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{[[बंगला भाषा]] की प्रथम गद्य रचना 'बेताल पंचविशति' का प्रकाशन किसने किया था?
{[[बंगला भाषा]] की प्रथम गद्य रचना 'बेताल पंचविंशति' का प्रकाशन किसने किया था?
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+[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]
+[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]
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-[[सूर्य सेन]]
-[[सूर्य सेन]]
-[[मानवेन्द्र नाथ राय]]
-[[मानवेन्द्र नाथ राय]]
||[[चित्र:Ishwar-Chandra-Vidyasagar.jpg|right|100px|border|ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]'ईश्वर चन्द्र विद्यासागर' [[भारत]] के प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री व स्वाधीनता सेनानी थे। वे गरीबों व दलितों के संरक्षक माने जाते थे। उन्होंने स्त्री-शिक्षा और [[विधवा विवाह]] पर काफ़ी ज़ोर दिया। [[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]] ने 'मेट्रोपोलिटन विद्यालय' सहित अनेक महिला विद्यालयों की स्थापना करवायी तथा वर्ष 1848 में '''वैताल पंचविशति''' नामक [[बंगला भाषा]] की प्रथम गद्य रचना का भी प्रकाशन किया। नैतिक मूल्यों के संरक्षक और शिक्षाविद विद्यासागर जी का मानना था कि [[अंग्रेज़ी]] और [[संस्कृत भाषा]] के ज्ञान का समन्वय करके ही भारतीय और पाश्चात्य परंपराओं के श्रेष्ठ को हासिल किया जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]
||[[चित्र:Ishwar-Chandra-Vidyasagar.jpg|right|100px|border|ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]'ईश्वर चन्द्र विद्यासागर' [[भारत]] के प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री व स्वाधीनता सेनानी थे। वे गरीबों व दलितों के संरक्षक माने जाते थे। उन्होंने स्त्री-शिक्षा और [[विधवा विवाह]] पर काफ़ी ज़ोर दिया। [[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]] ने 'मेट्रोपोलिटन विद्यालय' सहित अनेक महिला विद्यालयों की स्थापना करवायी तथा वर्ष 1848 में '''वैताल पंचविंशति''' नामक [[बंगला भाषा]] की प्रथम गद्य रचना का भी प्रकाशन किया। नैतिक मूल्यों के संरक्षक और शिक्षाविद विद्यासागर जी का मानना था कि [[अंग्रेज़ी]] और [[संस्कृत भाषा]] के ज्ञान का समन्वय करके ही भारतीय और पाश्चात्य परंपराओं के श्रेष्ठ को हासिल किया जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]
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