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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {मुख्यत: [[वाद्ययंत्र|वाद्यों]] के कितने वर्ग हैं?
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| |type="()"}
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| -तीन
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| +चार
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| -पाँच
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| -छ:
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| {निम्नलिखित में से कौन [[सितार वादक]] नहीं है?
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| |type="()"}
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| -[[रवि शंकर|पं. रवि शंकर]]
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| +[[शिवकुमार शर्मा]]
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| -बुद्धादित्य मुखर्जी
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| -रहीम ख़ाँ
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| ||[[चित्र:Shivkumar-Sharma-2.jpg|right|100px|शिवकुमार शर्मा]]इन विकल्पों में [[शिवकुमार शर्मा]] के अतिरिक्त सभी [[सितार वादक]] हैं। शिवकुमार शर्मा [[भारत]] के प्रसिद्ध [[संतूर वादक]] है। आज [[संतूर]] की लोकप्रियता का सर्वाधिक श्रेय शिवकुमार शर्मा को ही जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शिवकुमार शर्मा]]
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| {निम्नलिखित में से कौन मुख्यत: [[ध्रुपद]] गायक नहीं है?
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| +[[भीमसेन जोशी]]
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| -फ़ैमुद्दीन डागर
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| -गुन्देचा बन्धु
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| -ए. रहीमुद्दीन डागर
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| ||[[चित्र:Bhimsen-Joshi-2.jpg|70px|right|भीमसेन जोशी]] भीमसेन जोशी [[किराना घराना|किराना घराने]] के शास्त्रीय गायक हैं। उन्होंने 19 साल की उम्र से गायन शुरू किया था और वह पिछले सात दशकों से शास्त्रीय गायन करते रहे। भीमसेन जोशी ने [[कर्नाटक]] को गौरवान्वित किया है। उनकी योग्यता का आधार उनकी महान संगीत साधना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीमसेन जोशी]]
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| {[[राग]] शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किस [[ग्रंथ]] में हुआ?
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| |type="()"}
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| -[[संगीत रत्नाकर]]
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| -राग तरंगिणी
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| -[[नाट्यशास्त्र]]
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| +बृहद्देशी
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| {[[संगीत]] के सौन्दर्य पर सर्वाधिक लेखन करने वाला कौन है?
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| |type="()"}
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| -डॉ. एस. के. सक्सेना
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| -प्रो. अशोक डी. रानाडे
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| +के. सी. डी. बृहस्पति
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| -बी .सी. देव
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा [[तबला वादक]] चारों घराने के तबला वादन में सिद्ध रहा- | | {निम्नलिखित में से कौन-सा [[तबला वादक]] चारों घराने के तबला वादन में सिद्ध रहा- |
| |type="()"} | | |type="()"} |