"परवल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:शाक-सब्ज़ी]][[Category:वनस्पति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

13:14, 26 अगस्त 2010 का अवतरण

परवल अत्यन्त ही सुपाच्य, पौष्टिक, स्वास्थवर्धक एंव औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय सब्जी है। यह शीतल, पित्तानाशक, हृदय एंव मूत्र सम्बन्धी रोगों में काफ़ी लाभदायक है। इसका प्रयोग मुख्य रुप से सब्जी, अचार और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। इसमें विटामिन, कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन अधिक मात्रा में पायी जाती है। निर्यात की दृष्टि से परवल एक महत्वपूर्ण सब्जी है।[1]

सम्पूर्ण भारतवर्ष में परवल की खेती की जाती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, आसाम, केरल तथा चेन्नई में इसकी खेती अधिक की जाती है उत्तरी बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी खेती बहुत अधिक की जाती है। यह हृदय रोग तथा मस्तिष्क के लिए लाभदायक होता है। यह एक चढ़ने वाली लता होती है जिसका कच्चा फल सब्जी तथा मिठाइयाँ बनाने के काम आता है।[2]

गुण

यह छोटा, रूक्ष, पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाला, रस में तीखा, कफ को दूर करने वाला दाग (कुष्ठ) को नष्ट करने वाला, फल में कडुवा, उष्णीवीर्य, रोचन, उत्तेजना, प्यास को शांत करने वाला, खून की गर्मी, पित्त को सही रखने वाला, अनुकुल, खून को साफ रखने वाला, सूजन को नष्ट करने वाला, शक्ति, विष को दूर करने वाला, और अग्निमांद्य, भूख न लगना, प्यास को कम करना, यकृत की बीमारी को दूर करना, कामला (पीलिया), हृदय रोग, बवासीर, खून की बीमारी, खाँसी, सांस, पित्त का बुखार, पुराना बुखार, जलोदर और चमड़ी के रोग को नष्ट करता है। इसको ज्यादा मात्रा में सेवन करने से उल्टी होने लगती है।[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. परवल (हिन्दी) (पी एच पी) ग्रामीण सूचना एवं ज्ञान केंद्र। अभिगमन तिथि: 26 अगस्त, 2010
  2. परवल (हिन्दी) डिजिटल मण्डी। अभिगमन तिथि: 26 अगस्त, 2010
  3. परवल (हिन्दी) जनकल्याण। अभिगमन तिथि: 26 अगस्त, 2010