"पहेली 16 मई 2016": अवतरणों में अंतर

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+[[राजा राममोहन राय]]
+[[राजा राममोहन राय]]
-[[श्यामजी कृष्ण वर्मा]]
-[[श्यामजी कृष्ण वर्मा]]
||[[चित्र:Raja-Rammohana-Roy-2.jpg|border|right|150px|राजा राममोहन राय]]'राजा राममोहन राय' को "आधुनिक भारतीय समाज का जन्मदाता" कहा जाता है। वे [[ब्रह्म समाज]] के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा [[बंगाल]] में नव-जागरण युग के पितामह थे। सन 1821 ई. में ताराचंद्र दंत और भवानी चरण बंधोपाध्याय ने [[बंगाली भाषा]] में साप्ताहिक पत्र 'संवाद कौमुदी' निकाला, लेकिन [[दिसंबर]], 1821 ई. में भवानी चरण ने संपादक पद से त्याग पत्र दे दिया, तो उसका भार [[राजा राममोहन राय]] ने संभाला। [[अप्रैल]], 1822 ई. में राजा राममोहन राय ने [[फ़ारसी भाषा]] में एक साप्ताहिक अख़बार '''मिरात-उल-अख़बार''' नाम से शुरू किया, जो [[भारत]] में पहला फ़ारसी अख़बार था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा राममोहन राय]]
||[[चित्र:Raja-Rammohana-Roy-2.jpg|border|right|100px|राजा राममोहन राय]]'राजा राममोहन राय' को "आधुनिक भारतीय समाज का जन्मदाता" कहा जाता है। वे [[ब्रह्म समाज]] के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा [[बंगाल]] में नव-जागरण युग के पितामह थे। सन 1821 ई. में ताराचंद्र दंत और भवानी चरण बंधोपाध्याय ने [[बंगाली भाषा]] में साप्ताहिक पत्र 'संवाद कौमुदी' निकाला, लेकिन [[दिसंबर]], 1821 ई. में भवानी चरण ने संपादक पद से त्याग पत्र दे दिया, तो उसका भार [[राजा राममोहन राय]] ने संभाला। [[अप्रैल]], 1822 ई. में राजा राममोहन राय ने [[फ़ारसी भाषा]] में एक साप्ताहिक अख़बार '''मिरात-उल-अख़बार''' नाम से शुरू किया, जो [[भारत]] में पहला फ़ारसी अख़बार था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा राममोहन राय]]
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