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{[[1946]] की बैठक में किसे संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया था?
{देशभक्ति से परिपूर्ण प्रसिद्ध गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' किसके द्वारा लिखा गया था?
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-[[भीमराव आम्बेडकर|भीमराव अम्बेडकर]]
-[[साहिर लुधियानवी]]
+[[राजेन्द्र प्रसाद|डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]]
-[[आनंद बख़्शी]]
-[[सर्वपल्ली राधाकृष्णन|डॉ. राधाकृष्णन]]
-[[गुलज़ार]]
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
+[[कवि प्रदीप|प्रदीप]]
||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|100px|right|border|राजेन्द्र प्रसाद]]'राजेन्द्र प्रसाद' [[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] थे। वे बेहद प्रतिभाशाली और विद्वान व्यक्ति थे। भारत के वे एकमात्र राष्ट्रपति थे, जिन्होंने दो कार्यकालों तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया। स्वाधीनता से पहले [[जुलाई]], [[1946]] में हमारा [[संविधान]] बनाने के लिए एक [[संविधान सभा]] का संगठन किया गया था। [[राजेन्द्र प्रसाद]] को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह उनकी नि:स्वार्थ राष्ट्र सेवा के प्रति श्रद्धांजलि थी, जिसके वह स्वयं मूर्तरूप थे। संविधान सभा के परिश्रम से [[26 नवम्बर]], [[1949]] को भारत की जनता ने अपने को संविधान दिया, जिसका आदर्श था- न्याय, स्वाधीनता, बराबरी और बन्धुत्व और सबसे ऊपर राष्ट्र की एकता, जिसमें कुछ मूलभूत अधिकार निहित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजेन्द्र प्रसाद]], [[भारत का संविधान]]
||[[चित्र:Kavi-Pradeep-1.jpg|100px|right|border|कवि प्रदीप]]'प्रदीप' [[हिन्दी साहित्य]] जगत और [[हिन्दी]] फ़िल्म जगत के एक अति सुदृढ़ रचनाकार थे। वे '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। [[कवि प्रदीप]] ने [[1962]] के '[[भारत-चीन युद्ध (1962)|भारत-चीन युद्ध]]' के दौरान शहीद हुए सैनिकों की श्रद्धांजलि में ये गीत लिखा था। '[[भारत रत्न]]' से सम्मानित स्वर कोकिला [[लता मंगेशकर]] द्वारा गाए इस गीत का तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] की उपस्थिति में [[26 जनवरी]], [[1963]] को [[दिल्ली]] के रामलीला मैदान से सीधा प्रसारण किया गया था। यूँ तो कवि प्रदीप ने प्रेम के हर रूप और हर [[रस]] को शब्दों में उतारा, लेकिन [[वीर रस]] और देश भक्ति के उनके गीतों की बात ही कुछ अनोखी थी। वर्ष [[1940]] में, जब [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] अपने चरम पर था। देश को स्वतंत्र कराने के लिय छिड़ी मुहिम में कवि प्रदीप भी इसमें शामिल हो गए थे और इसके लिये उन्होंने अपनी कविताओं का सहारा लिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कवि प्रदीप]]
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10:30, 19 जनवरी 2017 का अवतरण