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{'[[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]]' की स्थापना कब हुई थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-01 | |||
|type="()"} | |||
-[[1909]] | |||
-[[1919]] | |||
+[[1929]] | |||
-[[1939]] | |||
||[[23 मई]] [[1929]] ई. में [[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]] (ICAR) की स्थापना हुई। उस समय यह परिषद 'इम्पीरियल काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' के नाम से स्थापित हुई थी। [[मार्च]], [[1946]] में जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में 'इम्पीरियल' शब्द को 'इण्डियन' में बदलने का फैसला लिया गया। [[1966]] में 'इण्डियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' को पूर्ण-स्वायत्ता प्रदान की गई और इसके प्रथम महनिदेशक डॉ. बी. पी. पाल बनाये गये। | |||
{सी. एस. एस. आर. आई. (CSSRI) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-02 | |||
|type="()"} | |||
-[[हिसार]] | |||
+[[करनाल]] | |||
-[[दिल्ली]] | |||
-[[जोधपुर]] | |||
{[[गन्ना|गन्ने]] से चीनी की औसत मात्रा मिलती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-03 | |||
|type="()"} | |||
+10% | |||
-38% | |||
-40% | |||
-45% | |||
||गन्ने में औसतन 10% चीनी की मात्रा पाई जाती है। | |||
{चूना के द्बारा किस भूमि का सुधार किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-04 | |||
|type="()"} | |||
-क्षारीय भूमि | |||
+अम्लीय भूमि | |||
-उदासीन भूमि | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||चूने (CaO, CaCO<sub>3</sub> आदि) को मिलाकर अम्लीय भूमि का सुधार किया जाता है। | |||
{[[भारत के प्रथम राष्ट्रपति]] के नाम पर किस [[राज्य]] में कृषि विश्वविद्यालय स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-05 | |||
|type="()"} | |||
+[[बिहार]] | |||
-[[झारखण्ड]] | |||
-[[उत्तर प्रदेश]] | |||
-[[पंजाब]] | |||
||[[भारत के प्रथम राष्ट्रपति]] स्वर्गीय [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] के नाम पर 'राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर ([[बिहार]]) की स्थापना वर्ष [[1971]] में की गई थी। | |||
{निम्न में से कौन-सा सी-4(C<sub>4</sub>) पौधा है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-06 | |||
|type="()"} | |||
+[[मक्का]] | |||
-[[गेहूँ]] | |||
-[[धान]] | |||
-[[जौ]] | |||
||[[मक्का]], [[गन्ना]], मिलेट्स, ([[ज्वार]], [[जौ]] आदि) सी-4 पौधे होते हैं। इन पौधों की जल उपभोग की क्षमता तथा प्रकाश-संश्लेषण की दर अधिक होती है; परंतु प्रकाश-श्वसन की दर कम होती है। | |||
{पौधों की अन्दरूनी रचना के अध्ययन करने वाले विज्ञान का क्या नाम है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-07 | |||
|type="()"} | |||
-फिजियोलॉजी | |||
-हिस्टोलॉजी | |||
+एनाटॉमी | |||
-टैक्सोनॉमी | |||
||पौधों की अंदररूनी रचना के अध्ययन करने वाले विज्ञान के नाम इस प्रकार है- *फिजियोलॉजी-पौधों का शरीर क्रियात्मक अध्ययन, हिस्टोलॉजी- ऊत्तकों का अध्ययन, एनाटॉमी-अध्ययन तथा टैक्सोनॉमी- वर्गीकरण। | |||
{यदि एक हेक्टेयर पौधों में कपास के 50 हज़ार पौधे हों और प्रति पौधे पर 20 डेंडू हों तो कपास की 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावर लाने के लिए प्रति डेंडू का औसत वज़न होगा? | |||
|type="()"} | |||
+2 ग्राम | |||
-1 ग्राम | |||
-1.5 ग्राम | |||
-2.5 ग्राम | |||
{[[बाजरा]] फ़सल है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-09 | |||
|type="()"} | |||
-सेल्फ ओलीनेटेड | |||
+क्रॉस पोलीनेटेड | |||
-आफ्टेन क्रॉम पोलीनेटेड | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||बाजरा एक पर परागणित (क्रॉस पोलीनेटेड) फ़सल होती है। | |||
{बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट किस फ़सल की बीमारी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-मक्का | |||
-बाजरा | |||
+धान | |||
-आलू | |||
||धान की फ़सल में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग लगता है। इस रोग में पौधों की पत्तियाँ नोंक या किनारे से एकदम सूखने लगती हैं। सूखे हुए किनारे टेढ़े-मेढ़े होते हैं। | |||
{मृदा के काया पलट में सहायक होते हैं?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-01 | |||
|type="()"} | |||
-हाथी | |||
-गाय | |||
+केंचुए | |||
-बिल्ली | |||
||केंचुए को किसानों का सच्चा मित्र कहा गया है। केंचुआ मुद्रा में कार्बनिक पदार्थों को मिलाकर मृदा संरचना में सुधार करता है। यह मृदा में बीट करके मृदा को सरंद्रा बनाता है। अत: केंचुए मृदा के काया पलट में सहायक होते हैं। | |||
{हरी खाद के लिए प्रयुक्त फ़सल है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-03 | |||
|type="()"} | |||
-एक-दलीय | |||
+द्विदलीय | |||
-तिलहनी | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||दलहनी एवं अदलहनी दोनों ही प्रकार की फ़सलों का हरी खाद के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन अधिकतर दलहनी फ़सलों का ही हरी खाद के लिए प्रयोग किया जा रहा है, क्योंकि जैव पदार्थ उपलब्ध कराने के अलावा हरी खाद के उद्देश्य से उगाई जाने वाली दलहनी फ़सलें वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अपनी जड़ों में स्थित ग्रंथियों में पाए जाने वाले जीवाणुओं की मदद से भूमि में यौगीकरण की क्षमता रखती है। | |||
{कम्पोस्ट कहते है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-04 | |||
|type="()"} | |||
+कार्बनिक पदार्थ को | |||
-गोबर की खाद को | |||
-कृत्रिम या संश्लेषित गोबर की खाद को | |||
-मिश्रित उर्वरकों को | |||
||पौधों के अवशेष, पशुओं का बचा हुआ चारा, कूड़ा-करकट आदि पदार्थों के बैक्टीरिया एवं फंलाई के द्वारा विशिष्ट दशाओं में विच्छेदन से बने पदार्थों को 'कम्पोस्ट' कहते हैं। | |||
{गेहूँ में यदि एक ही सिंचाई दी जाए तो कब देंगे? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-05 | |||
|type="()"} | |||
+कल्ले निकलने पर | |||
-कल्लों को अधिकतम सीमा पर | |||
-पौधों की लम्बाई बढ़ने पर | |||
-कभी दे सकते हैं | |||
||गेहूँ में सीमित सिंचाई उपलब्धता में यदि मात्र एक ही सिंचाई उपलब्ध हो तो इसे शिवर जड़ निकलने की अवस्था के मध्य डालनी चाहिए। | |||
{'नाबार्ड' (NABARD) की स्थापना का वर्ष है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-06 | |||
|type="()"} | |||
-1980 | |||
+1982 | |||
-1984 | |||
-1985 | |||
||12 जुलाई, सन् 1982 ई. को नबार्ड- "राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक" की स्थापन की गई थी। | |||
{मृदा में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्त्व पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-07 | |||
|type="()"} | |||
-आयरन | |||
-कैल्सियम | |||
-सिलिकॉन | |||
+ऑक्सीजन | |||
||मृदा में सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन तत्त्व होता है- | |||
ऑक्सीजन _47.33% | |||
कैल्सियम _3.37% | |||
सिलिकॉन _27.74% | |||
आयरन _4.50% | |||
{दूध का pH मान होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-08 | |||
|type="()"} | |||
-5.5 | |||
+6.6 | |||
-7.0 | |||
-7.3 | |||
||ताजे दूध का pH मान 6.5 एवं 6.7 के मध्य होता है। | |||
{ओजोन परत पर प्रभाव डालते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-09 | |||
|type="()"} | |||
-जेट वायुयान | |||
-सुपरसोनिक वायुयान | |||
-मिग वायुयान | |||
+इनमें से कोई नहीं | |||
{'अम्बेडकर फाउंडेशन' ने कौन-सी योजना शुरू की है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-अम्बेडकर सार्वजनिक पुस्तकालय | |||
-अम्बेडकर राष्ट्रीय अवार्ड | |||
-विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर चेयर्स | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
||'अम्बेडकर फाउंडेशन' द्बारा शुरू की गई तीन योजनाऐं निम्न प्रकार हैं | |||
{फ़सल-चक्र के लिए प्रभावी कारक है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-11 | |||
|type="()"} | |||
-मृदा | |||
-जलवायु | |||
-सिंचाई का प्रबंध | |||
+ये सभी | |||
||फ़सल-चक्र के लिए प्रभावी कारक है- (1) जलवायु, (2) मृदा, (3) प्रबंध, (4) आर्थिक पक्ष। | |||
{यदि मरकरी (Hg) का स्तर अचानक गिर जाता है, तो (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-अधिकतम गर्मी होती है | |||
+तूफानी दशा होती है | |||
-भारी वर्ष होती है | |||
-स्वच्छ मौसम होता है | |||
||मरकरी (Hg) का स्तर तूफान स्थिति में अचानक कम हो जाता है, क्योंकि तेज हवा के कारण उस पर दबाव पड़ता है। | |||
{जायद मक्का के लिए संस्तुत उर्वरक (एन.पी.के.) की मात्रा होती है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-100:50:50 एन.पी.के./हेक्टेयर | |||
-30:40:40 एन.पी.के./हेक्टेयर | |||
+120:60:60 एन.पी.के./हेक्टेयर | |||
-40:20:20 एन.पी.के/हेक्टेयर | |||
||मक्का को 'अनाजों की रानी' भी कहते हैं। जायद मक्का के लिए एन.पी.के. की मात्रा 120:20:20 हेक्टेयर होती है। | |||
{समोच्च के साथ आवंटित सिड़ी में पानी देने को कहते है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
+सिड़ीदार सिंचाई | |||
-समोच्च सिंचाई | |||
-नियंत्रित सिंचाई | |||
-बेसिन सिंचाई | |||
||समोच्च के साथ आवंटित सिड़ी में पानी देने को सिड़ीदार सिंचाई कहते हैं | |||
{बुवाई के बाद आलू की उपयुक्त सिंचाई को आवश्यकता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-25 सेमी | |||
-45सेमी | |||
-50 सेमी | |||
+10 सेमी | |||
{फ़सल की उपज में प्रति यूनिट पानी, जो फ़सल के वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन में इस्तेमाल होता है, जाना जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-जल वितरण क्षमता के रूप में | |||
+जल उपभोग क्षमता के रूप में | |||
-जल प्रयोग क्षमता के रूप में | |||
-कॉनवेंस क्षमता के रूप में | |||
||फ़सल की उपज में प्रति यूनिट पानी जो फ़सल के वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन में इस्तेमल होता है उसे जल उपभोग क्षमता के रूप में जाना जाता है। | |||
{फ़सल का सम्पूर्ण शुष्क उत्पादित पदार्थ कहलाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-शुष्क पदार्थ उपज | |||
+बायोलॉजिकल उपज | |||
-फ़सल उत्पादन | |||
-आर्थिक उत्पादन | |||
||फ़सल का सम्पूर्ण शुष्क उत्पादित पदार्थ बायोलॉजिकल उपज कहलाता है। | |||
{उत्तर प्रदेश में कुल समस्याग्रस्त भूमि है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-10.57 मी हे. | |||
+13.57 मी हे. | |||
-23.00 मी हे. | |||
-15.47 मी हे. | |||
||उत्तर प्रदेश में कुल 26.045 हेक्टेयर भूमि खेती करने योग्य है जिसमें से 16.731 हजार हेक्टेयर भूमि में खेती की जाती है। प्रदेश की कुल 11,605 हजार हेक्टेयर भूमि क्षारीयता से ग्रसित है, 793 हजार हेक्टेयर भूमि ऊपर है, 623 हजार हेक्टेयर भूमि बीहड़ भूमि है। 1,723 हजार हेक्टेयर भूमि परती है। | |||
{समोच्च मेड़बंदी एवं सिड़ीदार साधन है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-सस्य साधन | |||
+यांत्रित साधन | |||
-जैविक साधन | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||समोच्च मेड़बंदी और सिड़ीदार भूमि संरक्षण का यांत्रिक साधन है। | |||
{थिरम का प्रयोग किया गया है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
+बीज शोधन में | |||
-बुआई के समय कूँड़ में | |||
-मिश्रित खेती प्रणाली में | |||
-एकल फ़सल प्रणाली में | |||
||थिरम एक कवकनाशी रसायन है, जिसका प्रयोग बीज शोधन में किया जाता है। | |||
{एल.ई.आर. की आवश्यकता होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
+अंतरासस्यन प्रणाली में | |||
-आनुक्रमिक प्रणाली में | |||
-मिश्रित खेती प्रणाली में | |||
-एकल फ़सल प्रणाली में | |||
||एल.ई.आर. (भूमि समतुल्य अनुपात) एक समान प्रबंध में अंतरासस्यन से प्राप्त उपज के बराबर एकल फ़सल के उत्पादन के लिये कितनी सापेक्षित भूमि क्षेत्र की आवश्यकता है, एल.ई.आर. कहलाता है, अर्थात अंतरासस्यन के उपज के बराबर शुद्ध फ़सल के द्वारा उत्पादन करने के लिए भूमि की आवश्यकता का अनुपात ही एल.ई.आर. है। एल.ई.आर. विभिन्न अन्तरासस्यन के उत्पादन दक्षता मापने की इकाई है जो उत्पादन को भू-क्षेत्रफल के रूप में बदलकर मापता है। | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा बांध्य-रसायन है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-फ्यूराडॉन | |||
-श्रेडान | |||
+फ्यूराडेन्टिन | |||
-न्युवान | |||
||'फ्यूराडेंटिन' बांध्य-रसायन होता है | |||
{किस 'बग' (dugs) में भोजन और लार नलिका बनती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-मेन्डिबिल्स से | |||
-मैक्सिली से | |||
+उपर्युक्त दोनों | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
||मेंडिबिल्स एवं मैक्सिली से बग में भोजन और लार नलिका बनती है। | |||
{'थ्रिप्स' किस गण में आते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-थाइजान्यूरा | |||
+थाइजैनॉप्टेरा | |||
-स्ट्रेप्सीटेरा | |||
-प्लीकोप्टेरा | |||
||'थ्रिप्स' थाइजैनॉप्टेरा गण के अन्तर्गत आते हैं | |||
{'इण्डियन ग्रेन स्टोरेज एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट (IGSRI) स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-कोलकाता में | |||
-मुम्बई में | |||
+हापुड में | |||
-लखनऊ में | |||
||इण्डियन ग्रेन स्टोरेज एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट-आई.जी.एस.आर.आई. हापुड़ में स्थित है। | |||
{किसके अगले जोड़े पंख एलीट्रा कहलाते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-62,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-ऑर्थोप्टेरा | |||
+हेमीप्टेरा | |||
-कॉलिओप्टेरा | |||
-आइसोप्टेरा | |||
||'हेमीप्टेरा' के अगले जोड़ पंख एलीट्रा कहलाते हैं। | |||
{खोदने वाली टाँगें पायी जाती हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-मोल क्रिकेट में | |||
-हाउस क्रिकेट में | |||
+डंग बीटल में | |||
-सो बग्स | |||
||डंगी बीटल में खोदने वाली टाँगें होती है। | |||
{मृदा बनावट में ठोस भाग पाया जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-20% | |||
-30% | |||
-40% | |||
+50% | |||
||मृदा बनावट में 50% प्रतिशत ठोस भाग होता है। | |||
{'जिप्सम' का रासयनिक सूत्र है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-CaC12 | |||
-CaSO4 | |||
+CaSO4.2H2O | |||
-Ca.Mg (CO3)2 | |||
||'जिप्सम' का रासायनिक सूत्र CaSO4.2H2O है। | |||
{जलोढ मृदाएँ होती है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-अस्तरीय मृदाएँ | |||
-अंत:स्तरीय मृदाएँ | |||
+स्तरीय मृदाएँ | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||'जलोढ़ मृदाएँ' स्तरीय मृदाएँ कहलाती हैं। इस मृदा में नाइट्रोजन, जैव पदार्थ व फॉस्फोरस की न्यूनता होती है। | |||
{मृदा, जिनमें 35% बालू (send), मृदाएँ कहलाती हैं। इस वह मृदा होगी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-बलुई दोमट | |||
+दोमट | |||
-बलुई क्ले दोमट | |||
-बलुई क्ले | |||
||दोमट मृदा में 30-50% बालू, 30-50% सिल्ट तथा 0-20% क्ले होती है। | |||
{निम्न में कौन-सा तत्त्व पौधे के लिए अनावश्यक किन्तु लाभकारी तत्त्व है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-61 | |||
|type="()"} | |||
-Ca | |||
+Na | |||
-K | |||
-Mg | |||
||Na एक ऐसा तत्त्व है, जो पौधे के लिए अनावश्यक होते हुए भी लाभकारी होता है। | |||
{जिस शाखा का मृदा सम्बंध मृदा की उत्पत्ति (Origin); वर्गीकरण तथा वर्णन से है, को कहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-62 | |||
|type="()"} | |||
-इडेफिलेजी | |||
-ईकोलोजी | |||
+पेडोलोजी | |||
-जिलोलोजी | |||
||जिस शाखा का मृदा सम्बंध मृदा की उत्पत्ति, वर्गीकरण तथा वर्णन से है, उसे 'पेडोलोजी' कहते हैं। | |||
{पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सर्वप्रथम प्रस्तुत की गयी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-63 | |||
|type="()"} | |||
-C. M. Donald द्वारा | |||
-J. D. Easten द्वारा | |||
+Mayer & Anderson द्वारा | |||
-M. S. Swaminathan द्वारा | |||
||पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सबसे पहले मायर (Mayer) एवं इन्डरसन (Anderson) द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। | |||
{भारत में 'सस्य-जलवायु क्षेत्रों' की संख्या है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-64 | |||
|type="()"} | |||
-10 | |||
+15 | |||
-12 | |||
-6 | |||
{'Intensive Agriculeure Ares Programme' प्रारम्भ हुअ था। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-65 | |||
|type="()"} | |||
-1963 में | |||
+1964 में | |||
-1967 में | |||
-1970 में | |||
||'Intensive Agriculeure Ares Programme' सन् 1964 ई. में शुरू हुआ था। | |||
{बकरी की विदेशी नस्ल (Exotic Breed) है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-66 | |||
|type="()"} | |||
-सूरती | |||
-बीटल | |||
+अंगोरा | |||
-जमुनापारी | |||
||'अंगोरा' नस्ल बकरी की विदेशी अस्लों में से एक है। यह नस्ल बहुत अच्छी मानी जाती है। | |||
{'सेमीनल वैसीकिल्स' (Seminal Vesicles) अनुपस्थित रहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-67 | |||
|type="()"} | |||
-चूहे में | |||
+कुत्ते में | |||
-सांड में | |||
-सुअर में | |||
{निम्न में कौन-सा एक रोग पशु से मनुष्य में और मनुष्य से पशु में संचारोत होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-68 | |||
|type="()"} | |||
-शूकर ज्वर | |||
-पोकनी | |||
-गला घोंटू | |||
+लेप्टोस्पाइरोसिस | |||
||'लेप्टोस्पाइरोसिस' नामक रोग एक ऐसा रोग है, जो पशु से मनुष्य में और मनुष्य से पशु में संचारित होता है। | |||
{सामान्यत: 'दुग्ध-कैन' (Milk cans) का निर्माण का निर्माण किया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-69 | |||
|type="()"} | |||
-क्रोमियम तथा उसकी मिश्रित धातु से (alloy) से | |||
+ऐलुमिनियम तथा उसकी मिश्रितु धातु से | |||
-लोहा तथा उसकी मिश्रित धातु से | |||
-निकल तथा उसकी मिश्रित धातु से | |||
||सामान्य रूप से दुग्ध-कैन ऐलुमिनियम तथा उसकी मिश्रित धातु से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु से बने दुग्ध-कैन में दूध भरने पर दूध जल्दी से खराब नहीं होता है। | |||
{गाय के कृत्रिम गर्भाधान (Al) के लिए अनुमोदित तरल वीर्य (Semen) की मात्रा होती है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-70 | |||
|type="()"} | |||
-0.2 ml. | |||
-0.8 ml. | |||
-1.5 ml. | |||
+2.0 ml. | |||
||गाय के कृत्रिम गर्भाधन के लिए 2-0 ml. अनुमोदित तरल वीर्य आवश्यक होता है। | |||
{दलहनी फ़सलें फ़सल प्रणाली के लिए उपयुक्त होती हैं, वे हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
+कम समय वाली फ़सलें | |||
-रोगरोधी फ़सलें | |||
-लम्बे समय वाली फ़सलें | |||
-नमी दबवरोधी फ़सलें | |||
||कम अवधि वली दलहनी प्रजाति फ़सल प्रणाली के लिए उपयुक्त होती है, जबकि दलहनी फ़सलों के अच्छे उत्पादन के लिए रोगरोधी किस्मों को उगाया जाता है। | |||
{गेहूँ है एक- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-नगदी फ़सल | |||
+खाद्यान्न फ़सल | |||
-आच्छादित फ़सल | |||
-नमी दबावरोधी फ़सल | |||
||खाद्यान्न फ़सल -गेहूँ, धान, जौ आदि | |||
नगदी फ़सल -गन्ना, आलू | |||
आच्छादित फ़सल -लोबिया | |||
{शरदकालीन गन्ना किस माह में बोया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-फरवरी-मार्च में | |||
-जुलाई में | |||
+अक्टूबर में | |||
-दिसम्बर में | |||
||शरदकालीन -अक्टूबर | |||
बसंतकालीन -फरवरी-मार्च | |||
वर्षाकालीन -जुलाई | |||
{गेहूँ की समय से बुआई के लिए बीच दर है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-75 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
+100 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
-125 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
-150 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
||समय से बुआई -100 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
देर से बुआई -125 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
डिबलर से बुआई -25-30 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
{गेहूँ में सिचाई के लिए सर्वाधिक क्रांतिक अवस्था है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
+सी.आर.आई. | |||
-पुष्प | |||
-दुग्ध | |||
-दाने पकना | |||
||गेहूँ की फ़सल के लिए पाँच सिंचाइयों की जरूरत होती है- | |||
(1) सी.आर.आई. स्टेज | |||
(2) किल्ले निकलने समय बुआई से | |||
(3) गाँठ बनते समय बुआई से | |||
(4) फूल बनते समय बुआई से | |||
(5) दुग्ध बनते समय बुआई से | |||
{बीज शोधन---------बीमारी के नियंत्रण के लिए किया जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-मृदा जनित | |||
-वायु जनित | |||
+बीज जनित | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||बीज शोधन बीज जनित बीमारियों के लिए किया जाता है। मृदा जनित बीमारियों के लिए मृदा का शोधन किया जाता है। | |||
{क्षाररोधी फ़सल है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
+लोबिया | |||
-मटर | |||
-लहसुन | |||
-ककड़ी | |||
{निम्न में से कौन गाय की दुग्धशाला प्रजाति नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-साहीवाल | |||
-सिन्धी | |||
+नागौरी | |||
-गिरि | |||
||साहीवाल -दुधारु प्रजाति | |||
सिंधी -दुधरु प्रजाति | |||
गिरि -दुधारु प्रजाति | |||
नागौरी -दुकाजी प्रजाति | |||
{भण्डारित अनाज कीटों के नुकसान से बचाने के लिए दोनों में 10% से कम नमी का होना जरूरी है। इससे कम या ज्यादा नमी बीज के लिए हानिकारक होती है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
+<10% | |||
->10% | |||
-10% | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||भण्डारिता अनाज को कीटों के नुकसान से बचाने के लिए दोनों में 10% से कम नमी का होना जरूरी है। इससे कम या ज्यादा नमी बीज के लिए हानिकारक होती है। | |||
{भारत में निम्न में से किस कीट/रोगनाशी को रोका गया? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-रोगार | |||
+डी.डी.टी. | |||
-मेटासिस्टॉक्स | |||
-डिमेक्रान | |||
||मनुष्यों के लिए नुकसानदायक होने के कारण तथा कीटों द्वारा सहनशील होने के कारण सरकार डी.डी.टी. की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। | |||
{माया प्रजाति है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-71 | |||
|type="()"} | |||
-आलू की | |||
-चना की | |||
-मटर की | |||
+राई की | |||
||'माया' राई की प्रजाति का नाम है। राई की अन्य किस्में इस प्रकार है-वरुणा, बरदान, शेखर रोहिणी, लाहा-101, पूजा जय किसान एवं क्रांति आदि। | |||
{श्वास रोग का कारक है खरपतवार- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-72 | |||
|type="()"} | |||
-हिरन खुरी | |||
-बथुआ | |||
+गजरी | |||
-कृष्ण नील | |||
||पस्थेनियम (गजरी) खरपतवार द्वारा मनुष्यों में श्वास नामक रोग हो जाता है। इस घास को क्रांगेस भी कहा जाता है। | |||
{कौन-सी फ़सल अधिकतम नाइड्रोजन की मात्रा चाहती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-73 | |||
|type="()"} | |||
+आलू | |||
-गेहूँ | |||
-जौ | |||
-गन्ना | |||
||आलू की फ़सल अधिकतम नाइट्रोजन चाहने वाली है। एक हैक्टेयर आलू के उत्पादन के लिए लगभग 170-80 किग्रा., 250 किग्रा p. तथा 250 किग्रा K. की आवश्यकता होती है। | |||
{भारत में धान की प्रथम विकसित बौनी प्रजाति है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-74 | |||
|type="()"} | |||
+जया | |||
-साकेत-4 | |||
-गोविन्द | |||
-नरेन्द्र-97 | |||
||'जया' भारत की प्रथम धान की विकसित प्रजाति है जो वाइचुंग (नेटिव-1) x T-141 के क्रॉस से निकाली गयी है। | |||
{बौछारी सिंचाई उपयुक्त होती है, जहाँ मृदा धारण करती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-75 | |||
|type="()"} | |||
-मटियार संरचना | |||
-दोमट संरचना | |||
+ऊँची-नीची सतह | |||
-ये सभी | |||
||बौछारी सिंचाई ऊंची-नीची भूमियों में अधिक उपयुक्त होती है। | |||
{इन्डोसल्फान ने....भी कहा जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-76 | |||
|type="()"} | |||
-लिनडेन | |||
+थाडोडान | |||
-आल्ड्रीन | |||
-बी.एच.सी. | |||
||इन्डोसल्फान -थायोडन | |||
फॉस्फैमेडन -डायमेक्रान | |||
फार्मोथियन -एन्थियो | |||
फोरेटो -थिमेट | |||
{निम्न में से कौन सर्वांगी विष है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-77 | |||
|type="()"} | |||
-मेटासिस्टॉक्स | |||
-फॉस्फोमीडान | |||
-फोरेट | |||
+ये सभी | |||
||सर्वांगी विष-1. श्राडान 2.डेमेटान, सिस्टाक्ट 3.मेटासिस्टॉक्स 4.डाइमेथियोन 5.फॉस्फोमीडान 6.फोरेट 7.फास ड्रिन 8.थायो डेमेटान। | |||
{डी.डी.वी.पी. को..........भी कहा जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-78 | |||
|type="()"} | |||
+न्यूवान | |||
-मैलाथियान | |||
-थायोडान | |||
-सल्फेक्स | |||
||डी.डी.वी.पी. को न्यूवान कहा जाता है। यह एक टेन स्पर्श, आंतरिक और धुम्रक विष है। यह लगभग 10-15 मिनट में कीटों को मार देता है | |||
{वाइटावेक्स से बीज शोधन की मुख्य नियंत्रण विधि है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-79 | |||
|type="()"} | |||
+अनावृत कंडुअ | |||
-गेरुई | |||
-तुलासिता | |||
-ये सभी | |||
||वाइटावोक्स से बीज-शोधन की मुख्य नियंत्रण विधि 'अनावृत कंडुआ' है। | |||
{जौ की आवृत कंडुआ बीमारी है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-80 | |||
|type="()"} | |||
+बाह्य बीज जनित | |||
-आंतरिक बीज जनित | |||
-वायु जनित | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||जौ की बाह्य बीज जनित बीमरी आवृत कंडुआ है तथा गेरुए रोग वायुजनित है। | |||
{नीलम एक प्रजाति है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-91 | |||
|type="()"} | |||
-पपीता की | |||
+आम की | |||
-अंगूर की | |||
-सेब की | |||
||आम -नीलम | |||
पपीता -सूर्या | |||
अंगूर -अकी चित्रा | |||
सेब -रेड डेलीसियम | |||
{मूँगफली की फ़सल में जब खूटियाँ (Pegs) मिट्टी में वृद्धि करती हैं, तो वे बनाती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-93 | |||
|type="()"} | |||
-जड़ें | |||
-तने | |||
-कंद | |||
+फलियाँ | |||
||शकरकंद -जड़ | |||
आलू -तना | |||
अरवी -राइजोम | |||
मूँगफली -फलियाँ | |||
{जूट की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-92 | |||
|type="()"} | |||
-गन्ना | |||
-गेहूँ | |||
-कपास | |||
+धान | |||
||जूट की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल धान की होती है; क्योंकि जूट के खेती ऐसे भागों में की जाती है जहाँ हर समय पानी भरा रहता है। | |||
{निम्नलिखित में से किसको आग में सुखाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-94 | |||
|type="()"} | |||
+चबाने का तम्बाकू | |||
-चुरुट का तम्बाकू | |||
-बीड़ी का तम्बाकू | |||
-हुक्के का तम्बाकू | |||
||चबाने वाले तम्बाकू को आग में सुखाया जाता है। | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी दो फ़सलें भारत में दलहन उत्पादन का लगभग 75% भाग उपलब्ध कराती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-95 | |||
|type="()"} | |||
-चना और मूँग | |||
+चना और अरहर | |||
-मूँग और मसूर | |||
-अरहर और मूँग | |||
||विश्व में दलहन उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है। भारत में 75% भाग उपलब्ध कराती हैं? | |||
{मूँगफली की खेती में किस संवर्धन को प्राथमिकता देनी चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-96 | |||
|type="()"} | |||
+राइजोबियम | |||
-माइकोराइजा | |||
-एजोस्पिरिला | |||
-फास्फोबैक्टीरिया | |||
||मूँगफली की खेती में राइजोबियम का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि राइजोबियम एक प्रकार का जीवाणुविक कल्चर होता है। | |||
{धान बीज के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान बिंदु है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-97 | |||
|type="()"} | |||
+20डिग्रीC-25डिग्रीC | |||
-18डिग्रीC-2डिग्रीC | |||
-37डिग्रीC-39डिग्रीC | |||
-30डिग्रीC-32डिग्रीC | |||
||धान के बीच के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान 20डिग्रीC-25डिग्रीC होता है। गेहूँ की बुआई के समय अनुकूलतम तापमान 5डिग्रीC-15डिग्रीC होता है। गेहूँ की बुआई के समय अनुकूलतम तापमान 5डिग्रीC-15डिग्रीC तक होना चाहिए। | |||
{गेहूँ के साथ मिश्रित खेती के लिए निम्नलिखित में से कौन उपयुक्त होगा? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-98 | |||
|type="()"} | |||
+सरसों | |||
-ज्वार | |||
-कपास | |||
-पातगोभी | |||
||सरसों -गेहूँ | |||
ज्वार -अरहर | |||
पातगोभी -आलू | |||
{धान में खैरा रोग की रोकथाम के लिए छिड़काव किया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-99 | |||
|type="()"} | |||
-बोरेक्स | |||
-कॉपर सल्फेट | |||
+जिंक सल्फेट | |||
-कैल्सियम सल्फेट | |||
||धान की फ़सल में खैरा रोग जिंक की कमी से लगाता है, इसमें पौधों की पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं। इसकी रोकथाम के लिए जिंक सल्फेट का प्रयोग किया जाता है। | |||
{राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एन.एस.आई.) स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-100 | |||
|type="()"} | |||
-लखनऊ में | |||
-वाराणसी में | |||
+कानपुर में | |||
-नई दिल्ली में | |||
||लखनऊ -भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान | |||
वाराणसी -सब्जी अनुसंधान केंद्र | |||
कानपुर में -राजकीय शर्करा केंद्र | |||
नई दिल्ली -मक्का जीन बैंक | |||
{धान तथा गेहूँ में कितने-कितने पुंकेसर पाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-3,3 | |||
-6,6 | |||
-3,6 | |||
+6,3 | |||
||धान का वानस्पतिक नाम आरोइजा सेटाइवा है। इसमें वसा की मात्रा 2.2.5% एवं प्रोटीन की मात्रा 6-7% तक पायी जाती है। धान में पुंकेसर की संख्या 6 एवं गेहूँ में पुंकेसर की संख्या 3 पायी जाती है। | |||
{परागकोश कितने पराग पुटों में बँटा होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-एक | |||
+दो | |||
-तीन | |||
-चार | |||
||परागकोश दो परग पुटों में बँटा होता है। प्रथम परागकरण और द्वितीय फिलामेंट्। परागकण और फिलामेंट मिलकर स्टेमेन कहलाता है। यह लेमा और पीलिया के अंदर बंद रहते हैं। | |||
{"म्यूटेशन रिसर्च" पुस्तक किसने लिखी थी- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-मुलर | |||
-ओरबेक | |||
-स्टेडलर | |||
+निल्सन-इनले | |||
||म्यूटेशन रिसर्च पुस्तक निल्सन-इनले ने लिखी है। यह पुस्तक म्यूटेनशन पर हुए शोध पर लिखी गयी है। | |||
{सामान्यतया धान्य फ़सलों में कमी पायी जाती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-लाइसिन की | |||
+मेथियोनाइन की | |||
-ट्रिप्टोफेन की | |||
-प्रोटीन की | |||
||सामान्य रूप से धान की फ़सल में मेथियोनाइन की कमी पायी जाती है। धान में 6-7% प्रोटीन 2-3% वसा तथा लगभग 65-70% कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पायी जाती है। | |||
{नीले रंग का टेग किसके लिए निर्गत होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-आधारीय बीज | |||
-पंजीकृत बीज | |||
+प्रमाणित बीज | |||
-केंद्रक बीज | |||
||बीज रंग | |||
आधारीय बीज सफेद | |||
पंजीकृत बीज जामनी | |||
प्रमाणित बीज नीला | |||
नाभिकीय बीज पीला | |||
{'पूसा जय किसान' कायिक क्लोनीय है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-बासमती धान का | |||
+भारतीय सरसों का | |||
-साईट्रोनेला जावा का | |||
-खेसारी का | |||
||'पूजा जय किसान।' भारतीय सरसों का कार्मिक क्लोनीय है। उस किस्म में तेल अधिक पाया जाता है। यह किस्म मध्यम समय में पककर तैयार हो जाती है। | |||
{विनियम किस अवस्था में होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-लेप्टोटीन | |||
-जाइगोटीन | |||
+पेचीटीन | |||
-डिप्लोटीन | |||
{अगुणित किस प्रकार के युग्मकों पैदा करते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
-n+1 | |||
-n-1 | |||
+n | |||
-n+1-1 | |||
||अगुणित युग्मकों की उत्पत्ति जिससे निषेचन के बाद द्विगुणित (2n) जाइगोट बनते हैं तथा स्पीशीजों में क्रोमोसोम की संख्या अचर रहती है। | |||
{सुप्रिष्ठित गन्ने का वानस्पतिक नाम है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-सैकेरम ओफीसिनेरम | |||
+सैकेरम बारबेरी | |||
-सैकेरम स्पोन्टेनीयम | |||
-सैकेरम साइनेन्सिस | |||
||सुप्रिष्ठित गन्ने का वानस्पतिक नाम सैकेरम ओफीसिनेरम है जिसमें क्रोमोसोम की संख्या 2n=80 पायी जाती है। इस गन्ने में चीनी की मात्रा 8% तथा गुड़ की मात्रा 10% तक पायी जाती है। | |||
{सफेद भृंगाक का वैज्ञानिक नाम है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-हेलिकोवरपा आरमिजेरा | |||
+होलोट्राइकिया कोन्सेन्गोनिया | |||
-स्पोडोप्टेरा लाइटूरा | |||
-बमेरिया टबेसाई | |||
||हेलिकोवरपा आरमिजेरा -चने की सूँड़ी | |||
होलोट्राइकिया कोन्सेन्गोनिया -सफेद भृंगक | |||
स्पोडोप्टेरा लाइटूरा -कारब वर्ग | |||
बमेरिया टबेसाई -सफेद मक्खी | |||
{निम्नलिखित में से किसे उत्पादन की स्थित लागत में सम्मिलित किया जाता है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-कच्चे माल की कीमत को | |||
-अस्थायी श्रमिकों की मजदूरी को | |||
-फैक्ट्री भवन का किराया को | |||
+उपरोक्त सभी के | |||
{उत्पादन के असंख्या साधन मानने वाले एक अर्थशास्त्री का नाम है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
+डेवनपोर्ट | |||
-प्रो. टॉमस | |||
-प्रो. एली | |||
-प्रो. निकल्सन | |||
{उत्पादन के साधन हैं (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-3 | |||
|type="()"} | |||
-श्रम | |||
-भूमि | |||
+उपर्युक्त दोनों | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{"सम्पत्ति को अधिक उपयोगी बनाना ही उत्पादन है।" यह कथन है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-डा. एली का | |||
-प्रो. टॉमस का | |||
+डॉ. फेयर चाइल्ड का | |||
-प्रो. निकल्सन का | |||
{"वस्तु में अर्थ का सृजन करना ही उत्पादन है।" यह कथन है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-डॉ. फेयर चाइल्ड का | |||
-प्रो. निकल्सन का | |||
-प्रो. एली का | |||
+प्रो. टॉमस का | |||
{उत्पादन में प्रकृति का नि:शुल्क उपहार है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
+भूमि | |||
-श्रम | |||
-पूँजी | |||
-प्रबंध | |||
{भूमि के लक्षण हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-7 | |||
|type="()"} | |||
-भूमि परिमाण में सीमित है | |||
-भूमि उत्पादन का प्राथमिक साधन है | |||
-भूमि प्रकृति की देन है | |||
+ये सभी | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-8 | |||
|type="()"} | |||
+भूमि प्रकृति का नि:शुल्क उपहार है | |||
-भूमि का आर्थिक लगान से कोई सम्बंध नहीं हैं | |||
-भूमि उत्पादन का सक्रिय साधन है | |||
-भूमि मानव द्वारा सृजित उत्पत्ति का साधन है | |||
{अर्थशास्त्र मं भूमि का अर्थ हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-9 | |||
|type="()"} | |||
-मिट्टी | |||
+प्रकृति का नि:शुल्क उपहार | |||
-कृषि योग्य भूमि | |||
-समस्त भूखण्ड | |||
{भूमि है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-8,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-सक्रिय साधन | |||
-असीमित | |||
-गतिशील | |||
+उर्वरा शक्ति भिन्न-भिन्न होती है | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
12:59, 19 जनवरी 2017 का अवतरण
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