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| {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
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| {{शारीरिक शिक्षा सामान्य ज्ञान}}
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| | valign="top"|
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| <quiz display=simple>
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| {शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| -[[पटियाला]]
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| -[[चंडीगढ़]]
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| -[[दिल्ली]]
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| +[[ग्वालियर]]
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| ||शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान [[अगस्त]], [[1957]] में 'लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन' (एल.सी.पी.ई.) के नाम से [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]] में स्थापित किया गया था। इसे वर्तमान में 'लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फिजीकल एजुकेशन' (एल.एन.आई.पी.ई.) के नाम से जाना जाता है।
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| {भोजन का मुख्य कार्य क्या है?
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| |type="()"}
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| +नई [[कोशिका|कोशिकाएँ]] बनाना व टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करना।
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| -[[रक्त]] का निर्माण करना
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| -उपर्युक्त दोनों
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||भोजन के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं- 1. यह शरीर की अलग-अलग क्रिया-कलापों के लिए [[ऊर्जा]] व ताकत प्रदान करता है। 2. यह [[मानव शरीर|शरीर]] को नए [[ऊतक]] विकसित करने व पुराने एवं खराब ऊतक बदलने में मदद देता है। 3. इसमें ऐसे रसायन होते हैं, जो कि शरीर के आंतरिक कार्यों पर नियंत्रण रखते हैं एवं शरीर को बीमारियों से बचाते हैं।
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| {निम्न में से किस आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को पहचाना और उनमें अंतर किया जा सकता है?
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| |type="()"}
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| -छायाचित्र द्वारा
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| -शरीर के प्रकार द्वारा
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| -विद्यालय के रिपोर्ट कार्ड द्वारा
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| +डी. एन. ए. जाँच द्वारा
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| ||डी. एन. ए. जाँच के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और उनमें अंतर किया जा सकता है। डी. एन. ए. के रूपचित्र की खोज जेम्स वॉमसन एवं फ़्रांसिस क्रिक द्वारा वर्ष [[1953]] में की गई थी। इस खोज के लिए इन्हें वर्ष [[1962]] में [[नोबेल पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया था।
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| {सीखना किस पर निर्भर करता है?
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| |type="()"}
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| +परिपक्वता
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| -आयु
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| -आनुवांशिक
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| -शरीर के विकास का प्रकार
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| ||सीखने की प्रक्रिया परिपक्वता पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे एक बालक परिपक्व होता जाता है, वह नई-नई क्रियाएं स्वयं ही सीखने लगता है। आयु बढ़ने से एक सामान्य बालक में परिपक्वता भी बढ़ती है और उसके सीखने की क्षमता में भी विकास होता है।
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| {अच्छे स्वास्थ्य का मुख्य कारक किसे माना जाता है?
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| |type="()"}
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| -प्रदूषणरहित [[पर्यावरण]]
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| -पौष्टिक आहार
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| +अच्छी जीवन दिनचर्या
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| -तनावरहित जीवन
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| ||'[[विश्व स्वास्थ्य संगठन]]' के अनुसार "स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक व सामाजिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ होने की अवस्था है। स्वास्थ्य का ऐसा स्तर हासिल करना इंसानी जिंदगी का मनोरथ होना चाहिए, जो कि हर व्यक्ति को समाजिक व आर्थिक तौर पर उत्पादित जीवन जीने के योग्य बनाए।" अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई कारक महत्त्वपूर्ण माने जा सकते हैं, परंतु मुख्य कारक के रूप में 'अच्छी जीवन दिनचर्या' ही सही मानी जाती है।
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| </quiz>
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| |}
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| {{शारीरिक शिक्षा सामान्य ज्ञान}}
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| {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
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| [[Category:सामान्य ज्ञान]][[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]][[Category:शारीरिक शिक्षा सामान्य ज्ञान]][[Category:सामान्य ज्ञान (अधूरे लेख)]]
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| __NOTOC__
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