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'''प्यारे लाल शर्मा''' (जन्म- [[1873]], [[मथुरा ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[12 जनवरी]], [[1941]], [[दिल्ली]]) [[भारत]] के क्रांतिकारियों में से एक थे। सन 1922 में इन्हें सत्याग्रह करने के कारण जेल की सज़ा हुई थी। प्यारे लाल शर्मा का राजनैतिक कार्य क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली था। लाला शंकर लाल, [[हकीम अजमल ख़ाँ]], डॉ. अंसारी आदि उनके सहयोगी थे।
==परिचय==
प्यारे लाल शर्मा का जन्म 1873 में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में एक एक जमींदार परिवार में हुआ था। उन्होंने [[उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] भाषाओं के ज्ञान के साथ [[अंग्रेज़ी]] में एम.ए. की परीक्षा पास की और कानून की डिग्री भी ली।
==क्रांतिकारी गतिविधियाँ==
आरंभ में प्यारे लाल शर्मा का झुकाव क्रांतिकारी गतिविधियों की ओर था, किंतु [[गांधी जी]] के [[दक्षिण अफ्रीका]] से [[भारत]] आने के बाद वे सदा के लिए [[कांग्रेस]] में सम्मिलित हो गए। [[असहयोग आंदोलन]] के समय उन्होंने अपनी खूब चलती वकालत छोड़ दी और [[1922]] में [[सत्याग्रह]] करके जेल चले गए।
==राजनैतिक कार्य क्षेत्र==
प्यारे लाल शर्मा का राजनैतिक कार्य क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली था। लाला शंकर लाल, हकीम अजमल ख़ाँ, डॉ. अंसारी आदि उनके सहयोगी थे। [[1924]] से [[1928]] तक वे 'स्वराज्य पार्टी' की ओर से निर्वाचित केंद्रीय असेम्बली के सदस्य रहे। [[1932]] की दिल्ली कांग्रेस की स्वागत समिति के वही अध्यक्ष थे। [[1937]] में [[गोविंद वल्लभ पंत]] के नेतृत्व में जो पहली कांग्रेस सरकार बनी, उसमें उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया  गया था। परंतु कुछ प्रशासनिक और व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनके स्थान पर डॉ. संपूर्णानंद शिक्षा मंत्री बनाए गए थे।
==निधन==
[[1940]] के व्यक्तिगत [[सत्याग्रह]] में वे [[मेरठ]] में गिरफ्तार हुए। पर जेल के अंदर ही गंम्भीर रूप से बीमार पड़ जाने के कारण उन्हें रिहा कर दिया और [[12 जनवरी]], [[1941]] को [[दिल्ली]] के एक अस्पताल में उनका देहांत हो गया।


==प्यारे लाल शर्मा== उत्तर प्रदेश के प्रमुख राजनेता पंडित प्यारे लाल शर्मा का जन्म 1873 ई. में मथुरा जिले में एक जमींदार परिवार में हुआ था।


== शिक्षा==
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उन्होंने उर्दू, फारसी और संस्कृत भाषाओं के ज्ञान के साथ अंग्रेजी में एम.ए. की परीक्षा पास की और कानून की डिग्री भी ली।
==टीका-टिप्पणी और संदर्भ==
==राजनैतिक जीवन==
<references/>
आरंभ में उनका झुकाव क्रांतिकारी गतिविधियों की ओर था,किंतु [[गांधी जी]] के [[दक्षिण अफ्रीका]] से भारत आने के बाद वे सदा के लिए [[कांग्रेस]] में सम्मिलित हो गए। [[असहयोग आंदोलन]] के समय उन्होंने अपनी खूब चलती वकालत छोड़ दी और 1922 में [[सत्याग्रह]] करके जेल चले गए।
==संबंधित लेख==
प्यारे लाल शर्मा का राजनैतिक कार्य क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली था। लाला शंकर लाल,हकीम अजमल खां,डॉ. अंसारी आदि उनके सहयोगी थे। 1924 से 1928 तक वे 'स्वराज्य पार्टी' की ओर से निर्वाचित केंद्रीय असेम्बली के सदस्य रहे। 1932 की दिल्ली कांग्रेस की स्वागत समिति के वही अध्यक्ष थे। 1937 में गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में जो पहली कांग्रेस सरकार बनी उसमें उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया  गया था। परंतु कुछ प्रशासनिक और व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनके स्थान पर डॉ. संपूर्णानंद शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। 1940 के व्यक्तिगत [[सत्याग्रह]] में वे [[मेरठ]] में गिरफ्तार हुए। पर जेल के अंदर ही गंम्भीर रूप से बीमार पड़ जाने के कारण उन्हें रिहा कर दिया और 12 जनवरी,1941 को दिल्ली के एक अस्पताल में उनका देहांत हो गया।
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==राजनैतिक जीवन==
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    प्यारे लाल शर्मा का राजनैतिक कार्य क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली था। लाला शंकर लाल,हकीम अजमल खां,डॉ. अंसारी आदि उनके सहयोगी थे। 1924 से 1928 तक वे 'स्वराज्य पार्टी' की ओर से निर्वाचित केंद्रीय असेम्बली के सदस्य रहे। 1932 की दिल्ली कांग्रेस की स्वागत समिति के वही अध्यक्ष थे। 1937 में [[गोविंद वल्लभ पंत]] के नेतृत्व में जो पहली कांग्रेस सरकार बनी उसमें उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया  गया था। परंतु कुछ प्रशासनिक और व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनके स्थान पर डॉ. संपूर्णानंद शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। 1940 के व्यक्तिगत [[सत्याग्रह]] में वे मेरठ में गिरफ्तार हुए। पर जेल के अंदर ही गंम्भीर रूप से बीमार पड़ जाने के कारण उन्हें रिहा कर दिया और 12 जनवरी,1941 को [[दिल्ली]] के एक अस्पताल में उनका देहांत हो गया।

10:37, 22 सितम्बर 2016 का अवतरण

प्यारे लाल शर्मा (जन्म- 1873, मथुरा ज़िला, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 12 जनवरी, 1941, दिल्ली) भारत के क्रांतिकारियों में से एक थे। सन 1922 में इन्हें सत्याग्रह करने के कारण जेल की सज़ा हुई थी। प्यारे लाल शर्मा का राजनैतिक कार्य क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली था। लाला शंकर लाल, हकीम अजमल ख़ाँ, डॉ. अंसारी आदि उनके सहयोगी थे।

परिचय

प्यारे लाल शर्मा का जन्म 1873 में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में एक एक जमींदार परिवार में हुआ था। उन्होंने उर्दू, फ़ारसी और संस्कृत भाषाओं के ज्ञान के साथ अंग्रेज़ी में एम.ए. की परीक्षा पास की और कानून की डिग्री भी ली।

क्रांतिकारी गतिविधियाँ

आरंभ में प्यारे लाल शर्मा का झुकाव क्रांतिकारी गतिविधियों की ओर था, किंतु गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद वे सदा के लिए कांग्रेस में सम्मिलित हो गए। असहयोग आंदोलन के समय उन्होंने अपनी खूब चलती वकालत छोड़ दी और 1922 में सत्याग्रह करके जेल चले गए।

राजनैतिक कार्य क्षेत्र

प्यारे लाल शर्मा का राजनैतिक कार्य क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली था। लाला शंकर लाल, हकीम अजमल ख़ाँ, डॉ. अंसारी आदि उनके सहयोगी थे। 1924 से 1928 तक वे 'स्वराज्य पार्टी' की ओर से निर्वाचित केंद्रीय असेम्बली के सदस्य रहे। 1932 की दिल्ली कांग्रेस की स्वागत समिति के वही अध्यक्ष थे। 1937 में गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में जो पहली कांग्रेस सरकार बनी, उसमें उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया गया था। परंतु कुछ प्रशासनिक और व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनके स्थान पर डॉ. संपूर्णानंद शिक्षा मंत्री बनाए गए थे।

निधन

1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में वे मेरठ में गिरफ्तार हुए। पर जेल के अंदर ही गंम्भीर रूप से बीमार पड़ जाने के कारण उन्हें रिहा कर दिया और 12 जनवरी, 1941 को दिल्ली के एक अस्पताल में उनका देहांत हो गया।


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टीका-टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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