"उदय": अवतरणों में अंतर
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'''उदय''' या 'उदायी' ई. पू. 443 के लगभग [[मगध]] का एक शासक था। | '''उदय''' या 'उदायी' ई. पू. 443 के लगभग [[मगध]] का एक शासक था। | ||
*यह [[अजातशत्रु]] का पौत्र एवं दर्शक का पुत्र था। | *यह [[अजातशत्रु]] का पौत्र एवं दर्शक<ref>सम्भवत: [[उदायिन]] को ही दर्शक कहा गया है।</ref> का पुत्र था। | ||
*उदय ने [[सोन नदी]] के तट पर स्थित [[पाटलिपुत्र]] से कुछ मील दूर [[गंगा]] के किनारे '[[कुसुमपुर]]' नामक नगर की स्थापना की थी। बाद में कुसुमपुर बृहत्तर पाटलिपुत्र का भाग बन गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=61|url=}}</ref> | *उदय ने [[सोन नदी]] के तट पर स्थित [[पाटलिपुत्र]] से कुछ मील दूर [[गंगा]] के किनारे '[[कुसुमपुर]]' नामक नगर की स्थापना की थी। बाद में कुसुमपुर बृहत्तर पाटलिपुत्र का भाग बन गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=61|url=}}</ref> | ||
12:03, 5 मई 2016 का अवतरण
उदय | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- उदय (बहुविकल्पी) |
उदय या 'उदायी' ई. पू. 443 के लगभग मगध का एक शासक था।
- यह अजातशत्रु का पौत्र एवं दर्शक[1] का पुत्र था।
- उदय ने सोन नदी के तट पर स्थित पाटलिपुत्र से कुछ मील दूर गंगा के किनारे 'कुसुमपुर' नामक नगर की स्थापना की थी। बाद में कुसुमपुर बृहत्तर पाटलिपुत्र का भाग बन गया।[2]
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