"प्रयोग:सपना": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Nashik-Ramkund.jpg|[[नासिक]], रामकुण्ड|thumb|250px]]
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
 
|चित्र=Blank-Image-2.jpg
रामकुण्ड, नासिक - '''रामकुंड,''' [[नासिक]] का निर्माण 300 से अधिक साल पहले, 1696 में चितारो खातरकर द्वारा किया गया। यह पवित्र कुण्ड 12 मी. से 27 मी. के एक विशाल क्षेत्र पर फैला है।
|चित्र का नाम=ब्रज का मौर्य काल
 
|विवरण=[[मगध]] राज्य की शक्ति महात्मा [[बुद्ध]] से पहले ही बहुत बढ़ने लगी थी। पहले मगध राज्य की राजधानी राजगृह थी, लेकिन बाद में [[पाटलिपुत्र]] ([[पटना]]) मगध साम्राज्य  की राजधानी हुई।
*[[राम|भगवान राम]] और उनकी पत्नी [[सीता]] ने वनवास के दौरान इस कुण्ड में स्नान किया था।
|शीर्षक 1=ब्रज क्षेत्र
*कट्टर हिंदू विश्वासियों द्वारा एक मृत व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति या मोक्ष पाने के लिए इस कुण्ड में राख विसर्जित की जाती है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.nativeplanet.com/nashik/attractions/ramkund/ |title=रामकुण्ड, नसिक |accessmonthday=27 अगस्त |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=Hindi Nativeplanet |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
|पाठ 1=
 
|शीर्षक 2=ब्रज के केंद्र
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
|पाठ 2=[[मथुरा]] एवं [[वृन्दावन]]
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
|शीर्षक 3=ब्रज के वन
<references/>
|पाठ 3=[[कोटवन]], [[काम्यवन]], [[कुमुदवन]], [[कोकिलावन]], [[खदिरवन]], [[तालवन]], [[बहुलावन]], [[बिहारवन]], [[बेलवन]], [[भद्रवन]], [[भांडीरवन]], [[मधुवन]], [[महावन]], [[लौहजंघवन]] एवं [[वृन्दावन]]
==संबंधित लेख==
|शीर्षक 4=भाषा
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
|पाठ 4=[[हिंदी]] और [[ब्रजभाषा]]
[[Category:मध्य_प्रदेश]]
|शीर्षक 5=प्रमुख पर्व एवं त्योहार
[[Category:मध्य_प्रदेश_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
|पाठ 5=[[होली]], [[कृष्ण जन्माष्टमी]], [[यम द्वितीया]], [[गुरु पूर्णिमा]], [[राधाष्टमी]], [[गोवर्धन पूजा]], [[गोपाष्टमी]], [[नन्दोत्सव]] एवं [[कंस मेला]]
__INDEX__
|शीर्षक 6=प्रमुख दर्शनीय स्थल
__NOTOC__
|पाठ 6=[[कृष्ण जन्मभूमि]], [[द्वारिकाधीश मन्दिर]], [[राजकीय संग्रहालय मथुरा|राजकीय संग्रहालय]], [[बांके बिहारी मन्दिर वृन्दावन|बांके बिहारी मन्दिर]], [[रंग नाथ जी मन्दिर वृन्दावन|रंग नाथ जी मन्दिर]], [[गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन|गोविन्द देव मन्दिर]], [[इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|इस्कॉन मन्दिर]], [[मदन मोहन मन्दिर वृन्दावन|मदन मोहन मन्दिर]], [[दानघाटी गोवर्धन|दानघाटी मंदिर]], [[मानसी गंगा गोवर्धन|मानसी गंगा]], [[कुसुम सरोवर गोवर्धन|कुसुम सरोवर]], [[जयगुरुदेव मन्दिर मथुरा|जयगुरुदेव मन्दिर]], [[राधा रानी मंदिर बरसाना|राधा रानी मंदिर]], [[नन्द जी मंदिर नन्दगाँव|नन्द जी मंदिर]], [[विश्राम घाट मथुरा|विश्राम घाट ]], [[बलदेव मन्दिर मथुरा|दाऊजी मंदिर]]
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=[[ब्रज का पौराणिक इतिहास]], [[ब्रज चौरासी कोस की यात्रा]], [[मूर्ति कला मथुरा]]
|अन्य जानकारी=मौर्य सम्राट [[अशोक]] [[मगध]] साम्राज्य का ही सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक नहीं था वरन् वह भारत वर्ष के महान सम्राटों में से एक था। ई.. पूर्व 232 में अशोक की मृत्यु के बाद क्रमश: सात मौर्य शासक मगध साम्राज्य के अधिकारी हुए।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|12:41, 3 नवम्बर 2016 (IST)}}
}}<noinclude>[[Category:ब्रज]]</noinclude>

07:11, 3 नवम्बर 2016 का अवतरण

सपना
ब्रज का मौर्य काल
ब्रज का मौर्य काल
विवरण मगध राज्य की शक्ति महात्मा बुद्ध से पहले ही बहुत बढ़ने लगी थी। पहले मगध राज्य की राजधानी राजगृह थी, लेकिन बाद में पाटलिपुत्र (पटना) मगध साम्राज्य की राजधानी हुई।
ब्रज के केंद्र मथुरा एवं वृन्दावन
ब्रज के वन कोटवन, काम्यवन, कुमुदवन, कोकिलावन, खदिरवन, तालवन, बहुलावन, बिहारवन, बेलवन, भद्रवन, भांडीरवन, मधुवन, महावन, लौहजंघवन एवं वृन्दावन
भाषा हिंदी और ब्रजभाषा
प्रमुख पर्व एवं त्योहार होली, कृष्ण जन्माष्टमी, यम द्वितीया, गुरु पूर्णिमा, राधाष्टमी, गोवर्धन पूजा, गोपाष्टमी, नन्दोत्सव एवं कंस मेला
प्रमुख दर्शनीय स्थल कृष्ण जन्मभूमि, द्वारिकाधीश मन्दिर, राजकीय संग्रहालय, बांके बिहारी मन्दिर, रंग नाथ जी मन्दिर, गोविन्द देव मन्दिर, इस्कॉन मन्दिर, मदन मोहन मन्दिर, दानघाटी मंदिर, मानसी गंगा, कुसुम सरोवर, जयगुरुदेव मन्दिर, राधा रानी मंदिर, नन्द जी मंदिर, विश्राम घाट , दाऊजी मंदिर
संबंधित लेख ब्रज का पौराणिक इतिहास, ब्रज चौरासी कोस की यात्रा, मूर्ति कला मथुरा
अन्य जानकारी मौर्य सम्राट अशोक मगध साम्राज्य का ही सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक नहीं था वरन् वह भारत वर्ष के महान सम्राटों में से एक था। ई.. पूर्व 232 में अशोक की मृत्यु के बाद क्रमश: सात मौर्य शासक मगध साम्राज्य के अधिकारी हुए।
अद्यतन‎