"पहेली 12 मई 2016": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Shershah-Suri.jpg|right|100px|शेरशाह सूरी]]'शेरशाह सूरी' का [[भारत]] के [[इतिहास]] में विशेष स्थान है। वह [[सूर वंश|सूर साम्राज्य]] का संस्थापक था। [[शेरशाह सूरी]] के [[पिता]] का नाम [[हसन ख़ाँ]] था। शेरशाह का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था, उसे 'शेर ख़ाँ' के नाम से भी जाना जाता है। इतिहासकारों का कहना है कि वह अपने समय में अत्यंत दूरदर्शी और विशिष्ट सूझबूझ का आदमी था। उसकी विशेषता इसलिए अधिक उल्लेखनीय है कि वह एक साधारण जागीदार का उपेक्षित बालक था। उसने अपनी वीरता, अदम्य साहस और परिश्रम के बल पर [[दिल्ली]] के सिंहासन पर क़ब्ज़ा किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेरशाह सूरी]] | ||[[चित्र:Shershah-Suri.jpg|right|100px|border|शेरशाह सूरी]]'शेरशाह सूरी' का [[भारत]] के [[इतिहास]] में विशेष स्थान है। वह [[सूर वंश|सूर साम्राज्य]] का संस्थापक था। [[शेरशाह सूरी]] के [[पिता]] का नाम [[हसन ख़ाँ]] था। शेरशाह का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था, उसे 'शेर ख़ाँ' के नाम से भी जाना जाता है। इतिहासकारों का कहना है कि वह अपने समय में अत्यंत दूरदर्शी और विशिष्ट सूझबूझ का आदमी था। उसकी विशेषता इसलिए अधिक उल्लेखनीय है कि वह एक साधारण जागीदार का उपेक्षित बालक था। उसने अपनी वीरता, अदम्य साहस और परिश्रम के बल पर [[दिल्ली]] के सिंहासन पर क़ब्ज़ा किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेरशाह सूरी]] | ||
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