"पहेली 14 मई 2016": अवतरणों में अंतर

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+[[बनारसीदास चतुर्वेदी]]
+[[बनारसीदास चतुर्वेदी]]
-[[अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध']]
-[[अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध']]
-[[रामधारीसिंह 'दिनकर']]
-[[रामधारी सिंह 'दिनकर']]
-[[राहुल सांकृत्यायन]]
-[[राहुल सांकृत्यायन]]
||[[चित्र:Banarasidas-chaturvedi.jpg|thumb|150px|बनारसीदास चतुर्वेदी]]'बनारसीदास चतुर्वेदी' प्रसिद्ध पत्रकार और शहीदों की स्मृति में साहित्य प्रकाशन के प्रेरणास्त्रोत थे। उनकी गणना अग्रगण्य पत्रकारों और साहित्यकारों में की जाती है। यद्यपि [[हिन्दी साहित्य]] के प्रति अनुराग और लेखक की अभिरुचि के लक्षण [[बनारसीदास चतुर्वेदी]] में पत्रकार बनने से पहले ही दिखाई दे चुके थे। तोताराम सनाढ्य से उनके फीजी द्वीप के अनुभव सुनकर बनारसीदास ने तोताराम जी के नाम से '''फिजी में मेरे 21 वर्ष''' नामक जो पुस्तक तैयार की, उससे प्रवासी भारतीयों की दशा की ओर देश भर का ध्यान आकृष्ट हुआ। बनारसीदास चतुर्वेदी ने स्वयं भी 'प्रवासी भारतवासी' नामक पुस्तक की रचना की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बनारसीदास चतुर्वेदी]]
||[[चित्र:Banarasidas-chaturvedi.jpg|thumb|150px|बनारसीदास चतुर्वेदी]]'बनारसीदास चतुर्वेदी' प्रसिद्ध पत्रकार और शहीदों की स्मृति में साहित्य प्रकाशन के प्रेरणास्त्रोत थे। उनकी गणना अग्रगण्य पत्रकारों और साहित्यकारों में की जाती है। यद्यपि [[हिन्दी साहित्य]] के प्रति अनुराग और लेखक की अभिरुचि के लक्षण [[बनारसीदास चतुर्वेदी]] में पत्रकार बनने से पहले ही दिखाई दे चुके थे। तोताराम सनाढ्य से उनके फीजी द्वीप के अनुभव सुनकर बनारसीदास ने तोताराम जी के नाम से '''फिजी में मेरे 21 वर्ष''' नामक जो पुस्तक तैयार की, उससे प्रवासी भारतीयों की दशा की ओर देश भर का ध्यान आकृष्ट हुआ। बनारसीदास चतुर्वेदी ने स्वयं भी 'प्रवासी भारतवासी' नामक पुस्तक की रचना की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बनारसीदास चतुर्वेदी]]

12:43, 3 मई 2016 का अवतरण