"पहेली 23 मार्च 2017": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCAL...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
| [[चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCALMONTHNAME}} {{LOCALYEAR}}]]
| [[चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCALMONTHNAME}} {{LOCALYEAR}}]]
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{'''मारो फिरंगी को''' यह प्रसिद्ध नारा [[भारत]] के किस क्रांतिकारी द्वारा दिया गया था?
{[[राजस्थान]] का राज्य पक्षी कौन-सा है?
|type="()"}
|type="()"}
-[[भगत सिंह|सरदार भगत सिंह]]
-[[पहाड़ी मैना]]
-[[सुखदेव]]
+[[गोडावण]]
+[[मंगल पांडे]]
-[[बुलबुल]]
-[[राजगुरु]]
-[[नीलकंठ]]
||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|100px|right|border|मंगल पांडे]]'मंगल पांडे' का नाम [[भारतीय स्वाधीनता संग्राम]] के अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से [[अंग्रेज़]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] का शासन बुरी तरह हिल गया था। [[मंगल पांडे]] की शहादत ने [[भारत]] में पहली क्रांति के बीज बोए थे। "मारो फिरंगी को" यह प्रसिद्ध नारा भारत की स्वाधीनता के लिए सर्वप्रथम आवाज़ उठाने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे की जुबां से [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857 की क्रांति]] के समय निकला था। भारत की आज़ादी के लिए क्रांति का आगाज़ [[31 मई]], [[1857]] को होना तय हुआ था, परन्तु यह दो [[माह]] पूर्व [[29 मार्च]], 1857 को ही आरम्भ हो गई। मंगल पांडे को आज़ादी का सर्वप्रथम क्रान्तिकारी माना जाता है। 'फिरंगी' अर्थात '[[अंग्रेज़]] या ब्रिटिश जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए थे, को क्रांतिकारियों व भारतियों द्वारा फिरंगी नाम से पुकारा जाता था। गुलाम जनता तथा सैनिकों के हृदय में क्रांति की जल रही आग को धधकाने के लिए व लड़कर आज़ादी लेने की इच्छा को दर्शाने के लिए यह नारा मंगल पांडे द्वारा गुंजाया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पांडे]]
||[[चित्र:Sonchiriya.jpg|100px|right|border|गोडावण]]'गोडावण' एक पक्षी है, जो आकार में काफ़ी बड़ा तथा वजन में भारी होता है। यह [[राजस्थान]] का राज्य पक्षी है। [[गोडावण]] राजस्थान तथा सीमावर्ती [[पाकिस्तान]] के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक दुर्लभतम पक्षी है। राजस्थान सरकार के वन विभाग ने गोडावण की रक्षार्थ 'गोडावण संरक्षण प्रोजेक्ट' की शुरूआत भी की है, जिससे इस पक्षी को लुप्त होने से बचाया जा सके और इसकी संख्या भी बढ़ सके। गोडावण भारी होने के कारण उड़ नहीं सकता, लेकिन लंबी और मजबूत टांगों के सहारे बहुत तेजी से दौड़ सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोडावण]]
</quiz>
</quiz>



09:41, 3 मार्च 2017 का अवतरण