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-[[प्रद्युम्न]]
-[[प्रद्युम्न]]
-[[उद्धव]]
-[[उद्धव]]
-[[सुमुष्टिक]]
-[[कृष्ण]]
||[[चित्र:Balarama.jpg|80px|right|border|बलराम]]'बलराम' [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के ज्येष्ठ भ्राता थे। 'नारायणीयोपाख्यान' में वर्णित व्यूहसिद्धान्त के अनुसार [[विष्णु]] के चार रूपों में दूसरा रूप 'संकर्षण' है। संकर्षण [[बलराम]] का ही अन्य नाम है। सामान्यत: बलराम [[शेषनाग]] के [[अवतार]] माने जाते हैं और कहीं-कहीं [[विष्णु के अवतार|विष्णु के अवतारों]] में भी इनकी गणना है। इनका जन्म [[वसुदेव]] की पत्नी [[रोहिणी]] के गर्भ से हुआ था। बलवानों में श्रेष्ठ होने के कारण उन्हें 'बलभद्र' भी कहा जाता है। बलराम जी साक्षात शेषावतार थे। वे बचपन से ही अत्यन्त गंभीर और शान्त थे। श्रीकृष्ण उनका विशेष सम्मान करते थे। [[महाभारत|महाभारत युद्ध]] में बलराम तटस्थ होकर तीर्थयात्रा के लिये चले गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बलराम]]
||[[चित्र:Balarama.jpg|80px|right|border|बलराम]]'बलराम' [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के ज्येष्ठ भ्राता थे। 'नारायणीयोपाख्यान' में वर्णित व्यूहसिद्धान्त के अनुसार [[विष्णु]] के चार रूपों में दूसरा रूप 'संकर्षण' है। संकर्षण [[बलराम]] का ही अन्य नाम है। सामान्यत: बलराम [[शेषनाग]] के [[अवतार]] माने जाते हैं और कहीं-कहीं [[विष्णु के अवतार|विष्णु के अवतारों]] में भी इनकी गणना है। इनका जन्म [[वसुदेव]] की पत्नी [[रोहिणी]] के गर्भ से हुआ था। बलवानों में श्रेष्ठ होने के कारण उन्हें 'बलभद्र' भी कहा जाता है। बलराम जी साक्षात शेषावतार थे। वे बचपन से ही अत्यन्त गंभीर और शान्त थे। श्रीकृष्ण उनका विशेष सम्मान करते थे। [[महाभारत|महाभारत युद्ध]] में बलराम तटस्थ होकर तीर्थयात्रा के लिये चले गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बलराम]]
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12:02, 15 जनवरी 2017 का अवतरण