"निकोलस विथिंगटन": अवतरणों में अंतर

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*उसका यात्रा विवरण ‘ट्रैक्टैट’ नाम से 1735 ई. में [[लंदन]] में प्रकाशित हुआ था।
*उसका यात्रा विवरण ‘ट्रैक्टैट’ नाम से 1735 ई. में [[लंदन]] में प्रकाशित हुआ था।
*अपने विवरण में निकोलस विथिंगटन ने [[गुजरात]] के प्रमुख शहर [[अहमदाबाद]] का नामोल्लेख किया है। उसने बताया है कि अहमदाबाद का आकार लंदन के समान है।
*अपने विवरण में निकोलस विथिंगटन ने [[गुजरात]] के प्रमुख शहर [[अहमदाबाद]] का नामोल्लेख किया है। उसने बताया है कि अहमदाबाद का आकार लंदन के समान है।
*विथिंगटन के अनुसार सरखेज नील की खरीदारी का प्रमुख केंद्र था। उसने बनियों की तीस उपजातियों का भी वर्णन किया है।
*विथिंगटन के अनुसार सरखेज नील की ख़रीदारी का प्रमुख केंद्र था। उसने बनियों की तीस उपजातियों का भी वर्णन किया है।
*उसके अनुसार [[राजपूत|राजपूतों]] में [[सती प्रथा]] का व्यापक प्रचलन था।
*उसके अनुसार [[राजपूत|राजपूतों]] में [[सती प्रथा]] का व्यापक प्रचलन था।



13:20, 15 नवम्बर 2016 का अवतरण

  • निकोलस विथिंगटन को प्रमुख यूरोपीय यात्रियों में गिना जाता है। वह कप्तान बैस्ट के परिचर के रूप में भारत आया था।
  • वह 1612 ई. में भारत आया और फिर 1616 ई. में वापस गया। इसी बीच उसे 1614 ई. में नील के व्यापार में पूँजी निवेश के लिए तथा जॉन मिसेन्हाल की कार्यवाहियों के बारे में रिपोर्ट लाने के लिए आगरा भेजा गया।
  • उसका यात्रा विवरण ‘ट्रैक्टैट’ नाम से 1735 ई. में लंदन में प्रकाशित हुआ था।
  • अपने विवरण में निकोलस विथिंगटन ने गुजरात के प्रमुख शहर अहमदाबाद का नामोल्लेख किया है। उसने बताया है कि अहमदाबाद का आकार लंदन के समान है।
  • विथिंगटन के अनुसार सरखेज नील की ख़रीदारी का प्रमुख केंद्र था। उसने बनियों की तीस उपजातियों का भी वर्णन किया है।
  • उसके अनुसार राजपूतों में सती प्रथा का व्यापक प्रचलन था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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