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'''जनेश्वर मिश्र''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Janeshwar Mishra'' जन्म- [[5 अगस्त]], [[1933]], शुभनथहीं, [[बलिया]]; मृत्यु- [[22 जनवरी]] [[2010]], [[इलाहाबाद]]) [[समाजवादी पार्टी]] के राजनेता थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने [[मोरारजी देसाई]], [[चौधरी चरण सिंह]], [[विश्वनाथ प्रताप सिंह]], एच डी देवगौड़ा और [[इंद्रकुमार गुजराल]] के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। उन्होंने गरीब और शोषित लोगों के लिए हमेशा संघर्ष किया और यही वजह है कि आज भी उन्हें उनके समाजवाद के लिए न सिर्फ याद किया जाता है बल्कि 'छोटे लोहिया' भी जाना जाता है।
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|मुख्य फ़िल्में=सांवरिया ([[2007]]), 'बचना ऐ हसीनों' ([[2008]]), 'अज़ब प्रेम की गज़ब कहानी' ([[2009]], रॉकस्टार ([[2011]]), 'बर्फी' [[2012]], 'ये जवानी है दीवानी' ([[2013]]), 'ऐ दिल है मुश्किल' ([[2016]])।
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|विद्यालय=एच आर कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकनॉमिक्‍स, स्‍कूल ऑफ़ विजुअल आर्टस, न्यूयार्क
|पुरस्कार-उपाधि='फिल्मफेयर पुरस्कार', 'जी सिने अवार्ड' ([[2008]]), अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार (2008), 'अप्सरा फ़िल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड पुरस्कार' (2008)
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'''रनबीर कपूर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ranbir Kapoor'' जन्म- [[28 सितम्बर]], [[1982]], [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]) [[हिन्‍दी]] फ़िल्‍मों के मशहूर अभिनेता हैं। उनका हिन्‍दी फ़िल्‍मों का कॅरियर सफल रहा है और वे [[भारत]] के चर्चित अभिनेताओं की श्रेणी में शामिल हैं। रणबीर सबसे अधिक फीस वाले अभिनेताओं की सूची में भी शामिल हैं। उन्होंने अपने फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत एक सहयोगी निर्देशक के रूप में निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ की। इसके तुरंत बाद उन्होंने सांवरिया फ़िल्म मेंं प्रमुख अभिनेता के रूप में अपना पहला अभिनय किया, जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर द्वारा आयोजित 'सर्वश्रेष्ठ पुरुष फ़िल्म अभिनेता' का खिताब मिला। उन्होंने बहुत-से पुरस्‍कार प्राप्त किए हैं, जिनमें 5 फ़िल्‍मफेयर पुरस्‍कार भी शामिल हैं। उन्‍होंने अब तक कई फ़िल्‍मों में अच्‍छी भूमिकाएं निभाई हैं। वह लड़कियाें के बीच में काफी लोकप्रिय हैं। रणबीर अपनी प्रोफेशनल जिंदगी के साथ-साथ अपनी निजी जिंदगी की वजह से भी अख़बारों की सुर्खियों में बने रहते हैं।<ref name="a">{{cite web |url=http://hindi.filmibeat.com/celebs/ranbir-kapoor.html |title=रणबीर कपूर |accessmonthday= 25 फ़रवरी|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.filmibeat.com |language=हिंदी }}</ref>
==परिचय==
==परिचय==
रनबीर कपूर का जन्‍म [[28 सितम्बर]], [[1982]] को [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ थ। उनके पिता ऋषि कपूर और मां नीतू सिंह हिंदी फ़िल्‍मों केे मशहूर सितारे रहे हैं। रनबीर की एक बहन भी हैं जिनका नाम रिद्धिमा है। उनके खानदान में लगभग सभी फ़िल्‍मों से किसी न किसी तरह से जुड़े हैं। वह [[पृथ्वीराज कपूर]] के पड़पोते हैं और उनके दादा [[राज कपूर]] प्रसिद्ध अभिनेता एवं फ़िल्मनिर्माता हैं। उनके ताऊ रणधीर कपूर और चाचा राजीव कपूर हैं, करिश्मा कपूर और करीना कपूर उनकी चचेरी बहनें हैं और निखिल नंदा उनका फुफेरा भाई है।
जनेश्वर मिश्र का जन्म [[5 अगस्त]], [[1933]] को [[बलिया]] ज़िले के शुभ नाथहि [[गांव]] में हुआ था। उनके पिता का नाम रंजीत मिश्र और माता का नाम बासमती था। लोकनायक [[जयप्रकाश नारायण]] और [[डॉ. राम मनोहर लोहिया]] का गहरा प्रभाव विद्यार्थी जीवन में जनेश्वर मिश्र पर पड़ा। जयप्रकाश नारायण के सर्वोदय आंदोलन में चले जाने के बाद जब लोहिया ने समाजवादी आंदोलन और संघर्ष की कमान संभाली तब से जनेश्वर मिश्र पूरी तरह से डॉ. लोहिया के ही साथ हो गए।
====शिक्षा====
==शिक्षा==
रनबीर कपूर ने अपनी पढ़ाई बांबे स्‍‍काटिश स्‍कूल, माहिम से पूरी की। लेकिन उनका कभी भी पढ़ार्इ की तरफ झुकाव न‍हीं रहा। एच आर कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकनॉमिक्‍स से पढ़ाई करने के बाद वे फ़िल्‍म मेकिंग के गुण सीखने के लिए न्‍यूयार्क के स्‍कूल ऑफ़ विजुअल आर्टस चले गए।<ref name="a"/>
जनेश्वर मिश्र ने [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] से कला वर्ग में स्नातक किया। वहाँ उन्होंने हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई की और जल्द ही छात्र राजनीति से जुड़ गए। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन किए, जिसमें छात्रों ने उनका बढ़-चढ़ कर साथ दिया।
==कॅरियर==
==राजनैतिक कैरियर==
रनबीर के फ़िल्‍मी कॅरियर की शुरुआत संजय लीला भंसाली की फ़िल्‍म 'सांवरिया' से हुई थी और तभी सभी ने उन्‍हें आने वाले समय का सुपरस्‍टार घोषित कर दिया था। यह फ़िल्‍म तो कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई लेकिन इसके बाद रिलीज हुई फ़िल्‍म 'बचना ए हसीनों' हिट हुई और फिर कई फ़िल्‍मों में अच्‍छे अभिनय से रनबीर ने आलोचकों के साथ-साथ जनता का भी दिल जीत लिया। अपने फ़िल्मी कॅरिअर की [[बॉलीवुड]] मैं शुरुआत करने से पहले रणबीर कपूर ने दो लघु फिल्मों 'पैशन टु लव' ([[2002]]), जिसका उन्होंने खुद निर्देशन भी किया और इंडिया [[1964]] ([[2004]]) में अभिनय किया। रणबीर कपूर ने अपनी फ़िल्म सांवरिया में पहली बार [[नवम्बर]] [[2007]] को नवागंतुक सोनम कपूर के साथ प्रथम अभिनय किया था। ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर विफल रही। इस फ़िल्म पर समालोचक तरण आदर्श ने टिप्पणी की थी, कि- "रणबीर कपूर अत्याधिक प्रतिभाशाली हैं, इस पर दो राय नहीं हैं, वे अच्छे लगते हैं, पर जो चीज हम घर ले जाते हैं, वह है प्रदर्शन में ईमानदारी अगर इनकी पहली फ़िल्म में उनका प्रदर्शन इतने ऊंचे स्तर का प्रदर्शन रहा तो यह आने वाले वर्षों में कपूर खानदान को गर्वित कर सकते हैं।
जनेश्वर मिश्र ने अपने राजनीतिक कॅरियर को दाओबा इंटर कॉलेज से शुरू किया। जनेश्वर मिश्र ने तमाम युवाओं को समाजवादी संघर्ष और विचार से जोड़ कर राजनीतिक सक्रियता प्रदान की। वहीं, [[डॉ. राम मनोहर लोहिया|डॉ. लोहिया]] के विचारों के लिए संघर्ष करने वाले लोकबंधु राज नारायण का भी जनेश्वर मिश्र पर काफी प्रभाव पड़ा। इसके बाद वह समाजवादी युवजन सभा में सम्मिलित हो गये और फिर वे राममनोहर लोहिया के संपर्क में आए। [[1989]] में वह पहली बार सांसद बने फिर [[1977]] में वह केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री बनाए गए। [[1989]] में वह संचार राज्यमंत्री रहे। [[1994]] में वह राज्यसभा सदस्य बने और [[1996]] में उन्हें जल संसाधन मंत्री बनाया गया।
==प्रमुख फ़िल्में==
===प्रथम चुनाव===
रणबीर कपूर ने सांवरिया ([[2007]]) के बाद बहुत सी फ़िल्में कीं। इसके बाद उन्होंने 'बचना ऐ हसीनों' ([[2008]]) में काम किया ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। इसके बाद उन्होंने बहुत सी हिट फ़िल्में दीं- [[2009]] में 'अज़ब प्रेम की गज़ब कहानी', राजनीति ([[2010]]), 'अंजाना अंजानी' 2010, चिल्लर पार्टी ([[2011]]), रॉकस्टार (2011), 'बर्फी' 2012]], 'बॉम्ब टॉकीज', [[2013]], 'ये जवानी है दीवानी' (2013), 'बेशर्म' (2013), 'भूतनाथ रिटर्न' ([[2014]]), 'रॉय' ([[2015]]), 'बॉम्बे वेलवेट' ([[2015]]), 'तमाशा' ([[2015]]), 'ऐ दिल है मुश्किल' ([[2016]])। इन प्रसिद्ध के साथ रणबीर बॉलीवुड के सितारों में शामिल हो गये हैं।
जनेश्वर मिश्र का राजनैतिक सफर [[1967]] में शुरू हुआ। जब वह जेल में थे तभी [[लोकसभा]] का चुनाव आ गया। छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से [[विजयलक्ष्मी पंडित]] के खिलाफ चुनाव लड़ाया। चुनाव सात दिन बाकी था तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। इस चुनाव में जनेश्वर को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद विजयलक्ष्मी राजदूत बनीं।
==रोचक बातें==
==सांसद==
* [[28 सितम्बर]] [[1982]] को जन्मे रणबीर कपूर का नाम उनके दादा जी के नाम पर रखा गया था, जिनका पूरा नाम रणबीर राज कपूर था।
जनेश्वर मिश्र पहली बार [[1969]] में [[इलाहाबाद]] की फूलपुर से निर्वाचित होकर [[सांसद]] बने। उन्होंने तब [[इंदिरा गांधी]] के मंत्रि‍मंडल में पेट्रोलियम मंत्री केडी मालवीय को हराया था। वे पहले ऐसे गैर कांग्रेसी सांसद थे, जो फूलपुर लोकसभा सीट से चुने गए थे। वे चार बार लोकसभा के लिए चुने गए, जबकि राज्यसभा के लिए [[1996]], [[2000]] और [[2006]] में चुने गए। जनेश्वर मिश्र केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। वे [[मोरारजी देसाई]], [[वी. पी. सिंह]] और [[चौधरी चरण सिंह]] की सरकार में बतौर मंत्री की भूमिका निभाई। जनेश्वर मिश्र जब तक रहे उन्हें समाजवादी पार्टी का 'थिंक टैंक' माना जाता था। वे कहते थे कि 'समाजवाद सिर्फ सियासी लफ़्ज़ नहीं है बल्कि यिह किसी भी समाज का संपूर्ण आधार है।' उनका मानना था कि उपभोक्तावादी संस्कृति युवा वर्ग को वैचारिक रूप से पतन की ओर ले जाती है। जनेश्वर मिश्र लोगों के लिए और समाज के शोषित लोगों के लिए संघर्ष करते हुए कई बार जेल गए।
* कपूर खानदान के अन्य लोगों की तरह, रणबीर कपूर भी खाने के बेहद शौकीन हैं।
==छोटे लोहिया नामकरण==
*रणबीर कपूर की पहली फ़िल्म 'सांवरिया' की खासियत यह थी कि रणबीर इस फ़िल्म में तौलिये के साथ कुछ वैसे ही खेल करते हुए दिखे जैसे उनके पिता ऋषि कपूर अपनी पहली फ़िल्म बॉबी में नजर आए थे।
जनेश्वर मिश्र राम मनोहर लोहिया के निजी सचिव थे। ऐसे में उन पर समाजवाद के प्रणेता कहे जाने वाले लोहिया के विचारों का उन पर खासा प्रभाव पड़ा। जनेश्वर मिश्र ने राम मनोहर लोहिया के साथ बहुत दिनों तक काम कि‍या। इस दौरान उन्होंने राम मनोहर लोहिया के विचारों और कार्यशैली को पूरी तरह से आत्मसात कर लिया था। इसके बाद जब लोहिया का देहांत हुआ तो [[इलाहाबाद]] में एक बड़ी सभा हुई। इसमें समाजवादी नेता छुन्नु ने कहा कि जनेश्वर मिश्र के अंदर राम मनोहर लोहिया के सारे गुण हैं और वे एक तरह से छोटे लोहिया हैं। इसके बाद उनका नाम 'छोटे लोहिया' पड़ गया और फिर लोग उन्हें इस नाम से ही पुकारने लगे।
*रणबीर कपूर मिमिक्री करने में भी माहिर हैं खासतौर पर संजय दत्त की, शायद इसलिए संजय दत्त पर बन रही बायोपिक का ऑफर रणबीर कपूर को ही मिला।
==निधन==
*रणबीर कपूर एक ऐसे अभिनेता हैं कि वह जिस फ़िल्म में काम करते हैं उसकी नायिका के साथ उनके प्रेम सम्बंधों की चर्चाएं होने लगतीं। पहली बार उनके प्रेम सम्बंधों की बड़ी चर्चा फ़िल्म 'बचना ए हसीनों' की नायिका दीपिका पादुकोण के साथ हुई थी। लेकिन [[2010]] आते-आते यह सम्बंध टूट गया।
समाजवाद के इस मुखर वक्ता का [[22 जनवरी]] [[2010]] को 76 साल की उम्र में उनकी कर्मस्थली [[इलाहाबाद]] में निधन हो गया। हालांकि, भले ही जनेश्वर मिश्र आज शरीर से न हो, लेकिन उनके किए काम से आज भी वे जिंदा हैं।
* आमिर ख़ान और [[शाहरुख ख़ान]] के बाद रणबीर कपूर नए सितारों में से वह पहले सितारे हैं जिन्होंने निर्देशकों से फीस के बजाय कमाई का एक हिस्सा लेना शुरू कर दिया है।
* रणबीर भले ही फ़ुटबॉल टीम के मालिक हों लेकिन उन्हें खेलों में क्रिकेट बेहद पंसद हैं और वो खुद [[मुंबई]] के बांद्रा किक्रेट क्लब के मेंबर भी हैं।
* रणबीर एक अच्छें पेंटर भी हैं। फ़िल्म ‘आ अब लौट चलें’ के सेट पर जहां वो फ़िल्म के डायरेक्टर और अपने पिता ऋषि कपूर को असिस्ट कर रहे थे। इस फ़िल्म के सेट पर उन्होंने नायिका [[ऐश्वर्या राय]] और रुमी जाफरी की एक पेंटिंग बनाई थी, जिसे रुमी ने आज तक संभाल कर रखा है।
* फ़िल्मों में अभिनय के अलावा रणबीर चैरिटी कामों में भी सक्रिय हैं। वह महिला सशक्तिकरण के समर्थक हैं और [[शबाना आजमी]] के एनजीओ 'मिजवान वेलफेयर सोसाइटी' के गुडविल ब्रांड एम्बेसेडर हैं। रणबीर कपूर ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ जागरुकता के विज्ञापन में काम कर चुके हैं।<ref name="a"/>
==सम्मान और पुरस्कार==
*'फिल्मफेयर पुरस्कार' - उन्हें यह पुरस्कार फ़िल्म सांवरिया में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक अभिनेता के लिए दिया गया था।
*'स्टार स्क्रीन पुरस्कार' - यह पुरस्कार होनहार नवोदित कलाकार (पुरुष) के लिए सांवरिया फ़िल्म को दिया गया।
*'स्टार स्क्रीन पुरस्कार' - रणबीर को वर्ष [[2008]] में फ़िल्म सावंरिया में सोनक कपूर के साथ 'जोड़ी नं. 1' का पुरस्कार दिया गया।
*'जी सिने अवार्ड' - रणबीर कपूर को वर्ष 2008 में फ़िल्म सांवरिया में सर्वश्रेष्ठ प्रथम प्रवेश के लिए सम्मानित किया गया।
*'अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार' (आइफा अवार्ड)- वर्ष [[2008]] में रणबीर ने 'अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार पहली उपस्थिति' प्राप्त किया।
*'अप्सरा फ़िल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड पुरस्कार' - उन्हें वर्ष [[2008]] को सर्वश्रेष्ठ पुरुष के रूप में प्रथम प्रवेश के लिए  इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

13:00, 28 फ़रवरी 2017 का अवतरण

जनेश्वर मिश्र (अंग्रेज़ी: Janeshwar Mishra जन्म- 5 अगस्त, 1933, शुभनथहीं, बलिया; मृत्यु- 22 जनवरी 2010, इलाहाबाद) समाजवादी पार्टी के राजनेता थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। उन्होंने गरीब और शोषित लोगों के लिए हमेशा संघर्ष किया और यही वजह है कि आज भी उन्हें उनके समाजवाद के लिए न सिर्फ याद किया जाता है बल्कि 'छोटे लोहिया' भी जाना जाता है।

परिचय

जनेश्वर मिश्र का जन्म 5 अगस्त, 1933 को बलिया ज़िले के शुभ नाथहि गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रंजीत मिश्र और माता का नाम बासमती था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया का गहरा प्रभाव विद्यार्थी जीवन में जनेश्वर मिश्र पर पड़ा। जयप्रकाश नारायण के सर्वोदय आंदोलन में चले जाने के बाद जब लोहिया ने समाजवादी आंदोलन और संघर्ष की कमान संभाली तब से जनेश्वर मिश्र पूरी तरह से डॉ. लोहिया के ही साथ हो गए।

शिक्षा

जनेश्वर मिश्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कला वर्ग में स्नातक किया। वहाँ उन्होंने हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई की और जल्द ही छात्र राजनीति से जुड़ गए। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन किए, जिसमें छात्रों ने उनका बढ़-चढ़ कर साथ दिया।

राजनैतिक कैरियर

जनेश्वर मिश्र ने अपने राजनीतिक कॅरियर को दाओबा इंटर कॉलेज से शुरू किया। जनेश्वर मिश्र ने तमाम युवाओं को समाजवादी संघर्ष और विचार से जोड़ कर राजनीतिक सक्रियता प्रदान की। वहीं, डॉ. लोहिया के विचारों के लिए संघर्ष करने वाले लोकबंधु राज नारायण का भी जनेश्वर मिश्र पर काफी प्रभाव पड़ा। इसके बाद वह समाजवादी युवजन सभा में सम्मिलित हो गये और फिर वे राममनोहर लोहिया के संपर्क में आए। 1989 में वह पहली बार सांसद बने फिर 1977 में वह केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री बनाए गए। 1989 में वह संचार राज्यमंत्री रहे। 1994 में वह राज्यसभा सदस्य बने और 1996 में उन्हें जल संसाधन मंत्री बनाया गया।

प्रथम चुनाव

जनेश्वर मिश्र का राजनैतिक सफर 1967 में शुरू हुआ। जब वह जेल में थे तभी लोकसभा का चुनाव आ गया। छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़ाया। चुनाव सात दिन बाकी था तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। इस चुनाव में जनेश्वर को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद विजयलक्ष्मी राजदूत बनीं।

सांसद

जनेश्वर मिश्र पहली बार 1969 में इलाहाबाद की फूलपुर से निर्वाचित होकर सांसद बने। उन्होंने तब इंदिरा गांधी के मंत्रि‍मंडल में पेट्रोलियम मंत्री केडी मालवीय को हराया था। वे पहले ऐसे गैर कांग्रेसी सांसद थे, जो फूलपुर लोकसभा सीट से चुने गए थे। वे चार बार लोकसभा के लिए चुने गए, जबकि राज्यसभा के लिए 1996, 2000 और 2006 में चुने गए। जनेश्वर मिश्र केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। वे मोरारजी देसाई, वी. पी. सिंह और चौधरी चरण सिंह की सरकार में बतौर मंत्री की भूमिका निभाई। जनेश्वर मिश्र जब तक रहे उन्हें समाजवादी पार्टी का 'थिंक टैंक' माना जाता था। वे कहते थे कि 'समाजवाद सिर्फ सियासी लफ़्ज़ नहीं है बल्कि यिह किसी भी समाज का संपूर्ण आधार है।' उनका मानना था कि उपभोक्तावादी संस्कृति युवा वर्ग को वैचारिक रूप से पतन की ओर ले जाती है। जनेश्वर मिश्र लोगों के लिए और समाज के शोषित लोगों के लिए संघर्ष करते हुए कई बार जेल गए।

छोटे लोहिया नामकरण

जनेश्वर मिश्र राम मनोहर लोहिया के निजी सचिव थे। ऐसे में उन पर समाजवाद के प्रणेता कहे जाने वाले लोहिया के विचारों का उन पर खासा प्रभाव पड़ा। जनेश्वर मिश्र ने राम मनोहर लोहिया के साथ बहुत दिनों तक काम कि‍या। इस दौरान उन्होंने राम मनोहर लोहिया के विचारों और कार्यशैली को पूरी तरह से आत्मसात कर लिया था। इसके बाद जब लोहिया का देहांत हुआ तो इलाहाबाद में एक बड़ी सभा हुई। इसमें समाजवादी नेता छुन्नु ने कहा कि जनेश्वर मिश्र के अंदर राम मनोहर लोहिया के सारे गुण हैं और वे एक तरह से छोटे लोहिया हैं। इसके बाद उनका नाम 'छोटे लोहिया' पड़ गया और फिर लोग उन्हें इस नाम से ही पुकारने लगे।

निधन

समाजवाद के इस मुखर वक्ता का 22 जनवरी 2010 को 76 साल की उम्र में उनकी कर्मस्थली इलाहाबाद में निधन हो गया। हालांकि, भले ही जनेश्वर मिश्र आज शरीर से न हो, लेकिन उनके किए काम से आज भी वे जिंदा हैं।