले के लिए भी अच्छी जगह है। भारत के सोन चिड़िया और ब्लैक बक, करेश अभ्यारण्य में होते है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में, जो शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान कहलाता था, जीवों का एक निवास है। कोर्बोट राष्ट्रीय उद्यान सबसे प्रसिद्ध है्। उत्तर भारत में जंगली जानवरों के पर्यटकों के लिए अच्छी जगह है। ऐसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान, भारत में काफ़ी संख्या में हैं। भारत में शेरों (बाघ) की संख्या बहुत थी। भारत का राष्ट्रीय पशु, शेर, तेजी और ताक़त का चिन्ह है। भारत में बारह बाघ निवास है। शाही बंगाल के बाघ, सबसे शानदार जाति के पशुओं में से है। विश्व के साठ प्रतिशत शेरों की संख्या भारत में रही है। मध्य प्रदेश, शेरों के निवास की सबसे प्रसिद्ध जगह है। यहाँ बंगाल के शेर, चीतल, चीते, गौर, साम्भर और कई जीव देखने को मिलते है। भारत में जंगली जीवों के साथ-साथ, पक्षियों की भी संख्या अच्छी है। कई सौ जातियों के पक्षी भारत में मिलते है। घना राष्ट्रीय उद्यान या भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान) में घरेलू पक्षी और जमीन पर जीने वाले पक्षी भी हैं। दुधवा जंगली जीव अभ्यारण में बंदर, गिद्ध और चील पक्षी भी है। अंडमान के निकोबर में भी कबूतर पाये जाते हैं।

भारत का वन्य जीवन

मोर
  • संसार में पौधों की 2,50,000 ज्ञात प्रजातियों में से 15,000 प्रजातियां भारत में मिलती हैं।
  • इस प्रकार संसार में जीव-जन्तुओं की कुल 15 लाख प्रजातियों में से 75,000 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं।
  • भारत में पक्षियों की 1,200 प्रजातियां और 900 उप-प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • भारत के सुविख्यात पक्षियों में बहुरंगी राष्ट्रीय पक्षी मोर उल्लेखनीय है।
  • पांच फुट की ऊंचाई वाला भव्य सारस तथा संसार का दूसरा सबसे भारी पक्षी हुकना (सोहनचिड़िया) महत्त्वपूर्ण पक्षी हैं।
  • संसार में प्रसिद्ध केवलादेव (भरतपुर) के राष्ट्रीय उद्यान में ढाई लाख पक्षियों का घर है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ